सारस न्यूज़ टीम, सारस न्यूज़।
सिलीगुड़ी शहर से 20 किलोमीटर दूर सेवक रोड में ऐतिहासिक सेवक कोरेनेशन ब्रिज पर अचानक से एक गाड़ी में आग धधकने लगती है। इस दौरान बम विस्फोट भी होता है। इस घटना के बाद आसपास के लोगों में अफरा- तफरी मच जाती है। आग बुझाने के लिए आवाज भी लगाते हैं, लेकिन तभी पता चलता है कि घबराने जैसी कोई बात नहीं है यह एक फिल्म की शूटिंग का दृश्य है। सेवक कोरेनेशन ब्रिज के ठीक ऊपर इस तरह की घटना होने के बाद सवाल उठ रहे हैं कि ऐतिहासिक ब्रिज पर विस्फोट के साथ वाहन में आग लगने की शूटिंग किया जाना कितना जायज है। उधर, दार्जीलिंग जिला पुलिस अधीक्षक संतोष निम्बालकर ने नागरिकों को आतंकित नहीं होने की सलाह दी है। इसके साथ ही उन्होंने ब्रिज पर पुलिस बल की तैनाती की है। फ़िल्म बनाने वाली कंपनी के अधिकारी और स्पॉट पर मौजूद निर्देशक को अधीक्षक निकटवर्ती थाने बुलाया गया है।
1945 में बनी सेवक कोरोनेशन ब्रिज पहले से ही कमजोर स्थिति में है। उस पर 10 टन से अधिक के वाहन चलने पर रोक लगाया जा चुका है। वर्ष 2011 के भूकंप में उसके एक हिस्से में दरार आने की बात भी सामने आई थी। तथा ब्रिज अधिक पुराना होने के चलते पहले की तुलना में कमजोर भी हो चुका है। ऐसे में यह जोखिम लेना कितना जायज है। इसे लेकर जगह-जगह से सवाल भी उठ रहे हैं। डुवार्स फोरम की ओर से इस पर सवाल उठाया गया है।
फोरम के पदाधिकारी चंदन राय का कहना है कि यह घटना दुर्भाग्यपूर्ण है। फिल्म की शूटिंग सेवक ब्रिज से हटकर आसपास भी की जा सकती थी। दूर से सेवक ब्रिज को शूट किया जा सकता था। लेकिन ठीक ब्रिज के ऊपर एक ब्लास्ट कर शूटिंग करना ठीक नहीं है । निश्चित रूप से इससे पहले से ही कमजोर ब्रिज को नुकसान होगा। उन्होंने कहा कि फोरम हमेशा से सेवक ब्रिज को ऐतिहासिक घोषित करते हुए इसे संरक्षित किए जाने की मांग करता रहा है। साथ ही इस ब्रिज को बचाने के लिए अलग से वैकल्पिक ब्रिज तैयार करने की मांग को लेकर भी आंदोलन किया जाता आ रहा है। यह ब्रिज हमारे लिए धरोहर है। इसे देखने के लिए काफी संख्या में पर्यटक यहां आते हैं। लेकिन तमाम चीजों को नजरअंदाज करते हुए यह सब किया गया, जो दुर्भाग्यपूर्ण है। फोरम यही चुप बैठने वाला नहीं जल्द ही जल्द इस बारे में प्रशासन से सवाल जवाब किए जाएंगे। घटना के बारे में प्रशासन की ओर से अब तक साफ तौर पर कुछ नहीं कहा गया है। इससे कहीं ना कहीं संदेह गहराता जा रहा है।
कर्सियांग एसडीओ ने कहा कि उन्हें इस बारे में कोई जानकारी नहीं थी। फोरम ने सवाल किया है कि आखिर प्रशासन की जानकारी के बगैर फिल्म की शूटिंग कैसे हुई। पास में ही सेवक पुलिस फाड़ी है। कम से कम उसे तो जरूर इस बारे में जानकारी होनी चाहिए थी। नियमानुसार सेवक ब्रिज पर हर वक्त पुलिस की मौजूदगी की बात है। प्रशासन को इस बारे में स्पष्टीकरण देना चाहिए।
बताते चलें कि 1937 में जार्ज षष्टम का इंग्लैंड में जब राज्याभिषेक हो रहा था, तो उनके राज्याभिषेक की खुशी में ब्रिटिश हुकूमत द्वारा कोरोनेशन ब्रिज की नींव रखी गई थी । यह ब्रिज 1941 में बनकर तैयार हुआ था। उस समय के तत्कालीन गवर्नर ने इसकी आधारशिला रखी थी। ब्रिज पर उस दौर में चार लाख रुपए खर्च किए गए थे। यह चार साल में बनकर तैयार हुआ था। यह ब्रिज डुवार्स को सिलीगुड़ी से सीधे तौर पर जोड़ता है।