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● युवाओं को कल के भविष्य को बचाने के लिए पुलिस द्वारा लगातार चलेगी अभियान : एडिशनल एसपी
खोरीबाड़ी : नशा हर रूप से सेहत के लिए हानिकारक है। इससे हर कोई वाकिब है, लेकिन फिर भी इन दिनों युवा वर्ग के अधिकांश लोग इसकी चंगुल में फंसते जा रहे हैं। नशे के दलदल में फंसने के बाद उनका कैरियर तो बर्बाद हो रहा है। साथ ही सेहत भी गंवा बैठ रहे हैं। आजकल के युवाओं को नशे की लत लग चुकी है। युवा पीढ़ी शराब की बजाय सूखे नशे यानी स्मैक, चरस व नशीले ड्रग्स, गांजा आदि ऐसे तमाम नशे 15 साल की उम्र से 26 साल की उम्र के युवा कर रहे हैं। ऐसे में उन युवाओं को कल के भविष्य को बचाने के लिए खोरीबाड़ी पुलिस ने नशा मुक्त करने को लेकर अभियान चलाया है। लेकिन वहीं दूसरी ओर भारत-नेपाल सीमा पर स्थित पानीटंकी इलाका इन दिनों ड्रग्स कारोबारियों एवं नशेरियों के लिए गढ़ बनता जा रहा है, जो प्रशासन के लिए नशा मुक्त समाज निर्माण में एक रोड़ा साबित हो रहा है।
इसको देखते हुए रविवार को खोरीबाड़ी थाना प्रभारी सुमन कल्याण सिंघम का रूप लेते हुए पानी टंकी फॉरेस्ट इलाके में नशाकारियों के खिलाफ अभियान चलाया। इस दौरान खोरीबाड़ी थाना प्रभारी सुमन कल्याण के नेतृत्व में पुलिस कर्मियों ने पानीटंकी से सटे जंगल मे नशे कारोबारियों एवं नशेरियों के खिलाफ अभियान चलाया गया। माना जाता है कि इन दिनों पानीटंकी से सटे जंगल नशेरियों के लिए विभिन्न प्रकार के नशा विशेषकर ब्राउन शुगर, हेरोइन, गांजा आदि के सेवन करने के लिये एक पिकनिक स्पोर्ट के रूप में परिणत हो रहा है। सूत्रों की माने तो यहां दिन भर दूर -दूर से लोग नशा का सेवन करने आते हैं। स्थानीय निवासियों का कहना है कि हमारे समाज के विशेषकर युवा वर्ग ड्रग्स पैडलर के चक्कर में फंस कर इन नशा के आदि हो रहे हैं। समय रहते इन नशा कारोबारियों पर अंकुश नहीं लगाया गया तो आने वाले दिनों में हर घर से कोई न कोई युवा नशे के चंगुल में फंस जाएगा। हालांकि इस दिन खोरीबाड़ी पुलिस द्वारा अभियान में किसी की गिरफ्तारी नही हो पाई है। लेकिन खोरीबाड़ी पुलिस द्वारा अक्सर ड्रग्स माफियों के खिलाफ अभियान चला कर गिरफ्तारी भी की जाती है और कानून के मुताबिक सजा भी होती है। इस दिन में अभियान में खोरीबाड़ी थाना प्रभारी सुमन कल्याण के साथ पानीटंकी पुलिस इंचार्ज अनुप वैद्य सहित अन्य पुलिस कर्मी व महिला पुलिस कर्मी मौजूद थे। इस संबंध में एडिशनल एसपी मनोरंजन घोष ने बताया कि इन दिनों युवा पीढ़ी शराब की बजाय सूखे नशे यानी स्मैक, चरस व नशीले ड्रग्स, गांजा आदि ऐसे तमाम नशे के दलदल में फंस रहे हैं। ऐसे में उन युवाओं को कल के भविष्य को बचाने के लिए यह अभियान पुलिस द्वारा लगातार चलती रहेगी।