सारस न्यूज़ टीम, दार्जिलिंग।
शनिवार को सुबह से पटरी से उतरे प्रभावित स्थल से ट्रेनों की आवाजाही फिर से शुरू हो गई है। जलपाईगुड़ी जिले के मयनागुड़ी के दोमोहानी में ट्रेन दुर्घटना के बाद इस मेन लाइन से ट्रेनों की आवाजाही बंद थी। अधिकांश ट्रेनों को सिलीगुड़ी जंक्शन और न्यू माल होकर डायवर्ट कर दिया गया था। उसके बाद से यहां पटरियों की मरम्मती का काम युद्ध स्तर पर चल रहा था।
मरम्मती के बाद से इस रूट पर पहली मालगाड़ी दोपहर 02:05 बजे गुजरी। इससे पहले, डाउन लाइन ट्रैक को 20 किमी प्रति घण्टे पर ट्रेन की आवाजाही के लिए फिट प्रमाणित किया गया था। उसके बाद पहली पैसेंजर ले जाने वाली ट्रेन 20505 डीएन डिब्रूगढ़ – नई दिल्ली राजधानी एक्सप्रेस 11:53 बजे प्रभावित खंड को पार कर गई।
संभाग एवं मुख्यालय के वरिष्ठ अधिकारियों की देखरेख में बचाव एवं राहत कार्य पूरा होने के तुरंत बाद बहाली का काम युद्धस्तर पर शुरू हो गया। पाथ वे, सिग्नल, टेलीकॉम और इलेक्ट्रिकल जैसे विभागों ने सभी सुरक्षा सावधानियों का पालन करते हुए कम से कम समय में ट्रेन संचालन शुरू करने के लिए सभी क्षतिग्रस्त वस्तुओं को बदलने या बहाल करने के लिए दिन-रात काम किया।
पूसी रेलवे की सीपीआरओ गुनीत कौर ने बताया है कि 15633 बीकानेर-गुवाहाटी एक्सप्रेस 13 जनवरी को लगभग 17-00 बजे एन.एफ के अलीपुरद्वार जंक्शन डिवीजन के तहत न्यू दोमोहानी और न्यू मयनागुड़ी सेक्शन के बीच पटरी से उतर गई। रेलवे पटरी से उतरने के परिणामस्वरूप 9 यात्रियों की मौत हो गई और 36 घायल हो गए। उन्होंने सभी भर्ती यात्रियों को सर्वोत्तम संभव स्वास्थ्य सुविधाओं का भी आश्वासन दिया। रेलवे ने दुर्घटना के कुछ घटों के भीतर कम से कम समय में अनुग्रह राशि का भुगतान कर दिया है।
रेलवे सुरक्षा आयुक्त ने शुरू की जांच:-
रेलवे सुरक्षा आयुक्त, पूर्वोत्तर सीमात सर्किल, कोलकाता (नागरिक उड्डयन मंत्रालय, भारत सरकार के तहत) द्वारा एक वैधानिक जांच का आदेश पहले ही पटरी से उतरने के कारणों का पता लगाने के लिए दिया जा चुका है। जनता का कोई भी सदस्य जिसे दुर्घटना की जानकारी हो और उससे संबंधित कोई अन्य मामला हो और जो साक्ष्य देना चाहता हो,संपर्क कर सकता है। जांच रिपोर्ट शीघ्र ही सौंपे जाने की उम्मीद है। कौर ने आगे कहा कि रेल मंत्री पहले ही कह चुके हैं कि इस प्रकार की घटना की पुनरावृत्ति न हो इसके लिए सभी सावधानियां एवं आवश्यक कार्यवाही की जाएगी।