बीरबल महतो, सारस न्यूज़, किशनगंज।
उत्तर बंगाल के जलपाईगुड़ी जिले के मयनागुड़ी स्थित दोमहनी के पास गुरुवार शाम को पांच बजे के करीब बीकानेर एक्सप्रेस की 12 बोगियां बेपटरी हो गईं। हादसे में चार-पांच बोगी पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गई हैं। इस ट्रेन हादसे में अब तक सात यात्रियों की मौत की पुष्टि की जा चुकी है। अभी भी कई यात्री बोगी के नीचे दबे हुए हैं। जलपाईगुड़ी की डीएम मोमिता गोदरा बसु ने मौतों की पुष्टि की है। उन्होंने कहा कि 51 एंबुलेंस राहत-बचाव कार्य में लगी हैं। 40 घायलों को मयनागुड़ी और जलपाईगुड़ी अस्पताल में भर्ती कराया गया है। इधर, हादसे की खबर मिलते स्थानीय प्रशासन, पुलिस के बड़े अधिकारी मौके पर पहुंच गए, लेकिन हादसे के तीन घंटे बीत जाने के बाद भी कोई रेलवे अधिकारी मौके पर नहीं पहुंचे। वहीं, राहत बचाव कार्य शुरू कर दिया गया है। मौके पर अंधेरा होने के कारण काम करने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। सिलीगुड़ी, जलपाईगुड़ी, धुपगुड़ी से दमकल कर्मी भी घटनास्थल पर पहुंच गए हैं। इस बीच, 200 से अधिक बीएसएफ के जवान बचाव अभियान को अंजाम देने के लिए घटनास्थल पर पहुंचे हैं। ट्रेन हादसे पर पश्चिम बंगाल के आइजी डीपी सिंह ने कहा कि जब तक बचाव कार्य पूरा नहीं होता, तब तक घायलों की असल संख्या बताना मुश्किल है, लेकिन मिली जानकारी के मुताबिक अभी 36 लोग घायल हैं और तीन लोगों की मौत की सूचना है। बचाव कार्य में स्थानीय पुलिस, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ के अलावा स्थानीय लोग भी मदद कर रहे हैं। राहत और बचाव कार्य जारी है।
आसपास के सभी सरकारी व निजी अस्पतालों को अलर्ट कर दिया गया है। बताया जा रहा है कि दुर्घटना के समय ट्रेन की गति 40 किलोमीटर प्रति घंटा थी। युद्धस्तर पर राहत व बचाव कार्य चलाया जा रहा है। ट्रेन बीकानेर से गुवाहाटी जा रही थी। यह घटना पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे के क्षेत्र में हुई है। इस हादसे में कई बोगियां एक-दूसरे से टकराने के साथ एक दूसरे के ऊपर भी चढ़ गई हैं। साथ ही, कई बोगी पलट गईं हैं। अभी रेलवे व जिला प्रशासन के सामने सबसे बड़ी चुनौती तीन बोगियों में फंसे हुए यात्रियों को निकालना है।