विशेष संवाददाता, सारस न्यूज़, दार्जिलिंग।
खोरीबाड़ी: गुरुवार को संविधान के निर्माता भारत रत्न डा. भीमराव अंबेडकर की 131 वीं जयंती बागडोगरा में जागृति स्पोर्टीग क्लब के प्रांगण में मनाई गई। सभी ने बाबा साहब के चित्र पर माल्यार्पण करके उनको भावभीनी श्रद्धांजलि दी। इस मौके पर क्लब के सदस्यों ने सामूहिक रुप से केक काटा और उपस्थित सभी अतिथियों का मुंह मीठा कराया। इस दौरान अंबुज कुमार राय ने बाबा साहब के जीवन पर प्रकाश डालते कहा कि उनका जन्म मध्य प्रदेश के एक दलित परिवार में 14 अप्रैल 1891 को हुआ। उनका जीवन बड़े कष्ट में गुजरा। वे पढ़ाई में बहुत ही प्रतिभाशाली थे। भारतीय संविधान के निर्माण में उनकी अहम भूमिका रही है। 1990 में उन्हें भारत रत्न से सम्मानित किया गया। डा. भीमराव अंबेडकर ने देश को समरसता का कानून दिया। इसमें सभी वर्गों को समानता के अधिकार दिए हैं।
शिक्षक राहुल दास ने कहा हमें उनके बताए गए रास्ते पर चलना चाहिए। डा. भीमराव अंबेडकर ने लोकतंत्र व समतावाद लाने के लिए जो संविधान दिया उसके लिए पूरा देश हमेशा उनका ऋणी रहेगा। अंबेडकर चाहते थे कि कमजोर लोग शिक्षित बने और फिर संगठित होकर समाज में एकता व समरसता की भावना को मजबूत बनाए। उन्होंने हर समाज को अपने धर्म में आस्था रखने व पूजा करने का अधिकार दिया। समाजसेवी दिलिप मल्लिक ने कहा आज के समय में हम छुआछूत, दहेज प्रथा, नशाखोरी, बाल विवाह आदि सामाजिक बुराइयों से दूर रहकर ही अंबेडकर के सपनों का भारत बनाने की ओर अग्रसर हो सकेंगे। डा. अंबेडकर सच्चे राष्ट्रनायक थे। उनका जीवन समूचे विश्व के लिए प्रेरणास्रोत है। मनोज ओझा ने कहा कि दलितों, महिलाओं, गरीबों व असहायों के लिए बाबा साहब ने जीवनभर जो संघर्ष किया, वह अनुपम व अनुकरणीय है। प्रतिकूल धाराओं में राष्ट्र उत्थान के लिए उन्होंने जो कार्य किए, इसके लिए पूरा देश सदैव उनका ऋणी रहेगा। इस मौके पर क्लब के सदस्य भरत राय, कमलेश दुबे, अंबुज राय, राकेश दुबे, मोहन कुमार लाल व अखिलेश दुबे उपस्थित रहे।