बीरबल महतो, सारस न्यूज़, किशनगंज।
सिलीगुड़ी के बागराकोट स्थित लोकल बस स्टैंड को स्थनांतरण कर तीनबत्ती मोड़ किए जाने का प्रयास आसान प्रतीत नहीं लग रहा है। दार्जिलिंग जिला प्रशासन व सिलीगुड़ी नगर निगम प्रशासकीय बोर्ड के इस प्रयास पर बास मालिकों ने रोष जताया है। बस मालिकों ने इस पर प्रशासन से फिर से विचार करने का भी अनुरोध किया है। उनका कहना है कि सिलीगुड़ी शहर में ही कोर्ट से लेकर अन्य सरकारी कार्यालय है। सभी बाजार शहर में ही स्थापित है। बागराकोट बस स्टैंड से गाड़ियां शिवमंदिर, पानीटंकी, खारीबारी, बागडोगरा, नक्सलबाड़ी व बिधान नगर की ओर जाती है। उन जगहों से ही सवारी सिलीगुड़ी आती हैं। बस स्टैंड का स्थानांतरण हो जाने से कई तरह की समस्याएं खड़ी हो जाएंगी। एक तो बस का रूट भी बदल जाएगा। दूसरे दूरी भी पांच से छह किलोमीटर बढ़ जाएगी। ऐसे में सिलीगुड़ी शहर से जिसको छह-सात किलोमीटर दूर माटीगाड़ा व शिवमंदिर जाना होगा, वह उल्टा तीनबत्ती मोड़ बस पकड़ने क्यों जाएगा। जब सवारी ही नहीं मिलेगी, बस का परिचालन कैसे होगा। इसके अलावा तीनबत्ती मोड़ जलपाईगुड़ी जिले में पड़ता है, ऐसे में कागजात संबंधी कार्य कराने के लिए भी सिलीगुड़ी से 40-45 किलोमीटर दूर जलपाईगुड़ी जाना होगा।
इस बारे में नार्थ बंगाल में पैसेंजर ट्रांसपोर्ट ऑनर को-आर्डिनेशन कमेटी के सचिव प्रणव मनी का कहना है कि सरकार सिर्फ बसों के परिचालन पर तरह-तरह की नियम लगाती है। लोकल बस स्टैंड स्थानांतरण का प्रयास अन्याय पूर्ण है। इससे बस परिचालन पर काफी असर होगा। कोरोना वायरस महामारी के दौर में पहले से ही बस परिचालन की स्थिति ठीक नहीं है। लंबे समय तक बसें बंद थीं। बस स्टैंड स्थानांतरण से कई तरह की समस्याएं उत्पन्न होंगी। प्रशासन के इस प्रयास पर क्या किया जा सकता है, इसको लेकर जल्द ही को-आर्डिनेशन कमेटी की मीटिंग की जाएगी।
उल्लेखनीय है कि बीते सोमवार को सिलीगुड़ी नगर निगम कार्यालय में हुई सिलीगुड़ी नगर निगम प्रशासकीय बोर्ड की बैठक में सिलीगुड़ी के लोकल बस स्टैंड को तीनबत्ती मोड़ स्थानांतरण करने का निर्णय लिया गया। नगर निगम प्रशासकीय बोर्ड के चेयरमैन गौतम देव का कहना है कि शहर से ट्रैफिक जाम की समस्या से निजात दिलाने के लिए सिलीगुड़ी शहर के लोकल बस स्टैंड को यहां से हटाए जाने पर चर्चा हो रही है। दूरी बढ़ने समेत बस मालिकों को जो समस्याएं हैं, इस पर दार्जिलिंग जिले के डीएम के साथ बैठक करेंगे।