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20 महीनों बाद खुली स्कूलें, विद्यार्थियों की रही चहल पहल

Nov 16, 2021

चन्दन मंडल, सारस न्यूज़, बंगाल।

खोरीबाड़ी : कोरोना महामारी के कारण स्कूल व कॉलेज को बंद कर दिया गया था। लगभग 20 महीने के बाद कोरोना संक्रमण नियंत्रित होने पर राज्य सरकार ने मंगलवार से 9वीं, 10वीं , 11 वीं व 12वी कक्षा के विद्यार्थियों के लिए स्कूल खोल दिए गए। स्कूलों में 9 वीं और 11 वीं पढ़ाई के लिए सुबह 10 बजे से शाम 3.30 बजे तक का समय निर्धारित किया गया है। वहीं 10 वीं और 12 वीं कक्षा के पढ़ाई सुबह 11 बजे से शाम 4 बजे तक का समय निर्धारित किया गया है। इस दौरान कोविड़ गाइडलाइन के तहत स्कूल कालेज में पठन-पाठन करने का निर्देश दिया गया है। इसी के तहत मंगलवार से खोरीबाड़ी व नक्सलबाड़ी में हाई स्कूलों में 9वीं , 10वीं व 11, 12 वीं उच्च विद्यालय के विद्यार्थियों का पठन-पाठन शुरू किया गया है। वहीं 8 महीनों बाद खुली खोरीबाड़ी जे.आर. उच्च विद्यालय में 9, 10 , 11 और 12 वीं के विद्यार्थियों के स्कूल पहुंचने पर सभी के मास्क के साथ कक्षा में प्रवेश दिया गया। स्कूल खुलने के बाद विद्यार्थियों की चहल पहल देखी गई। खोड़ीबाड़ी जे. आर. हिंदी हाई स्कूल में भी समय पर बच्चे एवं शिक्षकों के पहुचने का सिलसिला शुरू हो गया । जिससे फिर से एक बार स्कूल गुलजार हो उठा । कक्षा में भी शारीरिक दूरी का पूरा ध्यान रखा गया।

इस संबंध में खोरीबाड़ी जे. आर.उच्च विद्यालय के प्रधानाध्यापिका डॉक्टर ममता सिंह ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि करीब आठ महीनों बाद स्कूल खुली है। उन्होंने कहा स्कूल बंद रहने से बच्चों के बिना स्कूल मानो तो शरीर था लेकिन जान नहीं था। बच्चों हैं विद्यालय फिर से जीवंत हो उठा है। बच्चें समेत सभी कर्मचारी भी काफी उत्साहित हैं।उन्होंने कहा उम्मीद करती हूं कि कोरोना के कारण अब स्कूल बंद नहीं हो लेकिन फिर भी जान है तो जहान है। क्योंकि जान रहेगा तभी शिक्षा ग्रहण कर पाएंगे। उन्होंने कहा कोविड -19 (कोरोना वायरस) प्रोटोकॉल का ध्यान रखा जा रहा है। कोरोना वायरस को लेकर सरकार द्वारा जारी दिशा-निर्देश हैं उनका पूर्ण रूप से अनुपालन किया जाएगा। उन्होंने कहा विद्यार्थी को कोरोना से अपना बचाव, सावधानी, कोरोना जांच आदि की जानकारी दी गई है। स्कूल खुलने से विद्यार्थियों में काफी उत्साह देखा गया। विद्यार्थियों ने आनलाइन पढ़ाई के बदले ऑफलाइन यानी स्कूल में आकर पढ़ाई करना बेहतर बताया है।

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