सारस न्यूज टीम, सारस न्यूज़।
पर्यटन क्षेत्र के रूप में दार्जिलिंग पूरे देश के अलावे विश्व में भी प्रसिद्ध है। ऐसे में मिरिक का सुमेंदु झील भी पर्यटन स्थल के रूप में अपना स्थान हासिल कर चुका है। मिरिक में नौका विहार पहले से ही चालू है। लेकिन अब मिरिक झील में जम्मू-कश्मीर की डल झील की तर्ज पर शिकारा परिसेवा शुरू किया गया है। हालांकि इसकी शुरूआत जीटीए पर्यटन विभाग की पहल पर गत 12 मार्च से शुरू कर दी है। फिलहाल पर्यटकों के लिए एक शिकारा शुरू किया गया है। आने वाले समय में पयर्टकों की मांग को देखते हुए इसकी संख्या में बढ़ोतरी की जाएगी। जीटीए पर्यटन विभाग की ओर फिलहाल मिरिक के सुवेंदु झील में शिकारा को ट्रायल के रूप में उतारा गया है।
दार्जिलिंग के बाद सैलानी का झुकाव मिरिक की ओर
कई करोड़ रुपये खर्च कर चारों ओर चाय बागान तथा पाइन के पड़ों से मिरिक लेक को सजाया गया है। दार्जिलिंग घुमने जाने से पहले पर्यटक यहां पर आकर मिरिक झील में घूमने का आनंद लेते है। यहां पर नौका विहार अर्थात पैडल बोट उपलब्ध है। वर्तमान में पर्यटकों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए लाइफ जैकेट की व्यवस्था भी की गई है। वर्तमान में शिकारा में चढ़कर झील का आनंद लेने के लिए पर्यटकों को 500 रुपये देने पड़ते है। इसे लेकर स्थानीय पर्यटन व्यवसायियों का कहना है कि शिकारा की मांग बढऩे के कारण जीटीए पर्यटन विभाग की ओर से बहुत जल्द दूसरा शिकारा भी चालू किया जाएगा।
शिकारा से पर्यटन हो रहे आकर्षित
इधर मिरिक नगरपालिका बोर्ड का चुनाव बहुत जल्द होने वाला है। वही मुख्यमंत्री ममता बनर्जी मिरिक को सजाने के लिए बहुत पहले ही निर्देश दे चुकी है। हाल ही राज्य के पर्यटन मंत्री इंद्रनील सेन तथा मंत्री अरूप विश्वास के बीच नगरपालिका चेयरमैन एलबी राई के साथ बैठक कर मुख्यमंत्री को रिपोर्ट सौंपी जा चुकी है। इधर शिकारा चालू होने की खबर मिलते ही काफी संख्या में पर्यटक हर दिन आ रहे है।
पर्यटन जगह से जुड़े लोगों का कहना है कि जम्मू कश्मीर की तर्ज पर मिरिक के सुवेंदु झील में शिकारा की सवारी शुरू होने से उत्तर बंगाल के पर्यटन जगत को एक नया आयाम मिलेगा।
क्या है शिकारा?
शिकारा एक प्रकार की लकड़ी की नाव है जो मुख्यत: भारतीय केन्द्र शासित प्रदेश जम्मू और कश्मीर के श्रीनगर शहर की डल झील में प्रयोग में लाई जाती है। यह शिकारा आकार में छोटे होते हैं और इनमें चार लोग तक बैठ सकते हैं। इसमें बैठने से लोग प्रकृति का आनंद भरपूर ले सकते है।
कोरोना काल के बाद पर्यटन विभाग ज्यादा से ज्यादा पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए नए-नए आइडिया पर काम कर रहा है। विभाग ने हाल ही में कोरोना के बाद से पर्यटन केंद्र से जुड़े क्षेत्रों को सजाने का काम शुरू कर दिया है। ऐसे में दिन प्रतिदिन पर्यटनों की संख्या में काफी इजाफा हो रहा है। कुछ पर्यटकों का कहना है कि मिरिक के सुवेंदु झील में शाम के बाद से ही पर्यटन का आनंद लेने की व्यवस्था होनी चाहिए।
रोजगार के बढ़ेंगे अवसर
फोटोग्राफर और वीडियोग्राफर इस नजारे को लुभावना मानते हुए कहते हैं कि यह अतीत में कैप्चर की गई चीजों से बिल्कुल अलग है। इससे पर्यटन को और बढ़ावा मिलेगा। पिछले दो सालों में कोरोना ने पूरी पर्यटन व्यवस्था को ठप कर दिया था। अब पर्यटन विभाग की ओर से इस प्रकार के पहल करने पर पर्यटन काफी आकर्षित होंगे। हम पर्यटन विभाग के शुक्रगुजार हैं कि उन्होंने ऐसा कदम उठाया। जीटीए पर्यटन विभाग द्वारा उठाए गए कदम से शिकारा और नौका बिहार घूमने आए पर्यटन आकर्षित होंगे। पर्यटन बढऩे से यहां स्थानीय लोगों का रोजगार बढ़ेगा।