सारस न्यूज़, सिलीगुड़ी।
नक्सलबाड़ी: भारत-नेपाल सीमा पर बहने वाली मेची नदी के भुलकाघाट पर बालू-पत्थर उठाने के लिए अर्थमूवर उतारे जाने के विरोध में बुधवार को श्रमिकों ने जोरदार प्रदर्शन किया। श्रमिकों का आरोप है कि यदि घाट से बालू-पत्थर उठाने के लिए मशीनों का उपयोग किया गया, तो उनका रोजगार छिन जाएगा और नदी में बड़े-बड़े गड्ढे बन जाएंगे, जिससे पर्यावरण को भी नुकसान होगा।
प्रशासन ने किया हस्तक्षेप
प्रदर्शन की सूचना मिलते ही खोरीबाड़ी भूमि विभाग के तत्कालीन प्रभारी सोनम भूटिया और पुलिस टीम मौके पर पहुंची और स्थिति को संभालने का प्रयास किया। श्रमिकों ने प्रशासन के सामने अपनी चिंताओं को रखते हुए अर्थमूवर के उपयोग पर रोक लगाने की मांग की।
घाट मालिक का पक्ष
इस मामले पर घाट मालिक असित साहा ने सफाई देते हुए कहा कि लीज समझौते के तहत उन्हें अर्थमूवर द्वारा बालू-पत्थर उठाने की अनुमति प्राप्त है। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि श्रमिकों के लिए ट्रैक्टर से बालू-पत्थर ले जाने के लिए दो अलग-अलग सड़कों का प्रावधान किया गया है। उन्होंने कहा कि स्थानीय लोगों की शिकायतों के कारण वैकल्पिक मार्ग तलाशने के लिए अर्थमूवर का उपयोग किया जा रहा है, लेकिन इससे श्रमिकों की रोजी-रोटी प्रभावित नहीं होगी।
प्रशासन ने दी अनुमति की पुष्टि
इस संबंध में बीएलआरओ प्रतिमा सुब्बा ने कहा कि घाट मालिक असित साहा के पास आवश्यक अनुमति है और वे सरकार से लीज लेकर नियमानुसार कार्य कर रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि इस मामले को लेकर श्रमिकों से संवाद किया जाएगा ताकि किसी का रोजगार प्रभावित न हो।
इस विरोध प्रदर्शन से इलाके में तनाव की स्थिति बनी हुई है। श्रमिकों का कहना है कि यदि उनकी मांगें नहीं मानी गईं, तो वे बड़े स्तर पर आंदोलन करने के लिए मजबूर होंगे।