बीरबल महतो, सारस न्यूज़, सिलीगुड़ी।
उत्तर बंगाल मेडिकल कॉलेज व अस्पताल (एनबीएमसीएच) माटीगाड़ा (सिलीगुड़ी) प्रशासन ने टीकाकरण (एईएफआई) के बाद संभावित प्रतिकूल प्रभावों की जाच के लिए 10 सदस्यीय बहु-विषयक विशेषज्ञ समिति का गठन किया है। एनबीएमसीएच के आधिकारिक सूत्रों द्वारा मिली जानकारी के अनुसार उक्त समिति निगरानी करेगी और जाच करेगी कि क्या दार्जिलिंग जिले में ऐसे मामले सामने आए हैं,जिसमें टीका लेने पर कोई प्रतिकुल प्रभाव पड़ा हो। एनबीएमसीएच में कोविड -19 टीकाकरण के अलावा जापानी इंसेफलाइटिस, येलो फीवर, टेटनस-डिप्थीरिया के टीके अन्य लोगों को दिया जाता है। कोविड -19 टीके लेने वाले कुछ लोगों ने टीकाकरण के बाद प्रतिकूल प्रभाव यानी साइड इफेक्ट होने की शिकायत की थी। मार्च में कोविड -19 टीका लेने के बाद उत्तर बंगाल में कम से कम दो व्यक्तियों की मौत होने के भी मामले सामने आए थे। हालाकि स्वास्थ्य विभाग ने इसे कोविड -19 टीकाकरण से जोड़ने से इनकार किया था। इस बारे में उत्तर बंगाल मेडिकल कॉलेज व अस्पताल के प्राचार्य डॉ इंद्रजीत शाह ने बताया कि उक्त कमेटी मुख्य रूप से एईएफआई या कोविड -19 टीकों से संबंधित दुष्प्रभावों की जाच करेगी। उन्होंने कहा कि अगर मरीज एईएफआई के बारे में शिकायत करते हैं तो मरीजों की पूरी तरह से जाच करना महत्वपूर्ण है। रिपोर्ट और उनके कारणों के आधार पर ऐसे मामलों का आकलन करने के लिए इस तरह की कमेटी बनाई गई है। वे उन मामलों की निगरानी करेंगे। समिति में सामान्य चिकित्सा विभाग के प्रमुख डॉ दीपंजन बंदोपाध्याय, मनोचिकित्सा विभाग के प्रमुख डॉ निर्मल कुमार बेरा, कार्डियोलोजी विभाग के प्रमुख डॉ सौरा मुखोपाध्याय, जनरल मेडिसीन और काíडयोलॉजी के प्रोफेसर स्पंदन भादुड़ी प्रमुख रुप से शामिल हैं। इनके अलावा न्यूरोलॉजी विभाग के डॉ दुर्गा प्रसाद चक्रवर्ती, जनरल मेडिसीन और एंडोक्रिनोलॉजी विभाग के डॉ बिप्लब मंडल, एनेस्थिसियोलॉजी विभाग के डॉ उदयन मजूमदार, बाल चिकित्सा विभाग के प्रमुख डॉ मधुमिता नंदी, प्रसूति एवं स्त्री रोग विभाग के डॉ संदीप सेनगुप्ता और कम्युनिटी विभाग के प्रमुख डॉ शर्मिष्ठा भट्टाचार्जी को इस कमेटी में शामिल किया गया है।