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भारत का सबसे कम प्रदूषण वाला शहर है सिलीगुड़ी, बिहार के सिवान और मुंगेर हैं शीर्ष पर।

Mar 30, 2022 #प्रदूषण

सारस न्यूज टीम, सारस न्यूज, सिलीगुड़ी।

बीते सर्दियों के मौसम में देश के सभी क्षेत्रों में वायु प्रदूषक कणों का स्तर अलग-अलग तीव्रता के साथ बढ़ा है। हालांकि अधिकांश क्षेत्रों में पीएम 2.5 के स्तर का समग्र क्षेत्रीय औसत पिछली सर्दियों की तुलना में कम था, लेकिन कई क्षेत्रों में सर्दियों में होने वाले धुंध के चरणों में गंभीर वृद्धि दर्ज की गई। बिहार का सिवान और मुंगेर देश का सबसे ज्यादा प्रदूषित शहर पाया गया है। वहीं देश के पूर्वोत्तर भारत का प्रवेश द्वार माना जाने वाला सिलीगुड़ी पूर्वी क्षेत्र का सबसे कम प्रदूषण वाला शहर पाया गया है। बल्कि पूर्वोत्तर भारत के मिजोरम की राजधानी आइजोल और मेघालय की राजधानी शिलांग देश के सबसे कम प्रदूषित शहर हैं।

सीएसई ने किया विश्‍लेषण:-

सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायरनमेंट ने वर्ष 2021-22 के सर्द मौसम के दौरान (15 अक्टूबर 2021 से 28 फरवरी 2022 तक ) पूरे देश के शीतकालीन वायु गुणवत्ता का विश्लेषण किया है। यह विश्लेषण केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के आधिकारिक ऑनलाइन पोर्टल सेंट्रल कंट्रोल रूम फॉर एयर क्वालिटी मैनेजमेंट द्वारा उपलब्ध रियल टाइम डाटा (15 मिनट का औसत) पर आधारित है। यह डाटा 26 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के 161 शहरों में फैले कंटीन्यूअस एंबिएंट एयर क्वालिटी मॉनिटरिंग सिस्टम (सीएएक्यूएमएस) के तहत 326 आधिकारिक स्टेशनों से लिए गए हैं। सीएसई के रिसर्च एंड एडवोकेसी की कार्यकारी निदेशक अनुमिता राय चौधरी और अर्बन डाटा अनालिटिक्स लैब के प्रबंधक अविकल सोमवंशी के अनुसार पूर्वोत्तर मे पश्चिम बंगाल के सिलीगुड़ी में सर्द मौसम में सबसे कम प्रदूषण का औसत दर्ज किया गया। बल्कि राज्य के कोलकाता, हावड़ा, आसनसोल, दुर्गापुर, हल्दिया और सिलीगुड़ी मे प्रदूषण का औसत 21 और पीक 27 प्रतिशत तक की गिरावट दर्ज की गई है।

बिहार के सर्वाधिक छः शहर प्रदूषण में अव्वल :-

सर्दियों में प्रदूषण के क्षेत्रीय प्रोफाइल से पता चलता है कि पूर्वी क्षेत्र भी दिल्ली-एनसीआर जितना ही प्रदूषित है। बिहार के 19 शहर व कस्बों का पीएम 2.5 का स्तर दिल्ली एनसीआर के समान ही था। देश के 10 सर्वाधिक प्रदूषित शहरों में बिहार के 6 शहर शामिल हैं। जिसमें सिवान और मुंगेर शीर्ष पर हैं। जिसका मौसमी औसत 187 μg/m³ और 182 μg/m³ मीटर था। वहीं मुजफ्फरपुर बिहार का एकमात्र शहर है, जहां मिश्रित प्रवृत्ति देखी गई है। यानि यहां सर्दियों के औसत में गिरावट आई है, लेकिन पिछली सर्दियों की तुलना में प्रदूषण में वृद्धि हुई है। भले ही बिहार के छोटे शहरों का मौसमी औसत एनसीआर के बड़े शहरों को टक्कर देता हो, लेकिन धुंध के चरणों के दौरान उनका चरम प्रदूषण तुलनात्मक रूप से कम रहा है। वास्तव में सर्दियों में प्रदूषण के उच्च स्तर वाले शहरों में बिहार के 13 शहर शामिल हैं। इस सूची में दिल्ली एनसीआर के 11 शहर थे। बिहार और एनसीआर के क्षेत्रों के बाहर शीर्ष 25 शहरों में एकमात्र शहर उत्तरी हरियाणा का हिसार शहर था।

सुधार की आवश्‍यकता:-

सीएसई की एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर रिसर्च एंड एडवोकेसी अनुमिता रॉय चौधरी का कहना है कि “स्पष्ट रूप से शीतकालीन प्रदूषण की चुनौती सिर्फ बड़े शहरों या एक विशिष्ट क्षेत्र तक सीमित नहीं है। यह एक व्यापक राष्ट्रीय समस्या है। जिसके लिए राष्ट्रीय स्तर पर तत्काल और सुमुचित कार्रवाई की आवश्यकता है। इसके लिए वाहन, उद्योग, बिजली संयंत्र और अपशिष्ट प्रबंधन, जैसे प्रदूषण के प्रमुख क्षेत्रों में वार्षिक वायु प्रदूषण वक्र और दैनिक प्रदूषण तीव्रता को मोड़ने के लिए त्वरित सुधार और कार्रवाई की आवश्यकता है।





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