सारस न्यूज टीम, सिलीगुड़ी।
पहाड़ियों की रानी, दार्जिलिंग भारतीय राज्य पश्चिम बंगाल में स्थित एक हिमालयी शहर है। यह अपने चाय उद्योग और यूनेस्को के विश्व धरोहर दार्जिलिंग हिमालयन रेलवे (डीएचआर) के साथ-साथ, माउंट कंचनजंगा के शानदार दृश्य के लिए एक पर्यटन स्थल के रूप में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रसिद्ध है। मनोरम घाटियों, नदियों के किनारे और निश्चित रूप से हरे भरे चाय के बागान दार्जिलिंग में अभी पर्यटन का पीक सीजन चल रहा है। पर्यटकों की संख्या में लगातार वृद्धि हो रही है। इसी को ध्यान में रखते हुए यूनेस्को के विश्व धरोहर डीएचआर ने दो नई ज्वायराइड टॉय ट्रेन चलाने का निर्णय लिया है। पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे के अधीन दार्जिलिंग हिमालयन रेलवे (डीएचआर) ने पर्यटकों के लिए इन ट्रेनों की सेवा 23 मई से ही शुरू कर दी है।
पूर्वोत्तर सीमा रेलवे के सीपीआरओ सब्यसाची दे ने बताया है कि नई ज्वाय राइड टॉय ट्रेन सेवाएं पर्यटकों के लिए दार्जिलिंग और घूम स्टेशनों के बीच दैनिक राउंड ट्रिप आधार पर उपलब्ध होंगी। यह टॉय ट्रेन 30 जून तक चलेगी।
उन्होंने बताया कि ट्रेन संख्या 02550 दार्जिलिंग-घूम-दार्जिलिंग स्पेशल ज्वाय राइड दार्जिलिंग से 09.40 बजे रवाना होकर घूम 10.20 बजे पहुंचेगी। जबकि यही ट्रेन घूम से 10.45 बजे प्रस्थान होकर दार्जिलिंग 11.22 बजे पहुंचेगी। एक अन्य ट्रेन संख्या 02549 दार्जिलिंग-घूम-दार्जिलिंग विशेष ज्वाय राइड दार्जिलिंग से 16.05 बजे रवाना होकर 16.45 बजे घूम पहुंचेगी। यही ट्रेन घूम से 17.15 बजे प्रस्थान होकर दार्जिलिंग 17.45 बजे पहुंचेगी।
इन टॉय ट्रेनों में पर्यटकों के लिए तीन-तीन प्रथम श्रेणी के चेयर कार कोच हैं और ट्रेनों को डीजल इंजन द्वारा चलाया जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि पर्यटक हिमालय के पहाड़ी प्राकृतिक परिदृश्य में एक लुभावनी ज्वाय राइड लेकर डीएचआर की सवारी कर सकते हैं। उन्होंने आगे कहा कि रेलवे डीएचआर के पर्यटकों के लिए एक सुखद अनुभव की कामना करती है।
बताते चलें कि हर वर्ष गर्मियों के मौसम में काफी संख्या में पर्यटक यहां आते हैं। कोरोना के कारण पिछ्ले दो साल पर्यटक लगभग नहीं आए थे। कोरोना संकट खत्म हो जाने एवं पाबंदियां हटने के बाद दार्जिलिंग में काफी संख्या में देश- विदेश से पर्यटक आ रहे हैं।