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सिलीगुड़ी टाउन स्‍टेशन का होगा कायाकल्‍प, केंद्रीय रेल राज्यमंत्री ने डीपीआर तैयार करने के दिए आदेश, 97 वर्ष पूर्व महात्मा गांधी ने की थी यात्रा।

सारस न्यूज टीम, सिलीगुड़ी। 

मिनी कोलकाता के नाम से मशहूर सिलीगुड़ी के लोगों के लिए एक अच्छी खबर है। केंद्रीय रेल राज्यमंत्री दर्शना जरदोश ने सिलीगुड़ी टाउन स्‍टेशन के कायाकल्‍प की सार्थक पहल की है। सिलीगुड़ी टाउन स्टेशन न सिर्फ अपने ऐतिहासिक महत्व के लिए जाना जाता है, बल्कि वर्तमान समय में यहां अब भी ब्रॉड गेज, मीटर गेज और नैरो गेज है। देशभर में सिलीगुड़ी ही इकलौता स्टेशन है जहां तीन तरह की लाइन एक साथ गुजरी हैं। यह वही स्टेशन है जहां राष्ट्रपिता महात्मा गांधी, राष्ट्रकवि गुरु रविंद्र नाथ टैगोर, नेताजी सुभाष चंद्र बोस जैसे महान विभूतियों के चरण पड़े थे। कालांतर में इन महान विभूतियों ने सिलीगुड़ी टाउन स्टेशन पर अपने कदम रखें व यहां से आगे की यात्रा की। उनसे जुड़ी यादों को संरक्षित करने के लिए ही इस स्टेशन को हेरिटेज के तौर पर विकसित करने को लेकर बार-बार मांग उठती रही है। यही कारण है कि जब केंद्रीय रेल राज्यमंत्री दर्शना जरदोश शनिवार को बागडोगरा एयरपोर्ट पहुंची तो सिलीगुड़ी के विधायक शंकर घोष ने सिलीगुड़ी टाउन रेलवे स्टेशन की ओर ध्यान आकृष्ट कराते हुए इस संबंध में चर्चा की। विधायक शंकर घोष ने सिलीगुड़ी टाउन स्टेशन के महत्व को रेखांकित कर केंद्रीय रेल राज्यमंत्री को बताया कि ऐतिहासिक सिलीगुड़ी टाउन रेलवे स्टेशन, जो अभी जीर्ण-शीर्ण अवस्था पर है, यह रेल स्टेशन ब्रिटिश काल में बना था। इससे राष्ट्रपिता महात्मा गांधी, विश्वकवि रवींद्रनाथ टैगोर, भारतीय स्वाधीनता संग्राम के नायकों में से एक नेताजी सुभाषचंद्र बोस, चित्तरंजन दास, स्वामी विवेकानंद जैसे अनगिनत महान भारतीयों की स्मृतियों से संबंधित हैं। इसका हर हाल में सरंक्षण किया जाना चाहिए। यूनेस्को द्वारा विश्व धरोहर में शुमार दार्जिलिंग हिमालयन रेलवे व उसके विश्व प्रसिद्ध ट्वॉय ट्रेन से संबद्ध ऐतिहासिक सिलीगुड़ी टाउन स्टेशन का जीर्णोद्धार कर संरक्षण होना चाहिए। इसे एक महत्वपूर्ण पर्यटन स्थल के रूप में भी विकसित किया जा सकता है।

इसके बाद रेल राज्य मंत्री ने इसे गंभीरता से लेते हुए रेलवे के अधिकारियों को जल्द ही इस बारे में एक विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) तैयार कर रेल मंत्रालय को भेजने के लिए कहा। वहीं रेल राज्य मंत्री के इस प्रयास को देखते हुए एक बार फिर से यह उम्मीद जगने लगी है कि सिलीगुड़ी टाउन स्टेशन का जल्द कायाकल्प होगा।

बताते चलें कि 16 जून 1925 को निधन से पहले देशबंधु चित्तरंजन दास गंभीर रूप से बीमार हो गए थे। उन्हें देखने बापू यहां आए थे। सियालदह से दार्जिलिंग मेल द्वारा सिलीगुड़ी जंक्शन (अब सिलीगुड़ी टाउन स्टेशन) पहुंचे। यहां से दार्जिलिंग गए थे। ऐसे में रेल राज्य मंत्री के शुरू किए जा रहे प्रयास से उम्मीद बंधी है। वर्तमान दौर में सिलीगुड़ी टाउन स्टेशन नशाखोरों का बड़ा अड्डा बन चुका है। इसको लेकर भी समय-समय पर समाज के बुद्धिजीवी वर्ग सवाल खड़े करते रहे हैं कि एक ऐतिहासिक स्थल को इस रूप में देखना उन्हें काफी परेशान करता है।

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