सारस न्यूज टीम, सिलीगुड़ी।
स्कूल सर्विस कमिशन (एसएससी) के तहत पश्चिम बंगाल में शिक्षकों की नियुक्ति में हुई धांधली के मामले को लेकर लंबी लड़ाई लड़ने वाली खोड़ीबाड़ी की बबिता सरकार इन दिनों सुर्खियों में हैं। उनकी इस लड़ाई के कारण ही राज्य के दो मंत्रियों की कुर्सी अब जाएगी की तब जाएगी की स्थिति में है। इस प्रकरण में बबीता सरकार रातों-रात स्टार बन चुकी हैं।
उनके केस पर ही पश्चिम बंगाल की शिक्षा राज्य मंत्री परेश अधिकारी की बेटी अंकिता अधिकारी को प्राध्यापक की नौकरी से हाथ धोना पड़ा है। उन्हें पद से बर्खास्त किया जा चुका है। साथ ही उन्हें 41 महीने का वेतन दो किश्तों में देने का आदेश दिया गया है। सिर्फ यही नहीं कलकत्ता हाईकोर्ट ने अपने आदेश में यह भी कहा है कि वह कभी अपने आप को पूर्व शिक्षक के रूप में भी परिचय नहीं दे पाएगी। हाईकोर्ट के सिंगल बेंच के जज अभिजीत गंगोपाध्याय ने पूरे मामले की सुनवाई करते हुए यह आदेश दिया था।
हाई कोर्ट के इस आदेश के बाद ही राज्य में विपक्षी पार्टियों द्वारा सत्ताधारी पार्टी टीएमसी को निशाना बनाते हुए धरना, रैली व प्रदर्शन किया जा रहा है। राज्य की मुख्यमंत्री से लेकर मंत्रिपरिषद तक को अपने पद से इस्तीफा देने की मांग की जा रही है। इस मामले में सीबीआइ जांच भी शुरू हो चुकी है। राज्य शिक्षा मंत्री परेश अधिकारी के साथ ही राज्य के पूर्व शिक्षामंत्री पार्थ चटर्जी से इस मामले में सीबीआइ पूछताछ कर चुकी है।
बताते चलें कि बबिता सरकार सिलीगुड़ी महकमा के खोरीबाड़ी की रहने वाली हैं। वर्तमान में पढ़ाई-लिखाई के सिलसिले में सिलीगुड़ी के कालेजपाड़ा में रहती हैं। वर्ष 2018 में एसएससी परीक्षा का नतीजा आने के बाद मेरिट लिस्ट में बबिता सरकार को जगह मिली थी, लेकिन उन्हें नौकरी नहीं मिली। उनसे कम अंक लाने वाले प्रार्थी को नौकरी दे दी गई। इसके बाद ही बबिता सरकार हाईकोर्ट चली गईं तथा अब जाकर उनकी याचिका पर फैसला आया है। बबिता सरकार फिलहाल कोलकाता में हैं, वह जल्द ही सिलीगुड़ी लौटेंगी।