प्रतिनिधि, सारस न्यूज़, गलगलिया।
बुधवार को पश्चिम बंगाल के राज्यपाल डॉ.सी.वी. आनन्द बोस ने भारत नेपाल सीमा का दौरा किया। उनका भ्रमण सीमांत मुख्यालय सशस्त्र सीमा बल सिलीगुड़ी अंतर्गत भारत-नेपाल सीमा पर तैनात 41वीं वाहिनी रानीडंगा के कार्य क्षेत्र पानीटंकी एवं ग़ुरसिंग बस्ती में हुआ।
सबसे पहले राज्यपाल सीमा चौकी पानीटंकी अंतर्गत ओल्ड मेची ब्रिज पहुंचे । जहां 41वी वाहिनी सशस्त्र सीमा बल रानीडंगा के कमांडेंट योगेश सिंह द्वारा पुष्पगुच्छ भेंट कर उनका सम्मान किया गया। वहां पर उन्हें अधिकारियों से परिचय कराया गया।एसएसबी के महानिरीक्षक सुधीर कुमार सीमांत सिलिगुडी द्वारा भारत नेपाल सीमा के बारे में विस्तृत जानकारी से महामहिम राज्यपाल महोदय को अवगत कराया गया।


तत्पश्चात उनके द्वारा बीआईटी चेकपोस्ट पानीटंकी का भ्रमण किया गया तथा वहां पर पदस्थ्य एसएसबी कार्मिकों के साथ वार्तालाप किया गया।इसके उपरांत सीमा चौकी गौरसिंह बस्ती पहुंचे वहां सैनिक सम्मेलन के माध्यम से महामहिम राज्यपाल पश्चिम बंगाल द्वारा सभी जवानों से बातचीत की गई। उन्होंने कहा कि एसएसबी देश की सीमाओं की सुरक्षा में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है और राष्ट्र की संप्रभुता की रक्षा के प्रति इसकी प्रतिबद्धता अत्यंत प्रशंसनीय है।महामहिम राज्यपाल ने सुरक्षा व्यवस्थाओं, सीमा प्रबंधन एवं तस्करी रोधी अभियानों को लेकर अधिकारियों से विस्तृत जानकारी प्राप्त की। उन्होंने जवानों की कठिन परिस्थितियों में की जा रही सेवा की प्रशंसा की और उनके द्वारा निर्वहन किए गए कर्तव्यों की सराहना की। महामहिम राज्यपाल द्वारा बीओपी गुरसिंगबस्ती में पर्यावरण की रक्षा हेतु पौधारोपण किया गया।अपने भ्रमण के दौरान राज्यपाल ने स्थानीय ग्रामीण, जनप्रतिनिधि एवं स्कूली छात्र-छात्राओं से संवाद किया एवं भारत सरकार की विभिन्न योजनाओं के बारे में जानकारी दी।इस अवसर पर शारदा विद्या मंदिर के छात्र-छात्राओं एवं स्थानीय युवाओं ने देशभक्ति गानों पर समूह नृत्य एवं संथाली, राजबंशी और नेपाली मनमोहक पारंपरिक समूह नृत्य प्रस्तुत किया। जिनका राज्यपाल ने काफ़ी सराहना की और छात्र-छात्राओं एवं युवाओं को पुरस्कार देकर उनका उत्साहवर्धन किया। साथ ही इस अवसर पर एसएसबी के जैज बैंड द्वारा मधुर संगीत की प्रस्तुति दी गई।
इसके उपरांत राज्यपाल ने समस्त अधिकारियों, जवानों व स्थानीय ग्रामीणों एवं छात्र-छात्राओं के साथ भोजन में शामिल हुए।तत्पश्चात राज्यपाल पश्चिम बंगाल द्वारा भारत नेपाल सीमाओं की सुरक्षा परिदृश्य पर सशस्त्र सीमा बल के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक ली गई।
इस अवसर पर सुधीर कुमार, महानिरीक्षक ,सीमांत मुख्यालय सिलीगुड़ी, ऐ. के. सी. सिंह, उपमहानिरीक्षक तथा योगेश सिंह, कमांडेंट, 8वी वाहिनी के कमांडेंट मितूल कुमार एवं 41 वी वाहिनी व सीमांत सिलीगुड़ी के समस्त अधिकारी उपस्थित थे। बता दें कि ‘व्याघ्रशक्ति संधारक एसएसबी सीमान्त सिलीगुड़ी इस क्षेत्र में नेपाल तथा भूटान से सन्निद्ध निर्बाध और मैत्रीपूर्ण परंतु संवेदनशील राष्ट्रीय सीमा की रक्षा हेतु कृत संकल्पित है ।
वर्ष 2023-24 के लिए सुधीर कुमार, महानिरीक्षक सिलीगुड़ी सीमांत के नेतृत्व में सीमांत की 41वी और 53वी वाहिनी को क्रमशः भारत-नेपाल और भारत-भूटान सीमा पर सर्वश्रेष्ठ ऑपरेशनल वाहिनी होने का गौरवपूर्ण सम्मान अमित शाह केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री द्वारा दिया गया है|
सशस्त्र सीमा बल की 41वी वाहिनी रानीडंगा दार्जीलिंग एवं किशनगंज जिले की नेपाल से लगती हुई अंतर्राष्ट्रीय सीमा की सुरक्षा और प्रबंधन के लिए तैनात है | इस यूनिट के अंतर्गत पानीटंकी महत्वपूर्ण व्यापार एवं पारगमन केंद्र है जहाँ SSB की पानीटंकी BOP अवस्थित है | पानीटंकी दार्जीलिंग जिले के खोरीबाड़ी ब्लॉक एवं थाना के अंतर्गत रानीगंज पंचायत का भाग है | यह क्षेत्र वर्ष 1960 के दशक के उत्तरार्ध में वामपंथी उग्रवाद के केंद्र नक्सलबाड़ी क्षेत्र से जुड़ा हुआ है | साथ ही, यह क्षेत्र 1990 के दशक में उभरे अलगाववादी संगठन कामतापुर लिबरेशन आर्गेनाइजेशन (केएलओ) के लिए महत्वपूर्ण आधार रहा है |
एसएसबी. सीमाचौकी पानीटंकी की स्थापना सन् 2007 में हुई थी ।
प्रतिदिन पचास हजार से अधिक लोगों और हजारों गाड़ियों के आवाजाही के साथ पानीटंकी पूर्वी नेपाल के प्रवेश द्वार के रूप में जाना जाता है। मेची नदी के तट पर स्थित, यह चेकपोस्ट रणनीतिक रूप से संवेदनशील “चिकेन नेक” क्षेत्र में आता है और सीमापार अपराधों जैसे अवैध घुसपैठ, तस्करी और मादक पदार्थों के प्रचलन की दृष्टी से बेहद संवेदनशील है। पिछले कुछ सालों में, सैकड़ों अपराधियों और अवैध घुसपैठियों की धरपकड़ करते हुए एसएसबी पानीटंकी चेकपोस्ट ने बेस्ट ऑपरेशनल सीमाचौकी के रूप में अपनी उत्कृष्टता स्थापित की है ।
यहाँ सीमा पर कँटीले तार और वीजा की बाध्यता नहीं बल्कि भाईचारे और आत्मीयता का बंधन है। परंतु अपराधी और घुसपैठिये इस खुली सीमा का फायदा उठाकर सीमापार अपराधों को अंजाम देने के मंसूबे रखते है। रोजाना हजारों लोगों की आवाजाही पर नजर रखते हुए, घुसपैठियों और अपराधियों की पहचान और धरपकड़ भूसे के ढेर से सुई खोजने जैसा असंभव लक्ष्य है । परंतु इस असंभव को एसएसबी पानीटंकी की बॉर्डर इंटरेक्शन टीम (बीआईटी) अपने ट्रेनिंग और दृढ़ संकल्प के बल पर संभव कर दिखाती है । सॉफ्ट स्किल और इंटेरोगेशन में माहिर इस टीम ने पिछले कुछ समय में कई अवैध घुसपैठियों और अपराधियों को गिरफ्तार किया है, जिनमे से कई पाकिस्तानी और चीनी थे |
राज्यपाल के इस दौरे से एसएसबी कर्मियों में नया उत्साह और प्रेरणा का संचार हुआ।
