विक्रम संवत: 2082 हिंदू मास: वैशाख मास पक्ष: शुक्ल पक्ष तिथि: पंचमी (सुबह 9:14 बजे तक), उसके बाद षष्ठी वार: शुक्रवार नक्षत्र: आर्द्रा (दोपहर 1:04 बजे तक), फिर पुनर्वसु योग: धृति करण: कौलव (9:15 AM तक), फिर तैतिल चंद्रमा की स्थिति: मिथुन राशि में सूर्य की स्थिति: मेष राशि में
सूर्योदय और सूर्यास्त
सूर्योदय: सुबह 5:12 बजे
सूर्यास्त: शाम 6:20 बजे
चंद्रोदय: सुबह 9:49 बजे
चंद्रास्त: रात्रि 11:08 बजे
शुभ-अशुभ समय
अभिजीत मुहूर्त: दोपहर 11:58 से 12:49 तक
सर्वार्थ सिद्धि योग: दोपहर 1:04 बजे से अगले दिन सुबह 5:56 बजे तक
राहुकाल: सुबह 10:03 से 11:40 तक
गुलिक काल: सुबह 7:33 से 9:10 तक
यमगण्ड: दोपहर 3:37 से 5:14 तक
दुष्ट मुहूर्त:
सुबह 8:31 से 9:23 तक
दोपहर 12:49 से 1:41 तक
आज का विशेष पर्व / व्रत
सूरदास जयंती — भक्ति काल के महान संत सूरदास जी की जयंती आज श्रद्धापूर्वक मनाई जाती है।
दैनिक उपाय और आराधना
देवी उपासना: आज शुक्रवार के दिन माँ लक्ष्मी की पूजा करें।
मंत्र जाप: “ॐ श्रीं महालक्ष्म्यै नमः” का 108 बार जाप करें।
विशेष उपाय:
घर के मुख्य द्वार पर गाय के घी का दीपक जलाएं।
सफेद वस्त्र पहनकर कमल के फूल से माँ लक्ष्मी को अर्पित करें।
हरा चारा गाय को खिलाएं और निर्धनों को सफेद वस्त्र या मिठाई का दान करें।
सारस न्यूज़, वेब डेस्क।
विक्रम संवत: 2082 हिंदू मास: वैशाख मास पक्ष: शुक्ल पक्ष तिथि: पंचमी (सुबह 9:14 बजे तक), उसके बाद षष्ठी वार: शुक्रवार नक्षत्र: आर्द्रा (दोपहर 1:04 बजे तक), फिर पुनर्वसु योग: धृति करण: कौलव (9:15 AM तक), फिर तैतिल चंद्रमा की स्थिति: मिथुन राशि में सूर्य की स्थिति: मेष राशि में
सूर्योदय और सूर्यास्त
सूर्योदय: सुबह 5:12 बजे
सूर्यास्त: शाम 6:20 बजे
चंद्रोदय: सुबह 9:49 बजे
चंद्रास्त: रात्रि 11:08 बजे
शुभ-अशुभ समय
अभिजीत मुहूर्त: दोपहर 11:58 से 12:49 तक
सर्वार्थ सिद्धि योग: दोपहर 1:04 बजे से अगले दिन सुबह 5:56 बजे तक
राहुकाल: सुबह 10:03 से 11:40 तक
गुलिक काल: सुबह 7:33 से 9:10 तक
यमगण्ड: दोपहर 3:37 से 5:14 तक
दुष्ट मुहूर्त:
सुबह 8:31 से 9:23 तक
दोपहर 12:49 से 1:41 तक
आज का विशेष पर्व / व्रत
सूरदास जयंती — भक्ति काल के महान संत सूरदास जी की जयंती आज श्रद्धापूर्वक मनाई जाती है।
दैनिक उपाय और आराधना
देवी उपासना: आज शुक्रवार के दिन माँ लक्ष्मी की पूजा करें।
मंत्र जाप: “ॐ श्रीं महालक्ष्म्यै नमः” का 108 बार जाप करें।
विशेष उपाय:
घर के मुख्य द्वार पर गाय के घी का दीपक जलाएं।
सफेद वस्त्र पहनकर कमल के फूल से माँ लक्ष्मी को अर्पित करें।
हरा चारा गाय को खिलाएं और निर्धनों को सफेद वस्त्र या मिठाई का दान करें।
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