राहुकाल: प्रातः 09:08 से 10:34 तक गुलिक काल: प्रातः 06:42 से 08:08 तक यमगंड: दोपहर 01:25 से 02:51 तक अभिजीत मुहूर्त: प्रातः 11:44 से 12:30 तक अमृत काल: प्रातः 07:15 से 09:00 तक
शुभ मुहूर्त:
गृह प्रवेश हेतु — दोपहर 12:00 से 02:00 तक शुभ
वाहन क्रय हेतु — प्रातः 07:30 से 09:00 तक अनुकूल
विवाह कार्य हेतु — सायं 04:30 से 06:00 तक शुभ
अशुभ समय:
राहुकाल व यमगंड काल में कोई नया कार्य न करें
व्यतिपात योग आरंभ होने पर विवाद और भ्रम की संभावना
दैनिक उपाय: शनिवार के दिन शनि देव की कृपा प्राप्त करने के लिए काली तिल और तेल से दीपक जलाएं। पीपल के वृक्ष के नीचे सरसों के तेल का दीपक जलाकर “ॐ शं शनैश्चराय नमः” मंत्र का जाप करें। इससे ग्रहदोष और आर्थिक कष्ट दूर होते हैं।
सारस न्यूज़, वेब डेस्क।
राष्ट्रीय तिथि: 18 अक्टूबर 2025 विक्रम संवत: 2082, आश्विन मास, शुक्ल पक्ष, सप्तमी तिथि तिथि: सप्तमी (पूर्ण) — प्रातः 10:45 तक अष्टमी प्रारंभ: 18 अक्टूबर, प्रातः 10:46 से नक्षत्र: धनिष्ठा — प्रातः 08:28 तक, उसके बाद शतभिषा योग: सिद्धि — रात्रि 09:12 तक, उसके बाद व्यतिपात करण: गर — प्रातः 10:45 तक, उसके बाद वणिज वार: शनिवार
राहुकाल: प्रातः 09:08 से 10:34 तक गुलिक काल: प्रातः 06:42 से 08:08 तक यमगंड: दोपहर 01:25 से 02:51 तक अभिजीत मुहूर्त: प्रातः 11:44 से 12:30 तक अमृत काल: प्रातः 07:15 से 09:00 तक
शुभ मुहूर्त:
गृह प्रवेश हेतु — दोपहर 12:00 से 02:00 तक शुभ
वाहन क्रय हेतु — प्रातः 07:30 से 09:00 तक अनुकूल
विवाह कार्य हेतु — सायं 04:30 से 06:00 तक शुभ
अशुभ समय:
राहुकाल व यमगंड काल में कोई नया कार्य न करें
व्यतिपात योग आरंभ होने पर विवाद और भ्रम की संभावना
दैनिक उपाय: शनिवार के दिन शनि देव की कृपा प्राप्त करने के लिए काली तिल और तेल से दीपक जलाएं। पीपल के वृक्ष के नीचे सरसों के तेल का दीपक जलाकर “ॐ शं शनैश्चराय नमः” मंत्र का जाप करें। इससे ग्रहदोष और आर्थिक कष्ट दूर होते हैं।
Leave a Reply