राष्ट्रीय तिथि: 31 अक्टूबर 2025 विक्रम संवत: 2082, आश्विन शुक्ल पक्ष, प्रतिपदा तिथि शक संवत: 1947 मास: आश्विन (अधिकमास समाप्त, सामान्य मास प्रारंभ) पक्ष: शुक्ल पक्ष तिथि: प्रतिपदा (31 अक्टूबर प्रातः 10:42 तक), इसके बाद द्वितीया प्रारंभ वार: शुक्रवार
नक्षत्र: चित्रा (31 अक्टूबर दोपहर 2:06 तक), इसके बाद स्वाति नक्षत्र प्रारंभ योग: शुभ (31 अक्टूबर रात्रि 9:54 तक), फिर शुक्ल योग करण: किंस्तुघ्न (प्रातः 10:42 तक), फिर बव करण प्रारंभ
सूर्योदय: प्रातः 6:04 बजे सूर्यास्त: सायं 5:13 बजे चंद्रोदय: प्रातः 7:32 बजे चंद्रास्त: सायं 6:33 बजे चंद्रमा की स्थिति: तुला राशि में
राहुकाल: प्रातः 10:30 बजे से 12:00 बजे तक गुलिक काल: प्रातः 7:30 बजे से 9:00 बजे तक यमगंड: दोपहर 3:00 बजे से 4:30 बजे तक अभिजीत मुहूर्त: दोपहर 11:44 बजे से 12:28 बजे तक (अत्यंत शुभ समय)
शुभ मुहूर्त:
गृह प्रवेश: दोपहर के बाद 2:15 बजे से शाम 5:00 बजे तक (स्वाति नक्षत्र में शुभ)
विवाह: आज विवाह हेतु कोई विशेष मुहूर्त नहीं
व्यवसाय आरंभ: प्रातः 9:15 से 10:00 बजे तक
नव ग्रह पूजन / वाहन क्रय: सायं 5:30 से 6:15 बजे तक
अशुभ काल:
राहुकाल: प्रातः 10:30 से 12:00 बजे तक
दुर्मुहूर्त: दोपहर 12:35 से 1:25 बजे तक
दिन का विशेष योग: आज शुक्रवार के दिन मां लक्ष्मी की विशेष पूजा-अर्चना का विधान है। शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से शुभ कार्यों का आरंभ अत्यंत मंगलकारी माना गया है। स्वाति नक्षत्र व्यापार, यात्रा, और नई योजनाओं के आरंभ के लिए अनुकूल है।
दैनिक उपाय: मां लक्ष्मी की प्रसन्नता के लिए आज घर के उत्तर दिशा में घी का दीपक जलाएं और “ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं श्री सिद्ध लक्ष्म्यै नमः” मंत्र का 108 बार जाप करें। इससे आर्थिक स्थिति सुदृढ़ होगी और घर में सुख-समृद्धि बढ़ेगी।
सारस न्यूज़, वेब डेस्क।
राष्ट्रीय तिथि: 31 अक्टूबर 2025 विक्रम संवत: 2082, आश्विन शुक्ल पक्ष, प्रतिपदा तिथि शक संवत: 1947 मास: आश्विन (अधिकमास समाप्त, सामान्य मास प्रारंभ) पक्ष: शुक्ल पक्ष तिथि: प्रतिपदा (31 अक्टूबर प्रातः 10:42 तक), इसके बाद द्वितीया प्रारंभ वार: शुक्रवार
नक्षत्र: चित्रा (31 अक्टूबर दोपहर 2:06 तक), इसके बाद स्वाति नक्षत्र प्रारंभ योग: शुभ (31 अक्टूबर रात्रि 9:54 तक), फिर शुक्ल योग करण: किंस्तुघ्न (प्रातः 10:42 तक), फिर बव करण प्रारंभ
सूर्योदय: प्रातः 6:04 बजे सूर्यास्त: सायं 5:13 बजे चंद्रोदय: प्रातः 7:32 बजे चंद्रास्त: सायं 6:33 बजे चंद्रमा की स्थिति: तुला राशि में
राहुकाल: प्रातः 10:30 बजे से 12:00 बजे तक गुलिक काल: प्रातः 7:30 बजे से 9:00 बजे तक यमगंड: दोपहर 3:00 बजे से 4:30 बजे तक अभिजीत मुहूर्त: दोपहर 11:44 बजे से 12:28 बजे तक (अत्यंत शुभ समय)
शुभ मुहूर्त:
गृह प्रवेश: दोपहर के बाद 2:15 बजे से शाम 5:00 बजे तक (स्वाति नक्षत्र में शुभ)
विवाह: आज विवाह हेतु कोई विशेष मुहूर्त नहीं
व्यवसाय आरंभ: प्रातः 9:15 से 10:00 बजे तक
नव ग्रह पूजन / वाहन क्रय: सायं 5:30 से 6:15 बजे तक
अशुभ काल:
राहुकाल: प्रातः 10:30 से 12:00 बजे तक
दुर्मुहूर्त: दोपहर 12:35 से 1:25 बजे तक
दिन का विशेष योग: आज शुक्रवार के दिन मां लक्ष्मी की विशेष पूजा-अर्चना का विधान है। शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से शुभ कार्यों का आरंभ अत्यंत मंगलकारी माना गया है। स्वाति नक्षत्र व्यापार, यात्रा, और नई योजनाओं के आरंभ के लिए अनुकूल है।
दैनिक उपाय: मां लक्ष्मी की प्रसन्नता के लिए आज घर के उत्तर दिशा में घी का दीपक जलाएं और “ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं श्री सिद्ध लक्ष्म्यै नमः” मंत्र का 108 बार जाप करें। इससे आर्थिक स्थिति सुदृढ़ होगी और घर में सुख-समृद्धि बढ़ेगी।
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