महिला संवाद कार्यक्रम महिलाओं को जागरूक करने के लिए एक महत्वपूर्ण प्रयास साबित हो रहा है। इस कार्यक्रम के माध्यम से महिलाओं में सरकार की ओर से चलाई जा रही विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं की समझ विकसित हो रही है, जिसके परिणामस्वरूप वे इन योजनाओं का लाभ उठाने में सक्षम हो रही हैं। उन्हें यह भी जानकारी मिल रही है कि इन योजनाओं का लाभ कैसे लिया जाए। यह जागरूकता महिलाओं के सशक्तिकरण का एक बड़ा उदाहरण प्रस्तुत कर रही है।
अररिया जिले में महिला संवाद के 54वें दिन मंगलवार को भी 18 वाहनों की मदद से 36 स्थानों पर महिला संवाद कार्यक्रम संपन्न हुआ, जिसमें करीब 7065 महिलाओं ने भाग लिया। कार्यक्रम में भाग लेने पहुंची महिलाओं ने एलईडी वैन के माध्यम से दिखाए गए तीन लघु फिल्मों को देखा और समझा। इसके अतिरिक्त, उनके बीच लीफलेट और मुख्यमंत्री संवाद का वितरण भी किया गया। लीफलेट में राज्य सरकार द्वारा चलाई जा रही विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं का विस्तृत विवरण छापा गया है, जो महिलाओं और उनके परिवारों के लिए उपयोगी जानकारी प्रदान करता है। इन्हें पढ़कर वे विभिन्न योजनाओं का लाभ उठा सकती हैं।
महिला संवाद में भाग लेने वाली महिलाओं की ओर से व्यक्त की जाने वाली आकांक्षाओं को गंभीरता से लिया जा रहा है। इन आकांक्षाओं का दस्तावेजीकरण किया जा रहा है और इन्हें मोबाइल एप में दर्ज भी किया जा रहा है। इसके पश्चात सक्षम पदाधिकारी इन समस्याओं और आकांक्षाओं का समाधान कर रहे हैं, जिससे महिलाओं में उत्साह का संचार हुआ है। इससे उन्हें यह आभास हो रहा है कि उनकी बातें सरकार और प्रशासन तक पहुँच रही हैं। यही कारण है कि महिला संवाद कार्यक्रम में महिलाएं उत्साहपूर्वक भाग ले रही हैं।
मंगलवार को आयोजित कार्यक्रम में भी महिलाओं ने अपनी आकांक्षाएं रखीं, जिनमें विभिन्न प्रकार की बातें सामने आईं। कुछ महिलाओं ने रोजगार हेतु आर्थिक सहायता की मांग की। वहीं, फॉरबिसगंज की रितु गुप्ता ने बच्चों की पढ़ाई के लिए ग्रामीण स्तर पर पुस्तकालय की मांग रखी। उनका कहना है कि पुस्तकालय होने से वे कई ऐसी किताबें पढ़ सकते हैं, जिन्हें खरीदकर देना संभव नहीं होता। इससे बच्चों का बौद्धिक विकास भी होगा।
सारस न्यूज, अररिया।
महिला संवाद कार्यक्रम महिलाओं को जागरूक करने के लिए एक महत्वपूर्ण प्रयास साबित हो रहा है। इस कार्यक्रम के माध्यम से महिलाओं में सरकार की ओर से चलाई जा रही विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं की समझ विकसित हो रही है, जिसके परिणामस्वरूप वे इन योजनाओं का लाभ उठाने में सक्षम हो रही हैं। उन्हें यह भी जानकारी मिल रही है कि इन योजनाओं का लाभ कैसे लिया जाए। यह जागरूकता महिलाओं के सशक्तिकरण का एक बड़ा उदाहरण प्रस्तुत कर रही है।
अररिया जिले में महिला संवाद के 54वें दिन मंगलवार को भी 18 वाहनों की मदद से 36 स्थानों पर महिला संवाद कार्यक्रम संपन्न हुआ, जिसमें करीब 7065 महिलाओं ने भाग लिया। कार्यक्रम में भाग लेने पहुंची महिलाओं ने एलईडी वैन के माध्यम से दिखाए गए तीन लघु फिल्मों को देखा और समझा। इसके अतिरिक्त, उनके बीच लीफलेट और मुख्यमंत्री संवाद का वितरण भी किया गया। लीफलेट में राज्य सरकार द्वारा चलाई जा रही विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं का विस्तृत विवरण छापा गया है, जो महिलाओं और उनके परिवारों के लिए उपयोगी जानकारी प्रदान करता है। इन्हें पढ़कर वे विभिन्न योजनाओं का लाभ उठा सकती हैं।
महिला संवाद में भाग लेने वाली महिलाओं की ओर से व्यक्त की जाने वाली आकांक्षाओं को गंभीरता से लिया जा रहा है। इन आकांक्षाओं का दस्तावेजीकरण किया जा रहा है और इन्हें मोबाइल एप में दर्ज भी किया जा रहा है। इसके पश्चात सक्षम पदाधिकारी इन समस्याओं और आकांक्षाओं का समाधान कर रहे हैं, जिससे महिलाओं में उत्साह का संचार हुआ है। इससे उन्हें यह आभास हो रहा है कि उनकी बातें सरकार और प्रशासन तक पहुँच रही हैं। यही कारण है कि महिला संवाद कार्यक्रम में महिलाएं उत्साहपूर्वक भाग ले रही हैं।
मंगलवार को आयोजित कार्यक्रम में भी महिलाओं ने अपनी आकांक्षाएं रखीं, जिनमें विभिन्न प्रकार की बातें सामने आईं। कुछ महिलाओं ने रोजगार हेतु आर्थिक सहायता की मांग की। वहीं, फॉरबिसगंज की रितु गुप्ता ने बच्चों की पढ़ाई के लिए ग्रामीण स्तर पर पुस्तकालय की मांग रखी। उनका कहना है कि पुस्तकालय होने से वे कई ऐसी किताबें पढ़ सकते हैं, जिन्हें खरीदकर देना संभव नहीं होता। इससे बच्चों का बौद्धिक विकास भी होगा।
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