राज्यभर के आवास सहायकों में लगातार हो रही विभागीय कार्रवाई और प्रशासनिक उपेक्षा के खिलाफ आक्रोश बढ़ता जा रहा है। शुक्रवार को भरगामा प्रखंड में कार्यरत आवास कर्मियों ने अपनी मांगों को लेकर सगासा (समान काम समान वेतन संघर्ष समिति) के बैनर तले एकजुट होकर प्रखंड विकास पदाधिकारी (BDO) को ज्ञापन सौंपा। इस ज्ञापन के जरिए कर्मियों ने साफ चेतावनी दी कि अगर आगामी 24 घंटे के भीतर सरकार उनकी समस्याओं को लेकर कोई ठोस और सकारात्मक कदम नहीं उठाती है, तो 21 जून से राज्यव्यापी अनिश्चितकालीन हड़ताल की शुरुआत की जाएगी।
प्रखंड सगासा अध्यक्ष रौशन कुमार ने बताया कि विभाग द्वारा आवास सहायकों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाइयों की बाढ़ आ गई है। कई कर्मियों पर एफआईआर दर्ज की गई है, कुछ को सेवा से बर्खास्त भी कर दिया गया है। इन दमनात्मक कार्रवाइयों से कर्मचारियों में गहरा असंतोष है। रौशन कुमार ने कहा कि प्रशासन की यह नीति न केवल कर्मियों का मनोबल तोड़ रही है, बल्कि उनके भविष्य को भी अंधकार में धकेल रही है।
ज्ञापन में कर्मचारियों ने यह भी स्पष्ट किया कि वे वर्षों से बेहद कम वेतन पर काम कर रहे हैं और उनकी मांग है कि समान कार्य के बदले समान वेतन दिया जाए। साथ ही, उन्हें स्थायी कर्मी का दर्जा और सामाजिक सुरक्षा भी दी जाए।
मांगों का सार:
विभागीय दंडात्मक कार्रवाइयों पर रोक
एफआईआर और बर्खास्तगी की घटनाओं की निष्पक्ष जांच
समान कार्य के लिए समान वेतन
सेवा स्थायीत्व और सामाजिक सुरक्षा
सारस न्यूज, वेब डेस्क।
राज्यभर के आवास सहायकों में लगातार हो रही विभागीय कार्रवाई और प्रशासनिक उपेक्षा के खिलाफ आक्रोश बढ़ता जा रहा है। शुक्रवार को भरगामा प्रखंड में कार्यरत आवास कर्मियों ने अपनी मांगों को लेकर सगासा (समान काम समान वेतन संघर्ष समिति) के बैनर तले एकजुट होकर प्रखंड विकास पदाधिकारी (BDO) को ज्ञापन सौंपा। इस ज्ञापन के जरिए कर्मियों ने साफ चेतावनी दी कि अगर आगामी 24 घंटे के भीतर सरकार उनकी समस्याओं को लेकर कोई ठोस और सकारात्मक कदम नहीं उठाती है, तो 21 जून से राज्यव्यापी अनिश्चितकालीन हड़ताल की शुरुआत की जाएगी।
प्रखंड सगासा अध्यक्ष रौशन कुमार ने बताया कि विभाग द्वारा आवास सहायकों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाइयों की बाढ़ आ गई है। कई कर्मियों पर एफआईआर दर्ज की गई है, कुछ को सेवा से बर्खास्त भी कर दिया गया है। इन दमनात्मक कार्रवाइयों से कर्मचारियों में गहरा असंतोष है। रौशन कुमार ने कहा कि प्रशासन की यह नीति न केवल कर्मियों का मनोबल तोड़ रही है, बल्कि उनके भविष्य को भी अंधकार में धकेल रही है।
ज्ञापन में कर्मचारियों ने यह भी स्पष्ट किया कि वे वर्षों से बेहद कम वेतन पर काम कर रहे हैं और उनकी मांग है कि समान कार्य के बदले समान वेतन दिया जाए। साथ ही, उन्हें स्थायी कर्मी का दर्जा और सामाजिक सुरक्षा भी दी जाए।
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