शहर के चित्रगुप्त नगर स्थित एक आवासीय परिसर में रविवार दोपहर नगर परिषद क्षेत्र के विकास कार्यों को लेकर 22 वार्डों के पार्षद इकट्ठा हुए। इस बैठक में पार्षदों ने नगर परिषद के कार्यपालक पदाधिकारी, मुख्य पार्षद विजय मिश्रा और उपमुख्य पार्षद पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि परिषद की कार्यप्रणाली पूरी तरह मनमानी और भ्रष्टाचार से ग्रसित है।
बैठक में पार्षदों ने आरोप लगाया कि शहर में विकास कार्यों का हाल बेहद खराब है। परिषद केवल कागजों पर काम पूरा दिखा रही है, जबकि सड़कों, जल निकासी और अन्य बुनियादी सुविधाओं की स्थिति बदहाल बनी हुई है।
वार्ड संख्या 20 के पार्षद साहेब रजा ने कहा कि पार्षद बार-बार अपनी समस्याएं बोर्ड की बैठक में रखते हैं, जो पास भी हो जाती हैं, लेकिन जमीनी स्तर पर कोई काम नहीं होता। उन्होंने जलजमाव और टूटी सड़कों की समस्या को सबसे गंभीर बताते हुए कहा कि “हजारों स्कूली बच्चे और मरीज रोज इन सड़कों से गुजरते हैं। छोटे-छोटे बच्चे घुटने तक पानी में स्कूल जाने को मजबूर हैं। जहां कमीशन मिलता है, वहां काम होता है, और जहां जरूरत है, वहां कोई ध्यान नहीं दिया जाता।”
वहीं, वार्ड संख्या 6 के पार्षद रंजीत पासवान ने स्थायी समिति के मनमाने फैसलों पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि कार्यपालक पदाधिकारी, मुख्य पार्षद और उपमुख्य पार्षद बिना अन्य पार्षदों की सहमति लिए फैसले कर लेते हैं और बाद में उन्हें बोर्ड में जबरन पास करा दिया जाता है। उन्होंने हाल ही में हुई 16 लोगों की बहाली को संदिग्ध बताते हुए इसे “स्पष्ट रूप से पैसे का खेल” बताया और चेतावनी दी कि अगर मनमानी नहीं रुकी तो वे सत्याग्रह करेंगे।
बैठक में मौजूद अन्य पार्षदों ने भी एकजुट होकर नगर परिषद की कार्यशैली पर सवाल उठाए और साफ कहा कि जनता के हित के लिए अब ठोस कदम उठाना जरूरी है। बैठक में अनवर आलम, श्याम मंडल, राजेश पासवान, राजू राम, नूर आलम, विजय जैन और ओम प्रकाश सोनू समेत कई पार्षद और उनके प्रतिनिधि शामिल हुए।
इस बैठक को नगर परिषद के कामकाज में पारदर्शिता और जवाबदेही की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है। पार्षदों ने तय किया कि यदि आने वाले समय में हालात नहीं सुधरे, तो वे व्यापक आंदोलन की राह भी अपना सकते हैं।
सारस न्यूज़, अररिया।
शहर के चित्रगुप्त नगर स्थित एक आवासीय परिसर में रविवार दोपहर नगर परिषद क्षेत्र के विकास कार्यों को लेकर 22 वार्डों के पार्षद इकट्ठा हुए। इस बैठक में पार्षदों ने नगर परिषद के कार्यपालक पदाधिकारी, मुख्य पार्षद विजय मिश्रा और उपमुख्य पार्षद पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि परिषद की कार्यप्रणाली पूरी तरह मनमानी और भ्रष्टाचार से ग्रसित है।
बैठक में पार्षदों ने आरोप लगाया कि शहर में विकास कार्यों का हाल बेहद खराब है। परिषद केवल कागजों पर काम पूरा दिखा रही है, जबकि सड़कों, जल निकासी और अन्य बुनियादी सुविधाओं की स्थिति बदहाल बनी हुई है।
वार्ड संख्या 20 के पार्षद साहेब रजा ने कहा कि पार्षद बार-बार अपनी समस्याएं बोर्ड की बैठक में रखते हैं, जो पास भी हो जाती हैं, लेकिन जमीनी स्तर पर कोई काम नहीं होता। उन्होंने जलजमाव और टूटी सड़कों की समस्या को सबसे गंभीर बताते हुए कहा कि “हजारों स्कूली बच्चे और मरीज रोज इन सड़कों से गुजरते हैं। छोटे-छोटे बच्चे घुटने तक पानी में स्कूल जाने को मजबूर हैं। जहां कमीशन मिलता है, वहां काम होता है, और जहां जरूरत है, वहां कोई ध्यान नहीं दिया जाता।”
वहीं, वार्ड संख्या 6 के पार्षद रंजीत पासवान ने स्थायी समिति के मनमाने फैसलों पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि कार्यपालक पदाधिकारी, मुख्य पार्षद और उपमुख्य पार्षद बिना अन्य पार्षदों की सहमति लिए फैसले कर लेते हैं और बाद में उन्हें बोर्ड में जबरन पास करा दिया जाता है। उन्होंने हाल ही में हुई 16 लोगों की बहाली को संदिग्ध बताते हुए इसे “स्पष्ट रूप से पैसे का खेल” बताया और चेतावनी दी कि अगर मनमानी नहीं रुकी तो वे सत्याग्रह करेंगे।
बैठक में मौजूद अन्य पार्षदों ने भी एकजुट होकर नगर परिषद की कार्यशैली पर सवाल उठाए और साफ कहा कि जनता के हित के लिए अब ठोस कदम उठाना जरूरी है। बैठक में अनवर आलम, श्याम मंडल, राजेश पासवान, राजू राम, नूर आलम, विजय जैन और ओम प्रकाश सोनू समेत कई पार्षद और उनके प्रतिनिधि शामिल हुए।
इस बैठक को नगर परिषद के कामकाज में पारदर्शिता और जवाबदेही की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है। पार्षदों ने तय किया कि यदि आने वाले समय में हालात नहीं सुधरे, तो वे व्यापक आंदोलन की राह भी अपना सकते हैं।
Leave a Reply