अररिया जिले में मोटे अनाज की खेती के लिए व्यापक संभावनाएं मौजूद हैं। यहां की मिट्टी और मौसम इस खेती के लिए पूरी तरह से अनुकूल हैं, जिससे किसानों को बेहतर उत्पादन और अच्छा मुनाफा मिल सकता है।
बिहार कृषि विश्वविद्यालय, सबौर (भागलपुर) के प्रसार शिक्षा निदेशक डॉ. आर.के. सुहाने ने कृषि विज्ञान केंद्र के दौरे पर यह बात कही। उन्होंने मोटे अनाज की खेती की स्थिति का जायजा लेने के बाद बताया कि बदलते मौसम और स्वास्थ्य की बढ़ती चिंता को देखते हुए अब समय की मांग है कि किसान मोटे अनाज की ओर रुख करें।
डॉ. सुहाने ने आश्वासन दिया कि कृषि विज्ञान केंद्र किसानों को इस दिशा में हर संभव सहायता प्रदान करेगा, ताकि वे आधुनिक तकनीकों के साथ मोटे अनाज की खेती को अपनाकर लाभ कमा सकें।
सारस न्यूज, वेब डेस्क।
अररिया जिले में मोटे अनाज की खेती के लिए व्यापक संभावनाएं मौजूद हैं। यहां की मिट्टी और मौसम इस खेती के लिए पूरी तरह से अनुकूल हैं, जिससे किसानों को बेहतर उत्पादन और अच्छा मुनाफा मिल सकता है।
बिहार कृषि विश्वविद्यालय, सबौर (भागलपुर) के प्रसार शिक्षा निदेशक डॉ. आर.के. सुहाने ने कृषि विज्ञान केंद्र के दौरे पर यह बात कही। उन्होंने मोटे अनाज की खेती की स्थिति का जायजा लेने के बाद बताया कि बदलते मौसम और स्वास्थ्य की बढ़ती चिंता को देखते हुए अब समय की मांग है कि किसान मोटे अनाज की ओर रुख करें।
डॉ. सुहाने ने आश्वासन दिया कि कृषि विज्ञान केंद्र किसानों को इस दिशा में हर संभव सहायता प्रदान करेगा, ताकि वे आधुनिक तकनीकों के साथ मोटे अनाज की खेती को अपनाकर लाभ कमा सकें।
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