कांग्रेस सांसद राहुल गांधी द्वारा चुनाव प्रणाली को लेकर लगाए गए आरोपों पर चुनाव आयोग ने कड़ा जवाब दिया है। आयोग ने स्पष्ट किया है कि किसी भी मतदाता का नाम ऑनलाइन माध्यम से बिना प्रक्रिया के हटाया नहीं जा सकता। आयोग ने राहुल गांधी के तमाम आरोपों को “आधारहीन, भ्रामक और तथ्यहीन” करार देते हुए कहा कि इससे जनता के बीच गलत संदेश फैलता है।
राहुल गांधी का आरोप
राहुल गांधी ने हाल ही में एक सार्वजनिक मंच से बयान दिया था कि देशभर में बड़ी संख्या में मतदाताओं के नाम “ऑनलाइन तरीके से” मतदाता सूची से हटाए जा रहे हैं। उन्होंने यह भी दावा किया कि लोगों को इसके बारे में न तो कोई सूचना दी जाती है और न ही उन्हें अपनी बात रखने का अवसर मिलता है।
चुनाव आयोग का स्पष्टीकरण
चुनाव आयोग ने इन आरोपों पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि भारत में मतदाता सूची का प्रबंधन पूरी तरह से कानूनी प्रक्रिया और नियमों के तहत किया जाता है। आयोग के अनुसार, किसी भी मतदाता का नाम मतदाता सूची से हटाने से पहले एक सुनवाई की प्रक्रिया अपनाई जाती है, जिसमें संबंधित व्यक्ति को अपना पक्ष रखने का पूरा अवसर दिया जाता है।
आयोग ने यह भी स्पष्ट किया कि कोई भी वोट ‘ऑनलाइन’ तरीके से सीधे डिलीट नहीं किया जा सकता। सभी संशोधन, विलोपन या परिवर्धन की कार्यवाही स्थानीय चुनाव अधिकारियों की निगरानी में, फॉर्म और दस्तावेज़ों के ज़रिए ही होती है।
शिकायत का विकल्प मौजूद
चुनाव आयोग ने यह भी जानकारी दी कि अगर किसी व्यक्ति को लगता है कि उसका नाम गलत तरीके से मतदाता सूची से हटा दिया गया है, तो वह जिला मजिस्ट्रेट (DM) या मुख्य निर्वाचन अधिकारी (CEO) के पास शिकायत दर्ज करा सकता है। इसके लिए आयोग ने उचित प्रक्रिया और समयसीमा निर्धारित की हुई है।
लोकतांत्रिक व्यवस्था पर भरोसा बनाए रखें – आयोग
आयोग ने नेताओं से अपील की कि वे अपने बयानों में तथ्यों की पुष्टि करें और जिम्मेदारी का परिचय दें, ताकि चुनावी प्रक्रिया की विश्वसनीयता और पारदर्शिता बनी रहे। आयोग का कहना है कि ऐसे निराधार आरोप जनता में भ्रम फैलाते हैं, और इससे भारत की लोकतांत्रिक संस्थाओं की साख को ठेस पहुंच सकती है।
सारस न्यूज, वेब डेस्क।
कांग्रेस सांसद राहुल गांधी द्वारा चुनाव प्रणाली को लेकर लगाए गए आरोपों पर चुनाव आयोग ने कड़ा जवाब दिया है। आयोग ने स्पष्ट किया है कि किसी भी मतदाता का नाम ऑनलाइन माध्यम से बिना प्रक्रिया के हटाया नहीं जा सकता। आयोग ने राहुल गांधी के तमाम आरोपों को “आधारहीन, भ्रामक और तथ्यहीन” करार देते हुए कहा कि इससे जनता के बीच गलत संदेश फैलता है।
राहुल गांधी का आरोप
राहुल गांधी ने हाल ही में एक सार्वजनिक मंच से बयान दिया था कि देशभर में बड़ी संख्या में मतदाताओं के नाम “ऑनलाइन तरीके से” मतदाता सूची से हटाए जा रहे हैं। उन्होंने यह भी दावा किया कि लोगों को इसके बारे में न तो कोई सूचना दी जाती है और न ही उन्हें अपनी बात रखने का अवसर मिलता है।
चुनाव आयोग का स्पष्टीकरण
चुनाव आयोग ने इन आरोपों पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि भारत में मतदाता सूची का प्रबंधन पूरी तरह से कानूनी प्रक्रिया और नियमों के तहत किया जाता है। आयोग के अनुसार, किसी भी मतदाता का नाम मतदाता सूची से हटाने से पहले एक सुनवाई की प्रक्रिया अपनाई जाती है, जिसमें संबंधित व्यक्ति को अपना पक्ष रखने का पूरा अवसर दिया जाता है।
आयोग ने यह भी स्पष्ट किया कि कोई भी वोट ‘ऑनलाइन’ तरीके से सीधे डिलीट नहीं किया जा सकता। सभी संशोधन, विलोपन या परिवर्धन की कार्यवाही स्थानीय चुनाव अधिकारियों की निगरानी में, फॉर्म और दस्तावेज़ों के ज़रिए ही होती है।
शिकायत का विकल्प मौजूद
चुनाव आयोग ने यह भी जानकारी दी कि अगर किसी व्यक्ति को लगता है कि उसका नाम गलत तरीके से मतदाता सूची से हटा दिया गया है, तो वह जिला मजिस्ट्रेट (DM) या मुख्य निर्वाचन अधिकारी (CEO) के पास शिकायत दर्ज करा सकता है। इसके लिए आयोग ने उचित प्रक्रिया और समयसीमा निर्धारित की हुई है।
लोकतांत्रिक व्यवस्था पर भरोसा बनाए रखें – आयोग
आयोग ने नेताओं से अपील की कि वे अपने बयानों में तथ्यों की पुष्टि करें और जिम्मेदारी का परिचय दें, ताकि चुनावी प्रक्रिया की विश्वसनीयता और पारदर्शिता बनी रहे। आयोग का कहना है कि ऐसे निराधार आरोप जनता में भ्रम फैलाते हैं, और इससे भारत की लोकतांत्रिक संस्थाओं की साख को ठेस पहुंच सकती है।
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