अररिया ज़िले में चल रहे महिला संवाद कार्यक्रम के 44वें दिन भी 36 अलग-अलग स्थानों पर सफल आयोजन किया गया, जिसमें करीब 6873 महिलाओं ने सक्रिय रूप से भाग लिया। यह संवाद मंच महिलाओं को अपने विचार, आकांक्षाएं और समस्याएं खुलकर व्यक्त करने का अवसर दे रहा है, जिससे वे सामाजिक और व्यक्तिगत दोनों स्तरों पर अपनी बात रख पा रही हैं।
कार्यक्रम के दौरान दिखाई जा रही सामग्री और वितरित रंगीन लीफलेट में छपी सरकारी योजनाओं की जानकारी महिलाओं के सशक्तिकरण की दिशा में एक उपयोगी पहल साबित हो रही है। इससे न केवल महिलाओं को योजनाओं को समझने में मदद मिल रही है, बल्कि वे इनका लाभ भी उठा पा रही हैं।
महिला संवाद के दौरान महिलाएं खुले मन से अपनी आकांक्षाएं और समस्याएं साझा कर रही हैं, जिनमें प्रमुख रूप से निम्नलिखित विषयों पर ज़ोर दिया गया:
रोज़गार और स्वरोजगार से जुड़ी सुविधाओं की माँग
स्थानीय स्वास्थ्य केंद्रों की स्थिति में सुधार और डॉक्टरों व नर्सों की पर्याप्त तैनाती
सड़क, नल-जल और आधार केंद्र जैसी मूलभूत सुविधाओं की उपलब्धता
शिक्षा व्यवस्था को सुदृढ़ करने की माँग
बाढ़ प्रबंधन एवं बचाव के लिए बेहतर तैयारी
स्थानीय स्तर पर पलायन रोकने और रोज़गार के अवसर विकसित करने की ज़रूरत
महिलाओं ने विशेष रूप से यह बात रखी कि रोजगार के अभाव में लोगों का बड़े पैमाने पर अन्य शहरों की ओर पलायन होता है, जो एक गंभीर चिंता का विषय है। उन्होंने सरकार से स्थानीय स्तर पर महिला केंद्रित रोजगार योजनाएं लागू करने की माँग की है, जिससे उनकी आर्थिक स्थिति सुदृढ़ हो सके।
सभी प्रस्तुत आकांक्षाओं और समस्याओं को डिजिटल एप में दर्ज किया जा रहा है, और उन्हें प्राथमिकता के आधार पर समाधान की दिशा में अग्रसर किया जा रहा है।
यह कार्यक्रम केवल संवाद तक सीमित नहीं है, बल्कि यह महिलाओं को आत्मनिर्भर और जागरूक नागरिक के रूप में आगे बढ़ाने का सशक्त माध्यम बन रहा है।
सारस न्यूज़, अररिया।
अररिया ज़िले में चल रहे महिला संवाद कार्यक्रम के 44वें दिन भी 36 अलग-अलग स्थानों पर सफल आयोजन किया गया, जिसमें करीब 6873 महिलाओं ने सक्रिय रूप से भाग लिया। यह संवाद मंच महिलाओं को अपने विचार, आकांक्षाएं और समस्याएं खुलकर व्यक्त करने का अवसर दे रहा है, जिससे वे सामाजिक और व्यक्तिगत दोनों स्तरों पर अपनी बात रख पा रही हैं।
कार्यक्रम के दौरान दिखाई जा रही सामग्री और वितरित रंगीन लीफलेट में छपी सरकारी योजनाओं की जानकारी महिलाओं के सशक्तिकरण की दिशा में एक उपयोगी पहल साबित हो रही है। इससे न केवल महिलाओं को योजनाओं को समझने में मदद मिल रही है, बल्कि वे इनका लाभ भी उठा पा रही हैं।
महिला संवाद के दौरान महिलाएं खुले मन से अपनी आकांक्षाएं और समस्याएं साझा कर रही हैं, जिनमें प्रमुख रूप से निम्नलिखित विषयों पर ज़ोर दिया गया:
रोज़गार और स्वरोजगार से जुड़ी सुविधाओं की माँग
स्थानीय स्वास्थ्य केंद्रों की स्थिति में सुधार और डॉक्टरों व नर्सों की पर्याप्त तैनाती
सड़क, नल-जल और आधार केंद्र जैसी मूलभूत सुविधाओं की उपलब्धता
शिक्षा व्यवस्था को सुदृढ़ करने की माँग
बाढ़ प्रबंधन एवं बचाव के लिए बेहतर तैयारी
स्थानीय स्तर पर पलायन रोकने और रोज़गार के अवसर विकसित करने की ज़रूरत
महिलाओं ने विशेष रूप से यह बात रखी कि रोजगार के अभाव में लोगों का बड़े पैमाने पर अन्य शहरों की ओर पलायन होता है, जो एक गंभीर चिंता का विषय है। उन्होंने सरकार से स्थानीय स्तर पर महिला केंद्रित रोजगार योजनाएं लागू करने की माँग की है, जिससे उनकी आर्थिक स्थिति सुदृढ़ हो सके।
सभी प्रस्तुत आकांक्षाओं और समस्याओं को डिजिटल एप में दर्ज किया जा रहा है, और उन्हें प्राथमिकता के आधार पर समाधान की दिशा में अग्रसर किया जा रहा है।
यह कार्यक्रम केवल संवाद तक सीमित नहीं है, बल्कि यह महिलाओं को आत्मनिर्भर और जागरूक नागरिक के रूप में आगे बढ़ाने का सशक्त माध्यम बन रहा है।
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