गुरुवार को आयोजित महिला संवाद कार्यक्रम में महिलाओं की जबरदस्त भागीदारी देखने को मिली। बड़ी संख्या में महिलाओं ने इस पहल में सक्रिय रूप से हिस्सा लिया। कार्यक्रम में दिखाई जा रही वीडियो फिल्मों ने महिलाओं को योजनाओं की ऐसी जानकारी दी, जिससे वे अब तक अनजान थीं। कई प्रतिभागी महिलाओं ने बताया कि उन्हें न सिर्फ योजनाओं के बारे में पता चला, बल्कि यह भी समझ में आया कि उनका लाभ कैसे उठाया जा सकता है।
इस आयोजन को लेकर महिलाओं में खासा उत्साह देखा जा रहा है। महिलाओं का मानना है कि यह संवाद उनके सशक्तिकरण की दिशा में बेहद प्रभावी कदम है।
कार्यक्रम में आई कुछ महिलाओं ने स्थानीय स्तर पर रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने की मांग उठाई। उन्होंने कहा कि जिले में पलायन की समस्या महिलाओं और बच्चों पर सबसे बुरा असर डालती है। यदि स्थानीय स्तर पर उद्योग-धंधों या अन्य स्वरोजगार की व्यवस्था हो जाए, तो पलायन की दर में निश्चित रूप से कमी आ सकती है। महिलाओं ने सरकार से इस दिशा में गंभीर प्रयास करने की अपील की।
उल्लेखनीय है कि जिले में 18 संवाद रथ प्रतिदिन 36 स्थानों पर जाकर लोगों को सरकारी योजनाओं के बारे में जानकारी दे रहे हैं। ये संवाद रथ दो पालियों में चलते हैं—सुबह 9 से 11 बजे और शाम 4 से 6 बजे तक। इन रथों के माध्यम से पंचायत स्तर पर वीडियो फिल्मों के जरिये योजनाओं का व्यापक प्रचार-प्रसार किया जा रहा है।
यह अभियान 18 अप्रैल 2025 से शुरू हुआ है और आगामी दो महीनों तक चलेगा। इसकी एक सुनियोजित रूपरेखा तैयार की गई है, जिसमें प्रत्येक रथ का दिन-वार रूट मैप भी शामिल है। इस पहल को लेकर ग्रामीण इलाकों में सकारात्मक और उत्साहवर्धक प्रतिक्रियाएं मिल रही हैं।
सारस न्यूज़, अररिया।
गुरुवार को आयोजित महिला संवाद कार्यक्रम में महिलाओं की जबरदस्त भागीदारी देखने को मिली। बड़ी संख्या में महिलाओं ने इस पहल में सक्रिय रूप से हिस्सा लिया। कार्यक्रम में दिखाई जा रही वीडियो फिल्मों ने महिलाओं को योजनाओं की ऐसी जानकारी दी, जिससे वे अब तक अनजान थीं। कई प्रतिभागी महिलाओं ने बताया कि उन्हें न सिर्फ योजनाओं के बारे में पता चला, बल्कि यह भी समझ में आया कि उनका लाभ कैसे उठाया जा सकता है।
इस आयोजन को लेकर महिलाओं में खासा उत्साह देखा जा रहा है। महिलाओं का मानना है कि यह संवाद उनके सशक्तिकरण की दिशा में बेहद प्रभावी कदम है।
कार्यक्रम में आई कुछ महिलाओं ने स्थानीय स्तर पर रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने की मांग उठाई। उन्होंने कहा कि जिले में पलायन की समस्या महिलाओं और बच्चों पर सबसे बुरा असर डालती है। यदि स्थानीय स्तर पर उद्योग-धंधों या अन्य स्वरोजगार की व्यवस्था हो जाए, तो पलायन की दर में निश्चित रूप से कमी आ सकती है। महिलाओं ने सरकार से इस दिशा में गंभीर प्रयास करने की अपील की।
उल्लेखनीय है कि जिले में 18 संवाद रथ प्रतिदिन 36 स्थानों पर जाकर लोगों को सरकारी योजनाओं के बारे में जानकारी दे रहे हैं। ये संवाद रथ दो पालियों में चलते हैं—सुबह 9 से 11 बजे और शाम 4 से 6 बजे तक। इन रथों के माध्यम से पंचायत स्तर पर वीडियो फिल्मों के जरिये योजनाओं का व्यापक प्रचार-प्रसार किया जा रहा है।
यह अभियान 18 अप्रैल 2025 से शुरू हुआ है और आगामी दो महीनों तक चलेगा। इसकी एक सुनियोजित रूपरेखा तैयार की गई है, जिसमें प्रत्येक रथ का दिन-वार रूट मैप भी शामिल है। इस पहल को लेकर ग्रामीण इलाकों में सकारात्मक और उत्साहवर्धक प्रतिक्रियाएं मिल रही हैं।
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