सीमांचल अधिकार मंच ने मंगलवार शाम शहर के एक होटल में एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की, जिसकी अध्यक्षता मंच के प्रमुख शाहजहां शाद ने की। यह बैठक सीमांचल क्षेत्र के अल्पसंख्यक समाज के अधिकारों की रक्षा के लिए संघर्षरत मंच के सदस्यों द्वारा आयोजित की गई। बैठक का मुख्य एजेंडा केंद्र सरकार द्वारा लागू किया गया वक्फ संशोधन एक्ट था, जिसके खिलाफ मंच के सभी सदस्य एकजुट होकर विरोध व्यक्त किया।
बैठक में मंच के पदाधिकारियों और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने वक्फ संपत्तियों की स्थिति, सरकार की नीतियों और वक्फ संशोधन एक्ट के संभावित प्रभावों पर गहन चर्चा की। वक्ताओं ने इस एक्ट को वक्फ बोर्ड की स्वायत्तता समाप्त करने वाला और समाज के गरीब, छात्रों तथा जरूरतमंदों को मिलने वाली सहायता पर नकारात्मक असर डालने वाला करार दिया।
शाहजहां शाद का बयान: अपने संबोधन में शाहजहां शाद ने कहा, “यह कानून न केवल अल्पसंख्यक समुदाय के अधिकारों का उल्लंघन करता है, बल्कि इससे वक्फ संपत्तियाँ भी संकट में पड़ सकती हैं। सीमांचल जैसे संवेदनशील और पिछड़े इलाके में वक्फ संपत्तियाँ समाज के लिए एक अहम सहारा हैं।”
बैठक में यह निर्णय लिया गया कि मंच अगले कुछ दिनों में इस मुद्दे पर बड़े जनसंवाद कार्यक्रम का आयोजन करेगा, जिसमें कोसी और सीमांचल क्षेत्र से बड़ी संख्या में लोग जुड़ेंगे। इसके लिए एक और बैठक जल्द बुलाई जाएगी, जिसमें कार्यक्रम की रूपरेखा, तिथि और स्थान तय किए जाएंगे।
संघर्ष को और तेज करने का संकल्प: मंच के अन्य वरिष्ठ सदस्यों ने भी वक्फ संशोधन एक्ट की समीक्षा की और समुदाय को एकजुट होने की अपील की। वक्ताओं ने स्पष्ट किया कि यदि सरकार इस निर्णय को वापस नहीं लेती है, तो आंदोलन को और व्यापक बनाया जाएगा।
बैठक में मंच के अध्यक्ष शाहजहां शाद, सचिव एकराम अंसारी, मौलाना फारुक मजाहिरी, मौलाना फिरोज, मौलाना गयासुद्दीन, नगर पार्षद सैयद आबिद हुसैन उर्फ गुड्डू अली, इरशाद सिद्दीकी, अमन सिद्दीकी, राशिद जुनैद, मौलाना अब्दुर्रहमान कासमी, मुफ्ती याकूब सहित अन्य दर्जनों लोग उपस्थित थे।
आंदोलन की दिशा और भविष्य की योजनाएं: यह बैठक मंच के संघर्ष को और तेज करने की दिशा में एक अहम कदम साबित हुई है, जिसमें अब वक्फ संशोधन एक्ट के विरोध में व्यापक जनआंदोलन की रणनीति तैयार की जा रही है।
सारस न्यूज़, अररिया।
सीमांचल अधिकार मंच ने मंगलवार शाम शहर के एक होटल में एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की, जिसकी अध्यक्षता मंच के प्रमुख शाहजहां शाद ने की। यह बैठक सीमांचल क्षेत्र के अल्पसंख्यक समाज के अधिकारों की रक्षा के लिए संघर्षरत मंच के सदस्यों द्वारा आयोजित की गई। बैठक का मुख्य एजेंडा केंद्र सरकार द्वारा लागू किया गया वक्फ संशोधन एक्ट था, जिसके खिलाफ मंच के सभी सदस्य एकजुट होकर विरोध व्यक्त किया।
बैठक में मंच के पदाधिकारियों और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने वक्फ संपत्तियों की स्थिति, सरकार की नीतियों और वक्फ संशोधन एक्ट के संभावित प्रभावों पर गहन चर्चा की। वक्ताओं ने इस एक्ट को वक्फ बोर्ड की स्वायत्तता समाप्त करने वाला और समाज के गरीब, छात्रों तथा जरूरतमंदों को मिलने वाली सहायता पर नकारात्मक असर डालने वाला करार दिया।
शाहजहां शाद का बयान: अपने संबोधन में शाहजहां शाद ने कहा, “यह कानून न केवल अल्पसंख्यक समुदाय के अधिकारों का उल्लंघन करता है, बल्कि इससे वक्फ संपत्तियाँ भी संकट में पड़ सकती हैं। सीमांचल जैसे संवेदनशील और पिछड़े इलाके में वक्फ संपत्तियाँ समाज के लिए एक अहम सहारा हैं।”
बैठक में यह निर्णय लिया गया कि मंच अगले कुछ दिनों में इस मुद्दे पर बड़े जनसंवाद कार्यक्रम का आयोजन करेगा, जिसमें कोसी और सीमांचल क्षेत्र से बड़ी संख्या में लोग जुड़ेंगे। इसके लिए एक और बैठक जल्द बुलाई जाएगी, जिसमें कार्यक्रम की रूपरेखा, तिथि और स्थान तय किए जाएंगे।
संघर्ष को और तेज करने का संकल्प: मंच के अन्य वरिष्ठ सदस्यों ने भी वक्फ संशोधन एक्ट की समीक्षा की और समुदाय को एकजुट होने की अपील की। वक्ताओं ने स्पष्ट किया कि यदि सरकार इस निर्णय को वापस नहीं लेती है, तो आंदोलन को और व्यापक बनाया जाएगा।
बैठक में मंच के अध्यक्ष शाहजहां शाद, सचिव एकराम अंसारी, मौलाना फारुक मजाहिरी, मौलाना फिरोज, मौलाना गयासुद्दीन, नगर पार्षद सैयद आबिद हुसैन उर्फ गुड्डू अली, इरशाद सिद्दीकी, अमन सिद्दीकी, राशिद जुनैद, मौलाना अब्दुर्रहमान कासमी, मुफ्ती याकूब सहित अन्य दर्जनों लोग उपस्थित थे।
आंदोलन की दिशा और भविष्य की योजनाएं: यह बैठक मंच के संघर्ष को और तेज करने की दिशा में एक अहम कदम साबित हुई है, जिसमें अब वक्फ संशोधन एक्ट के विरोध में व्यापक जनआंदोलन की रणनीति तैयार की जा रही है।
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