सरकारी नौकरी, राजनीति में आरक्षण और विकास की मुख्य धारा से जोड़ने की मांग।
बैठक में आये कमेटी के राष्ट्रीय एवं प्रदेश अध्यक्ष, मुखिया शाहिद आलम एवं अन्य लोग।
ऑल इंडिया शाह साई कमिटी ऑर्गनाइजेशन ने रविवार को अररिया के टाउन हॉल में एक दिवसीय सम्मेलन आयोजित किया। इस सम्मेलन की अध्यक्षता चिरह पंचायत के मुखिया प्रतिनिधि और जोकीहाट प्रखंड मुखिया संघ के अध्यक्ष मोहम्मद शाहिद ने की। मुख्य अतिथि के रूप में शाह बिरादरी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मोहम्मद असीरउद्दीन शाह भी उपस्थित रहे।
राष्ट्रीय अध्यक्ष ने बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि शाह बिरादरी के लोग आजादी के 70 साल बाद भी विकास की मुख्यधारा से अलग हैं। किसी भी सरकार या राजनीतिक दल ने इस बिरादरी के विकास के लिए ईमानदारी से काम नहीं किया है और उन्हें केवल वोट बैंक के रूप में इस्तेमाल किया है। उन्होंने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को अपनी मांगों के साथ एक ज्ञापन सौंपने की बात कही।
उन्होंने कहा कि शाह साई जाति में साई, फकीर, मदारी, छपरबंद और दीवान जैसी उप जातियाँ शामिल हैं, जिनका आज तक विकास नहीं हो पाया है। बिरादरी के लोग बार-बार उपेक्षा और अनदेखी से नाराज हैं। बिहार में इस जाति की आबादी लगभग 6 लाख है, जो विभिन्न जिलों में निवास करती है।
राष्ट्रीय अध्यक्ष ने बताया कि यह बिरादरी आर्थिक, सामाजिक और शैक्षणिक दृष्टिकोण से काफी पिछड़ी हुई है। मौके पर उपस्थित जिला अध्यक्ष मोहम्मद शाहिद आलम ने बताया कि वे अपनी विभिन्न समस्याओं और मांगों का ज्ञापन डीएम के माध्यम से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को देंगे।
मुख्य मांगों में सरकारी नौकरी में प्राथमिकता, शिक्षा से जोड़ना, सामाजिक आर्थिक स्थिति में सुधार, संवैधानिक संस्थाओं और राजनीतिक भागीदारी सुनिश्चित करना शामिल हैं। इस मौके पर कई अन्य प्रमुख व्यक्ति और शाह साई बिरादरी के लोग बड़ी संख्या में मौजूद थे।
सारस न्यूज़, अररिया।
सरकारी नौकरी, राजनीति में आरक्षण और विकास की मुख्य धारा से जोड़ने की मांग।
बैठक में आये कमेटी के राष्ट्रीय एवं प्रदेश अध्यक्ष, मुखिया शाहिद आलम एवं अन्य लोग।
ऑल इंडिया शाह साई कमिटी ऑर्गनाइजेशन ने रविवार को अररिया के टाउन हॉल में एक दिवसीय सम्मेलन आयोजित किया। इस सम्मेलन की अध्यक्षता चिरह पंचायत के मुखिया प्रतिनिधि और जोकीहाट प्रखंड मुखिया संघ के अध्यक्ष मोहम्मद शाहिद ने की। मुख्य अतिथि के रूप में शाह बिरादरी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मोहम्मद असीरउद्दीन शाह भी उपस्थित रहे।
राष्ट्रीय अध्यक्ष ने बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि शाह बिरादरी के लोग आजादी के 70 साल बाद भी विकास की मुख्यधारा से अलग हैं। किसी भी सरकार या राजनीतिक दल ने इस बिरादरी के विकास के लिए ईमानदारी से काम नहीं किया है और उन्हें केवल वोट बैंक के रूप में इस्तेमाल किया है। उन्होंने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को अपनी मांगों के साथ एक ज्ञापन सौंपने की बात कही।
उन्होंने कहा कि शाह साई जाति में साई, फकीर, मदारी, छपरबंद और दीवान जैसी उप जातियाँ शामिल हैं, जिनका आज तक विकास नहीं हो पाया है। बिरादरी के लोग बार-बार उपेक्षा और अनदेखी से नाराज हैं। बिहार में इस जाति की आबादी लगभग 6 लाख है, जो विभिन्न जिलों में निवास करती है।
राष्ट्रीय अध्यक्ष ने बताया कि यह बिरादरी आर्थिक, सामाजिक और शैक्षणिक दृष्टिकोण से काफी पिछड़ी हुई है। मौके पर उपस्थित जिला अध्यक्ष मोहम्मद शाहिद आलम ने बताया कि वे अपनी विभिन्न समस्याओं और मांगों का ज्ञापन डीएम के माध्यम से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को देंगे।
मुख्य मांगों में सरकारी नौकरी में प्राथमिकता, शिक्षा से जोड़ना, सामाजिक आर्थिक स्थिति में सुधार, संवैधानिक संस्थाओं और राजनीतिक भागीदारी सुनिश्चित करना शामिल हैं। इस मौके पर कई अन्य प्रमुख व्यक्ति और शाह साई बिरादरी के लोग बड़ी संख्या में मौजूद थे।
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