2006 बैच के पूर्व आईपीएस अधिकारी शिवदीप लांडे, जो हाल ही में पुलिस सेवा से आईजी पद से इस्तीफा देने के बाद “हिंद सेना” नामक राजनीतिक पार्टी की स्थापना कर चुके हैं, इन दिनों सीमांचल क्षेत्र के दौरे पर हैं। बुधवार को शौर्य दिवस के अवसर पर उन्होंने फारबिसगंज स्थित फैंसी मार्केट परिसर में बाबू वीर कुंवर सिंह की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की।
इस अवसर पर शिवदीप लांडे ने बाबू वीर कुंवर सिंह की वीरता और बलिदान को याद करते हुए कहा:
“बिहार में अंग्रेजों के खिलाफ संघर्ष के प्रमुख योद्धाओं में बाबू वीर कुंवर सिंह का नाम अग्रणी है। 23 अप्रैल 1858 को जगदीशपुर के पास लड़ी गई उनकी अंतिम लड़ाई में उन्होंने ईस्ट इंडिया कंपनी की सेना को करारी शिकस्त दी थी। 80 वर्ष की उम्र में भी उनकी युद्धकला और साहस अद्वितीय था।”
उन्होंने आगे बताया कि जब स्वतंत्रता संग्राम के दौरान बाबू कुंवर सिंह की बाईं कलाई में गोली लगी और संक्रमण का खतरा बढ़ा, तब उन्होंने स्वयं ही तलवार से अपना बायां हाथ काटकर गंगा नदी में प्रवाहित कर दिया। उनकी इसी अद्वितीय शौर्यता की स्मृति में आज शौर्य दिवस मनाया जाता है।
माल्यार्पण के बाद शिवदीप लांडे ने स्थानीय नागरिकों और युवाओं से संवाद भी स्थापित किया। उन्होंने कहा:
“मैं जनता से सीधा संवाद कर रहा हूं, उनकी समस्याओं को समझ रहा हूं। युवा वर्ग आज बदलाव चाहता है — सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक हर स्तर पर। उसी बदलाव को साकार करने के लिए मैंने आईपीएस की नौकरी छोड़ी और एक नई राजनीतिक सोच की शुरुआत की है।”
इस अवसर पर प्रमुख रूप से उपस्थित थे:
नगर पार्षद उमाशंकर उर्फ बुलबुल यादव
पार्षद प्रतिनिधि सुनील यादव
फिल्म कलाकार रामकुमार भगत
इजहार अंसारी, राशिद जुनैद, विनोद तिवारी, मनीष पांडेय, दिलीप पटेल, मिंटू, सहित बड़ी संख्या में स्थानीय नागरिक।
सारस न्यूज़, अररिया।
2006 बैच के पूर्व आईपीएस अधिकारी शिवदीप लांडे, जो हाल ही में पुलिस सेवा से आईजी पद से इस्तीफा देने के बाद “हिंद सेना” नामक राजनीतिक पार्टी की स्थापना कर चुके हैं, इन दिनों सीमांचल क्षेत्र के दौरे पर हैं। बुधवार को शौर्य दिवस के अवसर पर उन्होंने फारबिसगंज स्थित फैंसी मार्केट परिसर में बाबू वीर कुंवर सिंह की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की।
इस अवसर पर शिवदीप लांडे ने बाबू वीर कुंवर सिंह की वीरता और बलिदान को याद करते हुए कहा:
“बिहार में अंग्रेजों के खिलाफ संघर्ष के प्रमुख योद्धाओं में बाबू वीर कुंवर सिंह का नाम अग्रणी है। 23 अप्रैल 1858 को जगदीशपुर के पास लड़ी गई उनकी अंतिम लड़ाई में उन्होंने ईस्ट इंडिया कंपनी की सेना को करारी शिकस्त दी थी। 80 वर्ष की उम्र में भी उनकी युद्धकला और साहस अद्वितीय था।”
उन्होंने आगे बताया कि जब स्वतंत्रता संग्राम के दौरान बाबू कुंवर सिंह की बाईं कलाई में गोली लगी और संक्रमण का खतरा बढ़ा, तब उन्होंने स्वयं ही तलवार से अपना बायां हाथ काटकर गंगा नदी में प्रवाहित कर दिया। उनकी इसी अद्वितीय शौर्यता की स्मृति में आज शौर्य दिवस मनाया जाता है।
माल्यार्पण के बाद शिवदीप लांडे ने स्थानीय नागरिकों और युवाओं से संवाद भी स्थापित किया। उन्होंने कहा:
“मैं जनता से सीधा संवाद कर रहा हूं, उनकी समस्याओं को समझ रहा हूं। युवा वर्ग आज बदलाव चाहता है — सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक हर स्तर पर। उसी बदलाव को साकार करने के लिए मैंने आईपीएस की नौकरी छोड़ी और एक नई राजनीतिक सोच की शुरुआत की है।”
इस अवसर पर प्रमुख रूप से उपस्थित थे:
नगर पार्षद उमाशंकर उर्फ बुलबुल यादव
पार्षद प्रतिनिधि सुनील यादव
फिल्म कलाकार रामकुमार भगत
इजहार अंसारी, राशिद जुनैद, विनोद तिवारी, मनीष पांडेय, दिलीप पटेल, मिंटू, सहित बड़ी संख्या में स्थानीय नागरिक।
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