मेष, वृषभ और कुंभ राशि वालों पर डालेंगे विपरीत प्रभाव।
कर्क और वृश्चिक राशि पर शनि की ढैया का होगा समय।
शनि की उलटी चाल को वक्री होना कहा गया है। 29 जून 2024 को शनि वक्री हो रहे हैं और 15 नवंबर तक बने रहेंगे। जहां सिंह और धनु राशि वालों को लाभ होगा तो वहीं मेष, वृषभ, कुंभ राशि वालों पर विपरीत प्रभाव पड़ सकता है। अन्य राशियों पर आंशिक प्रभाव पड़ेगा। इसके पहले शनि की उल्टी चाल 17 जून 2023 से चार नवंबर 2023 तक रही थी। आचार्य पं शिवादित्य पांडेय के अनुसार शनि देव एक राशि पर लगभग 2.5 वर्ष रहते हैं। वर्तमान में यह कुंभ राशि में हैं। शनि जिस राशि पर रहते हैं, उसके पहले और बाद की राशि को भी अपने गिरफ्त में लिए रहते हैं। इस समय मकर, कुंभ और मीन राशि पर शनि की साढ़े साती चल रही है। कर्क और वृश्चिक राशि पर शनि की ढैया का समय है।
शनि चार नवंबर तक रहेंगे वक्री।
आचार्य पं शिवादित्य पांडेय ने बताया कि शनि के वक्री होने से ज्यादा परेशान होने की आवश्यकता नहीं है। शनि हानि पहुंचाते हैं, तो लाभ भी देते हैं। शनि 04 नवंबर तक वक्री रहेंगे। सभी को शनिदेव की पूजा करनी चाहिए। ताकि उनकी कृपा भक्तों पर बनी रहे।
न्याय का देवता हैं शनिदेव।
शनि को न्याय का देवता माना जाता है। वह लोगों को अपने कर्म के अनुसार फल प्रदान करते हैं। शनि को दंडाधिकारी भी कहा जाता है। शनि की चाल विभिन्न राशियों के व्यक्तियों को प्रभावित करती है। उन्होंने बताया कि वक्री चाल से जिस राशि के लोग प्रभावित हो रहे हैं। उन्हें शनि की पूजा-अर्चना करनी चाहिए।
सारस न्यूज़, अररिया।
मेष, वृषभ और कुंभ राशि वालों पर डालेंगे विपरीत प्रभाव।
कर्क और वृश्चिक राशि पर शनि की ढैया का होगा समय।
शनि की उलटी चाल को वक्री होना कहा गया है। 29 जून 2024 को शनि वक्री हो रहे हैं और 15 नवंबर तक बने रहेंगे। जहां सिंह और धनु राशि वालों को लाभ होगा तो वहीं मेष, वृषभ, कुंभ राशि वालों पर विपरीत प्रभाव पड़ सकता है। अन्य राशियों पर आंशिक प्रभाव पड़ेगा। इसके पहले शनि की उल्टी चाल 17 जून 2023 से चार नवंबर 2023 तक रही थी। आचार्य पं शिवादित्य पांडेय के अनुसार शनि देव एक राशि पर लगभग 2.5 वर्ष रहते हैं। वर्तमान में यह कुंभ राशि में हैं। शनि जिस राशि पर रहते हैं, उसके पहले और बाद की राशि को भी अपने गिरफ्त में लिए रहते हैं। इस समय मकर, कुंभ और मीन राशि पर शनि की साढ़े साती चल रही है। कर्क और वृश्चिक राशि पर शनि की ढैया का समय है।
शनि चार नवंबर तक रहेंगे वक्री।
आचार्य पं शिवादित्य पांडेय ने बताया कि शनि के वक्री होने से ज्यादा परेशान होने की आवश्यकता नहीं है। शनि हानि पहुंचाते हैं, तो लाभ भी देते हैं। शनि 04 नवंबर तक वक्री रहेंगे। सभी को शनिदेव की पूजा करनी चाहिए। ताकि उनकी कृपा भक्तों पर बनी रहे।
न्याय का देवता हैं शनिदेव।
शनि को न्याय का देवता माना जाता है। वह लोगों को अपने कर्म के अनुसार फल प्रदान करते हैं। शनि को दंडाधिकारी भी कहा जाता है। शनि की चाल विभिन्न राशियों के व्यक्तियों को प्रभावित करती है। उन्होंने बताया कि वक्री चाल से जिस राशि के लोग प्रभावित हो रहे हैं। उन्हें शनि की पूजा-अर्चना करनी चाहिए।
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