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14 वर्ष की नाबालिग बच्ची के साथ दुष्कर्म के आरोपी को मिली 10 वर्ष सश्रम कारावास की सज़ा, 50 हज़ार का लगाया आर्थिक दंड।

व्यवहार न्यायालय अररिया के एडीजे-06 सह पोक्सो एक्ट के स्पेशल जज अजय कुमार की अदालत ने सोमवार को स्पीडी ट्रायल के तहत लगभग 3.5 साल पूर्व 14 वर्षीय नाबालिग बच्ची के साथ दुष्कर्म करने की घटना प्रमाणित होने पर आरोपी फिरोज़ अंसारी को 10 साल सश्रम कारावास की सज़ा सुनाई गई है।

सरकार की तरफ से पॉक्सो एक्ट के स्पेशल पीपी डॉ श्यामलाल यादव ने जानकारी दी कि आरोपी को कारावास की सज़ा के अलावा आर्थिक दंड के रूप में 50 हज़ार रुपए जुर्माना लगाया गया है। वही, जुर्माने की राशि जमा नहीं होने पर आरोपी को 03 माह की अतिरिक्त साधारण कारावास की सज़ा भुगतनी होगी। यह सजा स्पेशल पॉक्सो केस नम्बर 12/2020 मे सुनाया गया है। इस संबंध में सूचना देते हुए सरकार की ओर से पॉक्सो एक्ट के स्पेशल पीपी डॉ श्यामलाल यादव ने यह भी बताया कि 20 मई को रात्रि 12 बजे जिले के बरदाहा थाना क्षेत्र के वार्ड नंबर 11 के रहनेवाले 23 वर्षीय फिरोज आलम पिता याकूब अंसारी ने सूचक के घर टट्टी छड़प पर आकर सूचक की 14 वर्षीय नाबालिग बच्ची के साथ दुष्कर्म की घटना को अंजाम दिया। पीड़िता के पिता ने घटना को लेकर महिला थाना कांड संख्या- 37/2020 दर्ज करवाया। इधर स्पीडी ट्रायल मामले में तेज़ी लाने के उद्देश्य से न्यायालय में एसपी माध्यम से संचालित अभियोजन टीम के सिपाही संख्या 332 गौतम कुमार और सिपाही संख्या 167 धर्मवीर पासवान के अथक प्रयासों के बदौलत न्यायालय में गवाहो की गवाही प्रस्तुत की गई। जहाँ सभी गवाहो के घटना का पूर्ण समर्थन किया। गवाहो के बयान से संतुष्ट होकर न्यायालय के न्यायधीश अजय कुमार ने आरोपी फिरोज अंसारी को भादवि की धारा 376 और 04 पॉक्सो एक्ट में दोषी पाया। सज़ा के बिन्दु पर सरकार की ओर से पॉक्सो एक्ट के स्पेशल पीपी डॉ श्यामलाल यादव ने न्यायालय से आजीवन कारावास की सज़ा देने की प्रार्थना की। जबकि बचाव पक्ष के अधिवक्ता ने कम से कम सज़ा देने की गुहार लगाई। दोनो पक्षों की दलीलें सुनने के बाद न्यायालय के न्यायधीश अजय कुमार ने आरोपी की सज़ा मुकर्रर की।

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