बुधवार को सिविल कोर्ट के ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट आसिफ नवाज की अदालत में वन विभाग से जुड़ा दो पुराने मामलों में संलिप्त आरोपी को सज़ा सुनाई गई है।
इस संबंध में वन विभाग के स्पेशल पीपी राजेन्द्र प्रसाद शर्मा ने बताया कि फारबिसगंज थाना क्षेत्र के सिमराहा मदारगंज का रहनेवाला 60 वर्षीय आरोपी रुस्तम पिता जहूर को वन विभाग से संबंधित 02 मामलो मे दोषी करार दिया गया है।
बताया गया की वन विभाग के सीसी 40/1995 व सीसी 181/1995 मे फारबिसगंज थाना क्षेत्र के सिमराहा मदारगंज का रहनेवाला 60 वर्षीय आरोपी रुस्तम पिता जहूर पर आरोप है कि उसने अपने मवेशियों को वन विभाग प्रक्षेत्र मे घुसा कर अवैध चराई करवाया था, जिससे वन विभाग को काफी क्षति हुई थी।
इस संबंध में वन विभाग के स्पेशल पीपी राजेन्द्र प्रसाद शर्मा ने बताया कि सीसी 140/95 मे आरोपी के द्वारा 23 जनवरी 1995 को घटना करवाया गया था। वही, सीसी 181/95 मे आरोपी के द्वारा 13 जून 1995 को घटना करवाया गया था।
न्यायलय के न्यायधीश ने आरोपी को सीसी 140/95 मे 06 माह कारावास के साथ-साथ एक हज़ार रुपए जुर्माना लगाया। वही, सीसी 181/95 मे मात्र 06 माह कारावास की सज़ा सुनाई है।
वचाव पक्ष के अधिवक्ता ने बताया कि 29 वर्ष मुकदमा चलने के बाद आरोपी ने दोनो ही मामलो मे न्यायालय के समक्ष उपस्थित होकर अपना दोष स्वीकार कर लिया है।
सारस न्यूज, अरारिय।
बुधवार को सिविल कोर्ट के ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट आसिफ नवाज की अदालत में वन विभाग से जुड़ा दो पुराने मामलों में संलिप्त आरोपी को सज़ा सुनाई गई है।
इस संबंध में वन विभाग के स्पेशल पीपी राजेन्द्र प्रसाद शर्मा ने बताया कि फारबिसगंज थाना क्षेत्र के सिमराहा मदारगंज का रहनेवाला 60 वर्षीय आरोपी रुस्तम पिता जहूर को वन विभाग से संबंधित 02 मामलो मे दोषी करार दिया गया है।
बताया गया की वन विभाग के सीसी 40/1995 व सीसी 181/1995 मे फारबिसगंज थाना क्षेत्र के सिमराहा मदारगंज का रहनेवाला 60 वर्षीय आरोपी रुस्तम पिता जहूर पर आरोप है कि उसने अपने मवेशियों को वन विभाग प्रक्षेत्र मे घुसा कर अवैध चराई करवाया था, जिससे वन विभाग को काफी क्षति हुई थी।
इस संबंध में वन विभाग के स्पेशल पीपी राजेन्द्र प्रसाद शर्मा ने बताया कि सीसी 140/95 मे आरोपी के द्वारा 23 जनवरी 1995 को घटना करवाया गया था। वही, सीसी 181/95 मे आरोपी के द्वारा 13 जून 1995 को घटना करवाया गया था।
न्यायलय के न्यायधीश ने आरोपी को सीसी 140/95 मे 06 माह कारावास के साथ-साथ एक हज़ार रुपए जुर्माना लगाया। वही, सीसी 181/95 मे मात्र 06 माह कारावास की सज़ा सुनाई है।
वचाव पक्ष के अधिवक्ता ने बताया कि 29 वर्ष मुकदमा चलने के बाद आरोपी ने दोनो ही मामलो मे न्यायालय के समक्ष उपस्थित होकर अपना दोष स्वीकार कर लिया है।
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