बिहार के पूर्णिया में छठ पूजा के अवसर पर एक दर्दनाक हादसा हो गया. यहां तीन भाईयों की डूबने से मौत हो गयी है। ये तीनों भाई कोसी नदी की धार में छठ पूजा का स्नान करने गए थे।
कसबा नगर परिषद के दोगच्छी कोसी धार में आयोजित छठ घाट पर रविवार को दोपहर नहाने के दौरान डूबने से एक ही परिवार के तीन बच्चों की मौत हो गई। तीनों आपस में चचेरा फुफेरा भाई थे। मृतकों में वार्ड 13 दोगच्छी गांव के मुकेश चौरसिया का पुत्र हिमांशु कुमार (14 वर्ष), अरविंद चौरसिया का बॉबी कुमार (18 वर्ष) एवं संजीव भगत का पुत्र रितिक राज (12 वर्ष) शामिल है। तीनों एक ही परिवार के बच्चों के एक साथ डूबने से मौत पर पूरा दोगच्छी गांव में मातमी सन्नाटा छा गया है। इधर सूचना पर कसबा थाना के थानाध्यक्ष दल बल के साथ घटनास्थल पर पहुंचे। तीनों डूबे बच्चों को स्थानीय लोगों द्वारा पानी से बाहर निकाला गया। घटना के संबंध में बताया जाता है कि तीनों बच्चे छठ घाट पर दोपहर के समय गये थे और पानी में घूसकर स्नान करने लगे। बच्चे कब नहाते नहाते गहरे पानी में डूब गए। किसी को पता नहीं चल पाया। जब बच्चों के परिजन छठ घाट पर खोजने आए तो छठ घाट पर तीनों को नहीं देखा। इसी बीच बच्चों द्वारा खोले गये चप्पल जो घाट के किनारे रखा हुआ मिला। इसी आधार पर पानी में बच्चों की खोज शुरू की गई। खोजने पर तीनों बच्चे को गहरे पानी से मृत अवस्था में बाहर निकाला गया। परिवार वालों ने तीनों बच्चे का पोस्टमार्टम कराने से इंकार कर दिया।
सारस न्यूज़ टीम, सारस न्यूज़।
बिहार के पूर्णिया में छठ पूजा के अवसर पर एक दर्दनाक हादसा हो गया. यहां तीन भाईयों की डूबने से मौत हो गयी है। ये तीनों भाई कोसी नदी की धार में छठ पूजा का स्नान करने गए थे।
कसबा नगर परिषद के दोगच्छी कोसी धार में आयोजित छठ घाट पर रविवार को दोपहर नहाने के दौरान डूबने से एक ही परिवार के तीन बच्चों की मौत हो गई। तीनों आपस में चचेरा फुफेरा भाई थे। मृतकों में वार्ड 13 दोगच्छी गांव के मुकेश चौरसिया का पुत्र हिमांशु कुमार (14 वर्ष), अरविंद चौरसिया का बॉबी कुमार (18 वर्ष) एवं संजीव भगत का पुत्र रितिक राज (12 वर्ष) शामिल है। तीनों एक ही परिवार के बच्चों के एक साथ डूबने से मौत पर पूरा दोगच्छी गांव में मातमी सन्नाटा छा गया है। इधर सूचना पर कसबा थाना के थानाध्यक्ष दल बल के साथ घटनास्थल पर पहुंचे। तीनों डूबे बच्चों को स्थानीय लोगों द्वारा पानी से बाहर निकाला गया। घटना के संबंध में बताया जाता है कि तीनों बच्चे छठ घाट पर दोपहर के समय गये थे और पानी में घूसकर स्नान करने लगे। बच्चे कब नहाते नहाते गहरे पानी में डूब गए। किसी को पता नहीं चल पाया। जब बच्चों के परिजन छठ घाट पर खोजने आए तो छठ घाट पर तीनों को नहीं देखा। इसी बीच बच्चों द्वारा खोले गये चप्पल जो घाट के किनारे रखा हुआ मिला। इसी आधार पर पानी में बच्चों की खोज शुरू की गई। खोजने पर तीनों बच्चे को गहरे पानी से मृत अवस्था में बाहर निकाला गया। परिवार वालों ने तीनों बच्चे का पोस्टमार्टम कराने से इंकार कर दिया।
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