जी 20 के बहाने नीतीश कुमार बीजेपी वालों को दिल्ली मैसेज देने गए थे कि ध्यान नहीं दीजिएगा तो हम उधर भी जा सकते हैं, आईएनडीआईए उनके लिए दरवाजा है और खिड़की एनडीए है: प्रशांत किशोर।
जन सुराज पदयात्रा के सूत्रधार प्रशांत किशोर ने नीतीश कुमार पर हमला करते हुए कहा कि नीतीश कुमार दिल्ली बीजेपी वालों को मैसेज देने गए थे कि ध्यान नहीं दीजिएगा तो हम उधर भी जा सकते हैं। पिछले 8 बरस में नहीं गए, यहां तक कि जब भाजपा के साथ थे तब नहीं जाते थे। नीतीश कुमार का अपना राजनीति करने का तरीका है। एक दरवाजे को खोलते हैं और पीछे से खिड़की और रोशनदान दोनों को खोलकर रखते हैं। किसकी कब जरूरत पड़ जाए, इसके अनुसार अपना रास्ता खोले हुए हैं।
आईएनडीआईए उनके लिए दरवाजा है और खिड़की एनडीए है जिसके राज्यसभा सदस्य हरिवंश नारायण हैं:- प्रशांत किशोर।
प्रशांत किशोर ने आगे कहा कि आईएनडीआईए उनके लिए दरवाजा है और खिड़की राज्यसभा सदस्य हरिवंश नारायण हैं, जिनके माध्यम से उनका भाजपा के साथ संपर्क बना हुआ है। ये मैसेजिंग है जैसे हम कमरे में रोशनी आने के लिए जगह छोड़ देते हैं। ये सब तो बीजेपी और एनडीए वालों को मैसेज दे रहे हैं। नीतीश कुमार से कोई पूछे कि पिछले साल क्यों नहीं गए थे? ये उनका एनडीए वालों के ऊपर दबाव बनाने का तरीका है कि अगर हमको आप लोग भाव नहीं दीजिएगा तो हम उधर भी जा सकते हैं। बिहार में नीतीश कुमार की राजनीति कौन नहीं जानता है।
सारस न्यूज, किशनगंज।
जन सुराज पदयात्रा के सूत्रधार प्रशांत किशोर ने नीतीश कुमार पर हमला करते हुए कहा कि नीतीश कुमार दिल्ली बीजेपी वालों को मैसेज देने गए थे कि ध्यान नहीं दीजिएगा तो हम उधर भी जा सकते हैं। पिछले 8 बरस में नहीं गए, यहां तक कि जब भाजपा के साथ थे तब नहीं जाते थे। नीतीश कुमार का अपना राजनीति करने का तरीका है। एक दरवाजे को खोलते हैं और पीछे से खिड़की और रोशनदान दोनों को खोलकर रखते हैं। किसकी कब जरूरत पड़ जाए, इसके अनुसार अपना रास्ता खोले हुए हैं।
आईएनडीआईए उनके लिए दरवाजा है और खिड़की एनडीए है जिसके राज्यसभा सदस्य हरिवंश नारायण हैं:- प्रशांत किशोर।
प्रशांत किशोर ने आगे कहा कि आईएनडीआईए उनके लिए दरवाजा है और खिड़की राज्यसभा सदस्य हरिवंश नारायण हैं, जिनके माध्यम से उनका भाजपा के साथ संपर्क बना हुआ है। ये मैसेजिंग है जैसे हम कमरे में रोशनी आने के लिए जगह छोड़ देते हैं। ये सब तो बीजेपी और एनडीए वालों को मैसेज दे रहे हैं। नीतीश कुमार से कोई पूछे कि पिछले साल क्यों नहीं गए थे? ये उनका एनडीए वालों के ऊपर दबाव बनाने का तरीका है कि अगर हमको आप लोग भाव नहीं दीजिएगा तो हम उधर भी जा सकते हैं। बिहार में नीतीश कुमार की राजनीति कौन नहीं जानता है।
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