डीटीओ की अध्यक्षता में प्राइवेट विद्यालय परिचालन समिति का हुआ गठन, निजी स्कूलों की बसों की होगी जांच, मानक से परे होने पर होगी कार्रवाई, बसों की गतियों का 60 दिनों तक रखें रिकार्ड।
जिले के सभी ऐसे विद्यालय जहां छात्र-छात्राओं के लिए बस की सुविधा है। उसे बिहार मोटर गाड़ी नियमावली 2020 के अधीन लाया गया है। डीटीओ ने इसकी जानकारी देते हुए कहा कि विद्यालय वाहनों के सुरक्षित परिचालन एवं इसका उपयोग करने वाले छात्र-छात्राओं की जीवनरक्षा व सुरक्षित यात्रा के लिए विभाग ने यह कदम उठाया है। इसके लिए जिले में एक प्राइवेट विद्यालय परिचालन समिति का गठन किया गया है। इसमें 10 विद्यालय शामिल हैं। पिछले दिनों सड़क सुरक्षा समिति की बैठक में डीएम ने गठित समिति के साथ बैठक करने का निर्देश दिया था।
उन्होंने कहा कि इसका उद्देश्य स्कूली बच्चों को घर से विद्यालय तक एवं विद्यालय से वापस घर तक सुरक्षित यात्रा सुनिश्चित करना है। इसके लिए कई मानकों का पालन विद्यालय प्रबंधन को करना अनिवार्य किया गया है। इसके लिए स्कूल बसों की बॉडी सुनहरे पीले रंग का होगा। बस की बॉडी पर खिड़की के स्तर से नीचे सुनहरे ब्राउन रंग से विद्यालय का नाम स्पष्ट अंकित करना अनिवार्य होगा। भाड़े पर या लीज पर ली जाने वाली वाहनों के पीछे और सामने ऑन स्कूल ड्यूटी लिखना अनिवार्य किया गया है। स्कूल वाहनों में स्पीड गवर्नर को लगाना होगा। स्कूल बसों की अधिकतम गति 40 किलोमीटर प्रतिघंटा किया गया है।
सभी बसों में फर्स्ट एड बॉक्स, अग्निशामक यंत्र, वेहिकल लोकेशन ट्रेसिंग डिवाइस एवं पैनिक बटन लगाना होगा। डीटीओ ने कहा कि स्कूल के सभी बसों में जीपीएस लगाने का भी प्रावधान किया गया है। उन्होंने कहा कि आठ वर्ष तक के स्कूल वाहनों को द्विवार्षिक एवं अन्य सभी वाहनों को वार्षिक फिटनेस प्रमाण पत्र लेना अनिवार्य होगा। स्कूल बसों में सीसीटीवी कैमरे भी लगाना होगा। ताकि यात्रा के दौरान बसों की गतिविधि को रिकार्ड किया जा सके।
प्रबन्धन को 60 दिनों तक रिकार्ड सुरक्षित रखने की बाध्यता होगी। उन्होंने कहा कि प्रत्येक स्कूल प्रबंधन को एक परिवहन प्रभारी नियुक्त करना है। जिसका टेलीफोन नंबर डीटीओ कार्यालय में अनिवार्य रूप से देना होगा।डीटीओ ने कहा कि जल्द एक बैठक कर समिति के सदस्यों को जानकारी साझा कर अनुपालन का निर्देश दिया जाएगा। मानक पर खड़े नहीं उतरने वाले विद्यालयों की बस सेवा को रोक दिया जाएगा।
सारस न्यूज टीम, किशनगंज।
जिले के सभी ऐसे विद्यालय जहां छात्र-छात्राओं के लिए बस की सुविधा है। उसे बिहार मोटर गाड़ी नियमावली 2020 के अधीन लाया गया है। डीटीओ ने इसकी जानकारी देते हुए कहा कि विद्यालय वाहनों के सुरक्षित परिचालन एवं इसका उपयोग करने वाले छात्र-छात्राओं की जीवनरक्षा व सुरक्षित यात्रा के लिए विभाग ने यह कदम उठाया है। इसके लिए जिले में एक प्राइवेट विद्यालय परिचालन समिति का गठन किया गया है। इसमें 10 विद्यालय शामिल हैं। पिछले दिनों सड़क सुरक्षा समिति की बैठक में डीएम ने गठित समिति के साथ बैठक करने का निर्देश दिया था।
उन्होंने कहा कि इसका उद्देश्य स्कूली बच्चों को घर से विद्यालय तक एवं विद्यालय से वापस घर तक सुरक्षित यात्रा सुनिश्चित करना है। इसके लिए कई मानकों का पालन विद्यालय प्रबंधन को करना अनिवार्य किया गया है। इसके लिए स्कूल बसों की बॉडी सुनहरे पीले रंग का होगा। बस की बॉडी पर खिड़की के स्तर से नीचे सुनहरे ब्राउन रंग से विद्यालय का नाम स्पष्ट अंकित करना अनिवार्य होगा। भाड़े पर या लीज पर ली जाने वाली वाहनों के पीछे और सामने ऑन स्कूल ड्यूटी लिखना अनिवार्य किया गया है। स्कूल वाहनों में स्पीड गवर्नर को लगाना होगा। स्कूल बसों की अधिकतम गति 40 किलोमीटर प्रतिघंटा किया गया है।
सभी बसों में फर्स्ट एड बॉक्स, अग्निशामक यंत्र, वेहिकल लोकेशन ट्रेसिंग डिवाइस एवं पैनिक बटन लगाना होगा। डीटीओ ने कहा कि स्कूल के सभी बसों में जीपीएस लगाने का भी प्रावधान किया गया है। उन्होंने कहा कि आठ वर्ष तक के स्कूल वाहनों को द्विवार्षिक एवं अन्य सभी वाहनों को वार्षिक फिटनेस प्रमाण पत्र लेना अनिवार्य होगा। स्कूल बसों में सीसीटीवी कैमरे भी लगाना होगा। ताकि यात्रा के दौरान बसों की गतिविधि को रिकार्ड किया जा सके।
प्रबन्धन को 60 दिनों तक रिकार्ड सुरक्षित रखने की बाध्यता होगी। उन्होंने कहा कि प्रत्येक स्कूल प्रबंधन को एक परिवहन प्रभारी नियुक्त करना है। जिसका टेलीफोन नंबर डीटीओ कार्यालय में अनिवार्य रूप से देना होगा।डीटीओ ने कहा कि जल्द एक बैठक कर समिति के सदस्यों को जानकारी साझा कर अनुपालन का निर्देश दिया जाएगा। मानक पर खड़े नहीं उतरने वाले विद्यालयों की बस सेवा को रोक दिया जाएगा।
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