पीके का नीतीश के राष्ट्रीय महत्वाकांक्षा पर बड़ा हमला, बोले – नीतीश और राजद का अपना ठिकाना है नहीं, ये लोग क्या किसी को पीएम बनाएंगे, नीतीश का हाल चंद्रबाबू जैसा होगा।
मंगलवार को प्रशांत किशोर ने जन सुराज पदयात्रा के 206वें दिन की शुरुआत वैशाली के पातेपुर प्रखंड अंतर्गत हरिलोचनपुर सुक्की पंचायत स्थित पदयात्रा शिविर में सर्वधर्म प्रार्थना से की। इसके बाद प्रशांत किशोर सैकड़ों पदयात्रियों के साथ हरिलोचनपुर सुक्की पंचायत से पदयात्रा के लिए निकले। जन सुराज पदयात्रा दधुआ, मौदह चतुर होते हुए पातेपुर प्रखंड के मौदह बुज़ुर्ग पंचायत स्थित मौदह बुज़ुर्ग हाई स्कूल मैदान में रात्रि विश्राम के लिए पहुंची।
प्रशांत किशोर वैशाली के अलग-अलग गांवों में पदयात्रा के माध्यम से जनता के बीच गए। उनकी स्थानीय समस्याओं को समझ कर उसका संकलन कर उसके समाधान के लिए ब्लू प्रिंट तैयार करने की बात कही। दिनभर की पदयात्रा के दौरान प्रशांत किशोर ने 2 आमसभाओं को संबोधित किया और 4 पंचायत के 8 गांवों से गुजरते हुए 10.4 किमी की पदयात्रा तय की।
जन सुराज पदयात्रा के दौरान वैशाली के पातेपुर में मीडिया संवाद के दौरान नीतीश कुमार पर हमला करते हुए प्रशांत किशोर ने कहा कि नीतीश कुमार क्या कर रहे हैं इस पर ज्यादा बोलने का कोई मतलब नहीं है। 2019 में आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री थे चंद्रबाबू नायडू वो इसी भूमिका में थे जिस भूमिका में नीतीश कुमार आने का प्रयास कर रहे हैं। चंद्रबाबू नायडू उस समय बहुमत की सरकार चल रहे थे जबकि नीतीश कुमार तो 42 विधायक के साथ लंगड़ी सरकार चला रहे हैं।
चंद्रबाबू नायडू भी पूरे देश का दौरा करके विपक्ष को एकजुट कर रहे थे। इसका नतीजा ये हुआ कि आंध्र प्रदेश में उनके सांसद घटकर 3 हो गए, सिर्फ 23 विधायक जीतें और वे सत्ता से ही बाहर हो गए। नीतीश कुमार को बिहार की चिंता करनी चाहिए। नीतीश कुमार का खुद का ठिकाना नहीं है, राजद का जीरो एमपी है वो देश का प्रधानमंत्री तय कर रहा है। जिस पार्टी का खुद का ठिकाना नहीं है वो देश की दूसरी पार्टियों को इकट्ठा कर रहा है।
नीतीश कुमार पश्चिम बंगाल दौरे पर गए तो नीतीश कुमार से ये पूछना चाहिए कि क्या ममता बनर्जी कांग्रेस के साथ काम करने को तैयार है? क्या नीतीश कुमार और लालू टीएमसी को बिहार में 1 भी सीट देंगे? क्या नीतीश कुमार हमसे ज्यादा ममता बनर्जी को जानते हैं? पश्चिम बंगाल में नीतीश कुमार को पूछता कौन है। नीतीश कुमार का भी वही हाल होगा जो चंद्रबाबू नायडू का हुआ था
सारस न्यूज, किशनगंज।
मंगलवार को प्रशांत किशोर ने जन सुराज पदयात्रा के 206वें दिन की शुरुआत वैशाली के पातेपुर प्रखंड अंतर्गत हरिलोचनपुर सुक्की पंचायत स्थित पदयात्रा शिविर में सर्वधर्म प्रार्थना से की। इसके बाद प्रशांत किशोर सैकड़ों पदयात्रियों के साथ हरिलोचनपुर सुक्की पंचायत से पदयात्रा के लिए निकले। जन सुराज पदयात्रा दधुआ, मौदह चतुर होते हुए पातेपुर प्रखंड के मौदह बुज़ुर्ग पंचायत स्थित मौदह बुज़ुर्ग हाई स्कूल मैदान में रात्रि विश्राम के लिए पहुंची।
प्रशांत किशोर वैशाली के अलग-अलग गांवों में पदयात्रा के माध्यम से जनता के बीच गए। उनकी स्थानीय समस्याओं को समझ कर उसका संकलन कर उसके समाधान के लिए ब्लू प्रिंट तैयार करने की बात कही। दिनभर की पदयात्रा के दौरान प्रशांत किशोर ने 2 आमसभाओं को संबोधित किया और 4 पंचायत के 8 गांवों से गुजरते हुए 10.4 किमी की पदयात्रा तय की।
जन सुराज पदयात्रा के दौरान वैशाली के पातेपुर में मीडिया संवाद के दौरान नीतीश कुमार पर हमला करते हुए प्रशांत किशोर ने कहा कि नीतीश कुमार क्या कर रहे हैं इस पर ज्यादा बोलने का कोई मतलब नहीं है। 2019 में आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री थे चंद्रबाबू नायडू वो इसी भूमिका में थे जिस भूमिका में नीतीश कुमार आने का प्रयास कर रहे हैं। चंद्रबाबू नायडू उस समय बहुमत की सरकार चल रहे थे जबकि नीतीश कुमार तो 42 विधायक के साथ लंगड़ी सरकार चला रहे हैं।
चंद्रबाबू नायडू भी पूरे देश का दौरा करके विपक्ष को एकजुट कर रहे थे। इसका नतीजा ये हुआ कि आंध्र प्रदेश में उनके सांसद घटकर 3 हो गए, सिर्फ 23 विधायक जीतें और वे सत्ता से ही बाहर हो गए। नीतीश कुमार को बिहार की चिंता करनी चाहिए। नीतीश कुमार का खुद का ठिकाना नहीं है, राजद का जीरो एमपी है वो देश का प्रधानमंत्री तय कर रहा है। जिस पार्टी का खुद का ठिकाना नहीं है वो देश की दूसरी पार्टियों को इकट्ठा कर रहा है।
नीतीश कुमार पश्चिम बंगाल दौरे पर गए तो नीतीश कुमार से ये पूछना चाहिए कि क्या ममता बनर्जी कांग्रेस के साथ काम करने को तैयार है? क्या नीतीश कुमार और लालू टीएमसी को बिहार में 1 भी सीट देंगे? क्या नीतीश कुमार हमसे ज्यादा ममता बनर्जी को जानते हैं? पश्चिम बंगाल में नीतीश कुमार को पूछता कौन है। नीतीश कुमार का भी वही हाल होगा जो चंद्रबाबू नायडू का हुआ था
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