बिजली कंपनी अध्यक्ष सह प्रबंध निदेशक (सीएमडी) संजीव हंस ने शुक्रवार को स्मार्ट प्रीपेड लगाने वाली कंपनियों के साथ बैठक की। इस दौरान उन्होंने कंपनियों के अधिकारियों को यह निर्देश दिया कि 30 सितंबर तक स्मार्ट प्री पेड से जुड़ी समस्याओं का निदान करें। यह तय हुआ कि स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाने वाली एजेंसी अब बिजली कंपनी द्वारा दी गयी सूची के आधार पर मीटर लगाएगी। हर पंद्रह दिनों के अंदर इसकी समीक्षा की जाएगी।
हर 15 दिन पर इसकी समीक्षा भी की जायेगी’बैठक में इंटेली स्मार्ट और इडीएफ कंपनी के अधिकारियों ने हिस्सा लिया। प्रधान सचिव ने कहा कि यह एजेंसियां बिजली वितरण कंपनियों द्वारा दी गयी सूची के आधार पर मीटर लगाने का काम करेंगी। हर 15 दिन पर इसकी समीक्षा भी की जायेगी। उन्होंने कंपनियों से कहा कि वे स्मार्ट प्रीपेड मीटर में उपभोक्ताओं को आ रही समस्याओं का ससमय निदान करें। उपभोक्ताओं को तीन दिनों के अंदर वेलकम मैसेज मिले यह सुनिश्चित किया जाये। एजेंसी को दो महीने के अंदर नॉन कम्यूनकेटिव मीटरों की समस्या को दूर करने का आदेश दिया गया।
संजीव हंस ने कहा कि स्मार्ट प्रीपेड मीटर के संचालन और रखरखाव के काम में कर्मचारियों की कमी नहीं होनी चाहिए। सुविधा एप में उपभोक्ताओं द्वारा स्मार्ट प्रीपेड मीटर के बिल के मद में जमा की गयी प्रविष्ट राशि दिखनी चाहिए। इसके अलावा कंपनी द्वारा काटी गयी राशि का स्पष्ट विवरण हो स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाने वाली कंपनियां मोडम की अग्रिम व्यवस्था और सर्वर को दुरुस्त करने के काम को प्रमुखता दें। इस काम में इइएसएल कंपनी सहयोग करेगी। बैठक मे एनबीपीडीसीएल के एमडी प्रभाकर और एसबीपीडीसीएल के एमडी महेंद्र कुमार भी शामिल रहे।
प्रधान सचिव ने इइएसएल और इडीएफ को लिखा था पत्रमालूम हो कि स्मार्ट प्रीपेड मीटर में आ रही समस्याओं को लेकर सीएमडी ने हाल ही में इइएसएल तथा इडीएफ को पत्र लिखा था। ऊर्जा मंत्रालय ने इस समस्या को संज्ञान में लेते हुए एक सितंबर को दिल्ली में बैठक बुलायी थी। गुरुवार को ऊर्जा मंत्रालय के संयुक्त सचिव विशाल कपूर ने डिस्कॉम कंपनियों के प्रबंध निदेशकों के साथ वर्चुअल मीटिंग में अविलंब समाधान निकालने का आश्वासन दिया। साथ ही स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाने वाली एजेंसियों को उपभोक्ताओं की समस्याओं को निबटने का कड़ा निर्देश दिया।
सारस न्यूज टीम, बिहार/पटना।
बिजली कंपनी अध्यक्ष सह प्रबंध निदेशक (सीएमडी) संजीव हंस ने शुक्रवार को स्मार्ट प्रीपेड लगाने वाली कंपनियों के साथ बैठक की। इस दौरान उन्होंने कंपनियों के अधिकारियों को यह निर्देश दिया कि 30 सितंबर तक स्मार्ट प्री पेड से जुड़ी समस्याओं का निदान करें। यह तय हुआ कि स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाने वाली एजेंसी अब बिजली कंपनी द्वारा दी गयी सूची के आधार पर मीटर लगाएगी। हर पंद्रह दिनों के अंदर इसकी समीक्षा की जाएगी।
हर 15 दिन पर इसकी समीक्षा भी की जायेगी’बैठक में इंटेली स्मार्ट और इडीएफ कंपनी के अधिकारियों ने हिस्सा लिया। प्रधान सचिव ने कहा कि यह एजेंसियां बिजली वितरण कंपनियों द्वारा दी गयी सूची के आधार पर मीटर लगाने का काम करेंगी। हर 15 दिन पर इसकी समीक्षा भी की जायेगी। उन्होंने कंपनियों से कहा कि वे स्मार्ट प्रीपेड मीटर में उपभोक्ताओं को आ रही समस्याओं का ससमय निदान करें। उपभोक्ताओं को तीन दिनों के अंदर वेलकम मैसेज मिले यह सुनिश्चित किया जाये। एजेंसी को दो महीने के अंदर नॉन कम्यूनकेटिव मीटरों की समस्या को दूर करने का आदेश दिया गया।
संजीव हंस ने कहा कि स्मार्ट प्रीपेड मीटर के संचालन और रखरखाव के काम में कर्मचारियों की कमी नहीं होनी चाहिए। सुविधा एप में उपभोक्ताओं द्वारा स्मार्ट प्रीपेड मीटर के बिल के मद में जमा की गयी प्रविष्ट राशि दिखनी चाहिए। इसके अलावा कंपनी द्वारा काटी गयी राशि का स्पष्ट विवरण हो स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाने वाली कंपनियां मोडम की अग्रिम व्यवस्था और सर्वर को दुरुस्त करने के काम को प्रमुखता दें। इस काम में इइएसएल कंपनी सहयोग करेगी। बैठक मे एनबीपीडीसीएल के एमडी प्रभाकर और एसबीपीडीसीएल के एमडी महेंद्र कुमार भी शामिल रहे।
प्रधान सचिव ने इइएसएल और इडीएफ को लिखा था पत्रमालूम हो कि स्मार्ट प्रीपेड मीटर में आ रही समस्याओं को लेकर सीएमडी ने हाल ही में इइएसएल तथा इडीएफ को पत्र लिखा था। ऊर्जा मंत्रालय ने इस समस्या को संज्ञान में लेते हुए एक सितंबर को दिल्ली में बैठक बुलायी थी। गुरुवार को ऊर्जा मंत्रालय के संयुक्त सचिव विशाल कपूर ने डिस्कॉम कंपनियों के प्रबंध निदेशकों के साथ वर्चुअल मीटिंग में अविलंब समाधान निकालने का आश्वासन दिया। साथ ही स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाने वाली एजेंसियों को उपभोक्ताओं की समस्याओं को निबटने का कड़ा निर्देश दिया।
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