अग्निपथ भर्ती योजना को लेकर हो रहे हिंसक प्रदर्शन को देखते हुए बिहार सरकार ने 12 जिलों में इंटरनेट मीडिया पर रोक लगा दी है। यह रोक शुक्रवार को अपराह्न दो बजे से प्रभावी हो गई है, जो रविवार यानी 19 जून तक प्रभावी रहेगी। जिन जिलों में रोक लगाई गई है, उसमें कैमूर, भोजपुर, औरंगाबाद, रोहतास, बक्सर, नवादा, पश्चिमी चंपारण, समस्तीपुर, लखीसराय, बेगूसराय, वैशाली और सारण शामिल है।
गृह विभाग की विशेष शाखा ने इस बाबत आदेश जारी कर दिया है। आदेश में कहा गया है कि अपर पुलिस महानिदेशक विधि-व्यवस्था और अन्य स्रोतों से जानकारी मिली है कि कुछ असामाजिक तत्व इंटरनेट सेवा का गलत इस्तेमाल कर रहे हैं। इंटरनेट मीडिया के विभिन्न प्लेटफार्म की मदद से गलत, भ्रामक संदेशों के साथ अफवाह फैलाई जा रही है, जिससे अराजक स्थिति उत्पन्न हो रही है। ऐसे में शांति व्यवस्था के लिए एक दर्जन जिलों में फेसबुक, ट्विटर और वाट्सएप जैसे इंटरनेट मीडिया साइट्स पर रोक लगाने का निर्णय लिया गया है। इन जिलों में इन सोशल साइट्स से कोई भी संदेश, तस्वीर या वीडियो रविवार तक एक दूसरे से शेयर नहीं की जा सकेगी।
अग्निपथ योजना के विरुद्ध बिहार में आक्रोशित युवा उपद्रव पर उतर आए। उग्र आंदोलन के तीसरे दिन शुक्रवार को भी विशेषकर रेलवे साफ्ट टारगेट रही। लखीसराय स्टेशन पर विक्रमिशला एक्सप्रेस के एसी सहित 20 कोचों को फूंक दिया। यात्री जान बचाकर भागे। आउटर सिग्नल पर खड़ी जनसेवा एक्सप्रेस के एसी कोच में आग लगा दी। भय से एक यात्री बेहोश हो गया, जिसकी अस्पताल में मृत्यु हो गई। समस्तीपुर में लोहित एक्सप्रेस की सात, बिहार संपर्क क्रांति की पांच और समस्तीपुर स्टेशन पर अमरनाथ एक्सप्रेस के इंजन सहित एसी बोगी में आग लगा दी। स्टेशन पर भी तोडफ़ोड़ की। मुजफ्फरपुर के सिहो रेलवे स्टेशन पर मालगाड़ी को रोक उसमें आग लगा दी। ग्रामीणों के सहयोग से आग बुझाई गई। सुपौल में पैसेंजर ट्रेन को आग के हवाले कर दिया। खगड़िया में कोसी एक्सप्रेस के अलावा जमालपुर-किऊल रेलखंड पर धरहरा स्टेशन के वेटिंग हाल व पैनल केबिन में तोड़फोड़ की। मालदा रेल मंडल ने 14 ट्रेनों को रद कर दिया है। पूर्व-मध्य रेलवे ने भी एक दर्जन ट्रेनों को रद कर दिया है।
सारस न्यूज टीम, पटना।
अग्निपथ भर्ती योजना को लेकर हो रहे हिंसक प्रदर्शन को देखते हुए बिहार सरकार ने 12 जिलों में इंटरनेट मीडिया पर रोक लगा दी है। यह रोक शुक्रवार को अपराह्न दो बजे से प्रभावी हो गई है, जो रविवार यानी 19 जून तक प्रभावी रहेगी। जिन जिलों में रोक लगाई गई है, उसमें कैमूर, भोजपुर, औरंगाबाद, रोहतास, बक्सर, नवादा, पश्चिमी चंपारण, समस्तीपुर, लखीसराय, बेगूसराय, वैशाली और सारण शामिल है।
गृह विभाग की विशेष शाखा ने इस बाबत आदेश जारी कर दिया है। आदेश में कहा गया है कि अपर पुलिस महानिदेशक विधि-व्यवस्था और अन्य स्रोतों से जानकारी मिली है कि कुछ असामाजिक तत्व इंटरनेट सेवा का गलत इस्तेमाल कर रहे हैं। इंटरनेट मीडिया के विभिन्न प्लेटफार्म की मदद से गलत, भ्रामक संदेशों के साथ अफवाह फैलाई जा रही है, जिससे अराजक स्थिति उत्पन्न हो रही है। ऐसे में शांति व्यवस्था के लिए एक दर्जन जिलों में फेसबुक, ट्विटर और वाट्सएप जैसे इंटरनेट मीडिया साइट्स पर रोक लगाने का निर्णय लिया गया है। इन जिलों में इन सोशल साइट्स से कोई भी संदेश, तस्वीर या वीडियो रविवार तक एक दूसरे से शेयर नहीं की जा सकेगी।
अग्निपथ योजना के विरुद्ध बिहार में आक्रोशित युवा उपद्रव पर उतर आए। उग्र आंदोलन के तीसरे दिन शुक्रवार को भी विशेषकर रेलवे साफ्ट टारगेट रही। लखीसराय स्टेशन पर विक्रमिशला एक्सप्रेस के एसी सहित 20 कोचों को फूंक दिया। यात्री जान बचाकर भागे। आउटर सिग्नल पर खड़ी जनसेवा एक्सप्रेस के एसी कोच में आग लगा दी। भय से एक यात्री बेहोश हो गया, जिसकी अस्पताल में मृत्यु हो गई। समस्तीपुर में लोहित एक्सप्रेस की सात, बिहार संपर्क क्रांति की पांच और समस्तीपुर स्टेशन पर अमरनाथ एक्सप्रेस के इंजन सहित एसी बोगी में आग लगा दी। स्टेशन पर भी तोडफ़ोड़ की। मुजफ्फरपुर के सिहो रेलवे स्टेशन पर मालगाड़ी को रोक उसमें आग लगा दी। ग्रामीणों के सहयोग से आग बुझाई गई। सुपौल में पैसेंजर ट्रेन को आग के हवाले कर दिया। खगड़िया में कोसी एक्सप्रेस के अलावा जमालपुर-किऊल रेलखंड पर धरहरा स्टेशन के वेटिंग हाल व पैनल केबिन में तोड़फोड़ की। मालदा रेल मंडल ने 14 ट्रेनों को रद कर दिया है। पूर्व-मध्य रेलवे ने भी एक दर्जन ट्रेनों को रद कर दिया है।
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