आंगनबाड़ी सेविका व सहायिका के चयन को ले नयी नियमावली में आवेदिका की शैक्षणिक योग्यता को ही मुुख्य रूप से केंद्र में रखा जाएगा। अभी तक यह व्यवस्था की आवेदन करने वाली महिला की शैक्षिणक योग्यता इंटर पास तय थी। अब यह व्यवस्था की जा रही कि अगर किसी एमए पास या फिर पीएचडी की हुई महिला ने आंगनबाड़ी सेविका या फिर सहायिका के लिए आवेदन कर दिया तो उसके नीचे जितने भी आवेदन मैट्रिक या बीए पास की हुई महिलाओं के होंगे उन सभी पर विचार नहीं होगा।
सबसे उच्च शैक्षिणक योग्यता वाली महिला को ही आंगनबाड़ी सेविका और सहायिका के पद पर चयन के मामले में प्राथमिकता मिलेगी। जिस समय आंगनबाड़ी सेविका व सहायिका के चयन के लिए नियमावली तैयार की जा रही थी उस वक्त यह बात सामने आयी कि चयन के लिए ग्राम सभा की अनिवार्यता को समाप्त कर दिया जाए। इसकी वजह से विलंब होता है तथा धांधली की शिकायतें भी आती हैं। पर बड़े स्तर पर विमर्श के बाद यह तय हुआ कि ग्राम सभा की व्यवस्था को खत्म नहीं किया जाएगा। यह व्यवस्था पारदर्शी रहे इसका प्रविधान किया जाए। अगर कोई आपत्ति की जाती है तो उस का निबटारा भी पारदर्शी तरीके से किया जाए।
चयन के लिए जो शर्त हैं उसका अनुपालन शत प्रतिशत किया गया है यह प्रमाणिक तरीके से उपलब्ध हो। आम तौर पर यह शिकायत रहती है कि आवेदकों ग्राम सभा के आयोजन की तारीख के बारे में बताया ही नहीं गया। यह सुनिश्चत किया जाए कि सभी डिजिटली इस बारे में सूचना उपलब्ध कराया जाए। इसका प्रमाण भी रखा जाए क्योंकि चयन के बाद इस तरह की कई शिकायतें आती हैं। जनता के दरबार में मुख्यमंत्री कार्यक्रम में आंगनबाड़ी सेविका व सहायिका के चयन को लेकर जो शिकायतें पहुंची उनमें अधिकतर इसी प्रकृित के थे कि ग्राम सभा के बारे में उन्हें सूचना नहीं दी गयी।
सारस न्यूज टीम, बिहार।
आंगनबाड़ी सेविका व सहायिका के चयन को ले नयी नियमावली में आवेदिका की शैक्षणिक योग्यता को ही मुुख्य रूप से केंद्र में रखा जाएगा। अभी तक यह व्यवस्था की आवेदन करने वाली महिला की शैक्षिणक योग्यता इंटर पास तय थी। अब यह व्यवस्था की जा रही कि अगर किसी एमए पास या फिर पीएचडी की हुई महिला ने आंगनबाड़ी सेविका या फिर सहायिका के लिए आवेदन कर दिया तो उसके नीचे जितने भी आवेदन मैट्रिक या बीए पास की हुई महिलाओं के होंगे उन सभी पर विचार नहीं होगा।
सबसे उच्च शैक्षिणक योग्यता वाली महिला को ही आंगनबाड़ी सेविका और सहायिका के पद पर चयन के मामले में प्राथमिकता मिलेगी। जिस समय आंगनबाड़ी सेविका व सहायिका के चयन के लिए नियमावली तैयार की जा रही थी उस वक्त यह बात सामने आयी कि चयन के लिए ग्राम सभा की अनिवार्यता को समाप्त कर दिया जाए। इसकी वजह से विलंब होता है तथा धांधली की शिकायतें भी आती हैं। पर बड़े स्तर पर विमर्श के बाद यह तय हुआ कि ग्राम सभा की व्यवस्था को खत्म नहीं किया जाएगा। यह व्यवस्था पारदर्शी रहे इसका प्रविधान किया जाए। अगर कोई आपत्ति की जाती है तो उस का निबटारा भी पारदर्शी तरीके से किया जाए।
चयन के लिए जो शर्त हैं उसका अनुपालन शत प्रतिशत किया गया है यह प्रमाणिक तरीके से उपलब्ध हो। आम तौर पर यह शिकायत रहती है कि आवेदकों ग्राम सभा के आयोजन की तारीख के बारे में बताया ही नहीं गया। यह सुनिश्चत किया जाए कि सभी डिजिटली इस बारे में सूचना उपलब्ध कराया जाए। इसका प्रमाण भी रखा जाए क्योंकि चयन के बाद इस तरह की कई शिकायतें आती हैं। जनता के दरबार में मुख्यमंत्री कार्यक्रम में आंगनबाड़ी सेविका व सहायिका के चयन को लेकर जो शिकायतें पहुंची उनमें अधिकतर इसी प्रकृित के थे कि ग्राम सभा के बारे में उन्हें सूचना नहीं दी गयी।
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