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वाणिज्य कर विभाग ने किशनगंज जिला सहित राज्य के 32 कोचिंग एवं शिक्षण संस्थानों के विरुद्ध की छापेमारी।

सारस न्यूज टीम, पटना।

वाणिज्य कर विभाग पटना के टीम ने फिर से मंगलवार को राज्य के 32 कोचिंग और शिक्षण संस्थानों के विरुद्ध छापेमारी की और करोड़ों रुपये की टैक्स चोरी पकड़ी। पिछले सप्ताह भी छापेमारी की गई थी। विभाग द्वारा राज्य स्तर पर निरीक्षण दलों का गठन कर एक साथ बेगूसराय, मधुबनी, समस्तीपुर, भागलपुर, जहानाबाद, नवादा, औरंगाबाद, सासाराम, गया, शाहाबाद, बक्सर, बाढ़, बिहारशरीफ, सहरसा, किशनगंज, कटिहार, फारबिसगंज, पुर्णिया, गोपालगंज, सारण, सीवान, वैशाली (हाजीपुर), बेतिया, सीतामढ़ी एवं मोतिहारी में एक-एक जबकि मुजफ्फरपुर में दो तथा पटना में 5 यानी कुल 32 संस्थानों का औचक निरीक्षण किया। वाणिज्य कर विभाग द्वारा पिछले हफ्ते भी राज्य स्तर पर 38 अनिबंधित कोचिंग संस्थानों के विरुद्ध छापेमारी की बड़ी कार्रवाई की थी।

वाणिज्य कर विभाग ने राज्य के विभिन्न जिलों में ऐसे कोचिंग संस्थानों की जांच की जिन्होंने जीएसटी के अन्तर्गत अपना निबंधन रद्द करा लिया है। लेकिन कक्षाएं चला रहे हैं और टैक्स चोरी में संलिप्त हैं। विभाग के अनुसार ऐसे अधिकतर कोचिंग संस्थानों द्वारा लगातार छह माह तक अपनी मासिक विवरणी दाखिल नहीं की गयी थी। इस कारण विभाग द्वारा इनका निबंधन रद्द किया गया था। परन्तु ऐसे संस्थानों द्वारा न तो निबंधन को बहाल करने का आवेदन दिया गया और न ही मासिक विवरणी ही दाखिल की गई। इस प्रकार इन संस्थानों द्वारा जीएसटी का भुगतान नहीं किया जा रहा था। कुछ संस्थान ऐसे भी थे, जिन्होंने स्वेच्छा से अपने जीएसटी निबंधन को करने का आवेदन दिया था।

निरीक्षण के क्रम में इन संस्थान के विभिन्न केन्द्रों पर बहुतायत में छात्र पाये गये जिन्हें भिन्न- भिन्न कोर्स के अन्तर्गत कोचिंग दी जा रही थी। निरीक्षण के दौरान छात्रों से हजारों रुपयों की फीस लिये जाने के साक्ष्य भी पाये गये। इस प्रकार, टैक्स चोरी का स्पष्ट मामला पाया गया। एक मामले में कोचिंग संस्थान द्वारा निरीक्षण के क्रम में ही जीएसटी निबंधन हेतु आवेदन दाखिल कर दिया गया।इस संबंध में राज्यकर आयुक्त सह- वाणिज्य कर विभाग के सचिव डॉ. प्रतिमा ने बताया कि ऐसे अनेक कोचिंग संस्थान है।

जो टैक्स चोरी कर रहे हैं, इन पर विभाग की पैनी नजर है। टैक्स चोरी में संलिप्त संस्थानों के विरूद्ध विभाग की कार्रवाई आगे भी जारी रहेगी। निरीक्षण के क्रम में पायी गयी अनियमितताओं के आधार पर ऐसे संस्थानों के विरूद्ध टैक्स पेनाल्टी एवं ब्याज अधिरोपित किया जायेगा और टैक्स वसूली की जायेगी। उन्होंने बताया कि विभाग की पैनी नजर जीएसटी में निबंधित वैसे व्यवसायियों पर भी है। जो टैक्स चोरी में संलिप्त है। विभाग के रडार पर ऐसे व्यवसायी भी है, जो जीएसटी के दायरे में आते हैं, किन्तु निबंधन लिए बगैर कारोबार कर रहे हैं।

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