बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की तैयारियों में जुटी भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने अपनी पहली प्रत्याशी सूची जारी कर दी है। इस लिस्ट में बड़ा राजनीतिक उलटफेर देखने को मिला है, क्योंकि पार्टी ने 11 मौजूदा विधायकों के टिकट काट दिए हैं और उनकी जगह नए चेहरों को मैदान में उतारा है।
टिकट कटने वालों में कई बड़े नाम भी शामिल हैं, जिनमें वर्तमान नीतीश सरकार में मंत्री मोतीलाल प्रसाद, विधानसभा अध्यक्ष नंद किशोर यादव, पूर्व मंत्री अमरेंद्र प्रताप सिंह जैसे दिग्गज शामिल हैं। इनके अलावा मिथिलेश कुमार, रामप्रीत पासवान, रामसूरत राय, निक्की हेंब्रम और अरुण कुमार सिन्हा जैसे नेताओं को भी इस बार मौका नहीं मिला है।
बीजेपी एनडीए गठबंधन के तहत कुल 243 में से 101 सीटों पर चुनाव लड़ रही है। अभी तक पार्टी ने 71 सीटों पर अपने उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है, जबकि 30 सीटों पर प्रत्याशियों के नाम सामने आना बाकी हैं।
पार्टी सूत्रों के मुताबिक, इस बार प्रदर्शन के आधार पर टिकट वितरण किया गया है और नए चेहरों को मौका देकर पार्टी युवा और साफ-सुथरी छवि वाली राजनीति को प्राथमिकता देना चाहती है। वहीं, जिन वरिष्ठ नेताओं के टिकट कटे हैं, उन्हें संगठन में अन्य भूमिकाएं दी जा सकती हैं।
सारस न्यूज, वेब डेस्क।
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की तैयारियों में जुटी भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने अपनी पहली प्रत्याशी सूची जारी कर दी है। इस लिस्ट में बड़ा राजनीतिक उलटफेर देखने को मिला है, क्योंकि पार्टी ने 11 मौजूदा विधायकों के टिकट काट दिए हैं और उनकी जगह नए चेहरों को मैदान में उतारा है।
टिकट कटने वालों में कई बड़े नाम भी शामिल हैं, जिनमें वर्तमान नीतीश सरकार में मंत्री मोतीलाल प्रसाद, विधानसभा अध्यक्ष नंद किशोर यादव, पूर्व मंत्री अमरेंद्र प्रताप सिंह जैसे दिग्गज शामिल हैं। इनके अलावा मिथिलेश कुमार, रामप्रीत पासवान, रामसूरत राय, निक्की हेंब्रम और अरुण कुमार सिन्हा जैसे नेताओं को भी इस बार मौका नहीं मिला है।
बीजेपी एनडीए गठबंधन के तहत कुल 243 में से 101 सीटों पर चुनाव लड़ रही है। अभी तक पार्टी ने 71 सीटों पर अपने उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है, जबकि 30 सीटों पर प्रत्याशियों के नाम सामने आना बाकी हैं।
पार्टी सूत्रों के मुताबिक, इस बार प्रदर्शन के आधार पर टिकट वितरण किया गया है और नए चेहरों को मौका देकर पार्टी युवा और साफ-सुथरी छवि वाली राजनीति को प्राथमिकता देना चाहती है। वहीं, जिन वरिष्ठ नेताओं के टिकट कटे हैं, उन्हें संगठन में अन्य भूमिकाएं दी जा सकती हैं।
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