बिहार सरकार ने शुक्रवार को महिलाओं के लिए एक बड़ा कदम उठाते हुए ‘मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना’ को हरी झंडी दे दी। इस महत्वाकांक्षी योजना का उद्देश्य महिलाओं को आर्थिक सहायता प्रदान कर उन्हें आत्मनिर्भर बनाना है।
कैबिनेट की बैठक में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में इस प्रस्ताव को मंजूरी दी गई।
इस योजना के तहत राज्य के प्रत्येक परिवार से एक महिला को रोजगार की शुरुआत के लिए पहली किस्त के रूप में 10,000 रुपये की वित्तीय मदद दी जाएगी। इच्छुक महिलाओं से आवेदन लेने की प्रक्रिया जल्द शुरू होगी और सितंबर से ही लाभार्थियों के बैंक खाते में सीधे राशि भेजी जाएगी।
रोजगार गतिविधि शुरू करने के छह महीने बाद प्रगति का आकलन किया जाएगा। अगर काम संतोषजनक पाया गया तो लाभार्थियों को अतिरिक्त सहायता के रूप में 2 लाख रुपये तक और दिए जा सकते हैं।
महिला उद्यमियों को प्रोत्साहित करने के लिए सरकार गांवों, कस्बों और शहरों में हाट-बाजारों का विकास भी करेगी, जहां वे अपने उत्पाद बेच सकेंगी।
अधिकारियों का मानना है कि यह पहल न केवल बड़े पैमाने पर महिलाओं के लिए रोजगार के अवसर उपलब्ध कराएगी, बल्कि पारिवारिक आय बढ़ाने, जीवन स्तर सुधारने और राज्य से रोजगार की तलाश में होने वाले पलायन को भी कम करेगी।
योजना को मंजूरी मिलने के बाद जदयू एमएलसी नीरज कुमार ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के महिलाओं को सशक्त बनाने के प्रयासों की सराहना की। उन्होंने कहा कि 24 नवंबर 2005 के बाद से मुख्यमंत्री ने महिलाओं के उत्थान के लिए कई ऐतिहासिक कदम उठाए हैं। आज बिहार की बेटियां और बहनें पुलिस विभाग में शामिल होकर समाज की रक्षा कर रही हैं। उन्होंने जीविका समूह की महिलाओं के लिए काम किया, स्थानीयता नीति लागू की और महिलाओं को 35% आरक्षण दिया। अब प्रत्येक परिवार की महिला को आत्मनिर्भर बनाने के लिए वित्तीय सहायता दी जा रही है।
नीरज कुमार ने कहा, “कुछ नेता सिर्फ अपने परिवार के लिए काम करते हैं, लेकिन नीतीश कुमार बिहार की बेटियों और बहनों के लिए समर्पित हैं। यही असली बदलाव है जो उनके नेतृत्व में राज्य में देखने को मिला है।”
सारस न्यूज़, वेब डेस्क।
बिहार सरकार ने शुक्रवार को महिलाओं के लिए एक बड़ा कदम उठाते हुए ‘मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना’ को हरी झंडी दे दी। इस महत्वाकांक्षी योजना का उद्देश्य महिलाओं को आर्थिक सहायता प्रदान कर उन्हें आत्मनिर्भर बनाना है।
कैबिनेट की बैठक में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में इस प्रस्ताव को मंजूरी दी गई।
इस योजना के तहत राज्य के प्रत्येक परिवार से एक महिला को रोजगार की शुरुआत के लिए पहली किस्त के रूप में 10,000 रुपये की वित्तीय मदद दी जाएगी। इच्छुक महिलाओं से आवेदन लेने की प्रक्रिया जल्द शुरू होगी और सितंबर से ही लाभार्थियों के बैंक खाते में सीधे राशि भेजी जाएगी।
रोजगार गतिविधि शुरू करने के छह महीने बाद प्रगति का आकलन किया जाएगा। अगर काम संतोषजनक पाया गया तो लाभार्थियों को अतिरिक्त सहायता के रूप में 2 लाख रुपये तक और दिए जा सकते हैं।
महिला उद्यमियों को प्रोत्साहित करने के लिए सरकार गांवों, कस्बों और शहरों में हाट-बाजारों का विकास भी करेगी, जहां वे अपने उत्पाद बेच सकेंगी।
अधिकारियों का मानना है कि यह पहल न केवल बड़े पैमाने पर महिलाओं के लिए रोजगार के अवसर उपलब्ध कराएगी, बल्कि पारिवारिक आय बढ़ाने, जीवन स्तर सुधारने और राज्य से रोजगार की तलाश में होने वाले पलायन को भी कम करेगी।
योजना को मंजूरी मिलने के बाद जदयू एमएलसी नीरज कुमार ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के महिलाओं को सशक्त बनाने के प्रयासों की सराहना की। उन्होंने कहा कि 24 नवंबर 2005 के बाद से मुख्यमंत्री ने महिलाओं के उत्थान के लिए कई ऐतिहासिक कदम उठाए हैं। आज बिहार की बेटियां और बहनें पुलिस विभाग में शामिल होकर समाज की रक्षा कर रही हैं। उन्होंने जीविका समूह की महिलाओं के लिए काम किया, स्थानीयता नीति लागू की और महिलाओं को 35% आरक्षण दिया। अब प्रत्येक परिवार की महिला को आत्मनिर्भर बनाने के लिए वित्तीय सहायता दी जा रही है।
नीरज कुमार ने कहा, “कुछ नेता सिर्फ अपने परिवार के लिए काम करते हैं, लेकिन नीतीश कुमार बिहार की बेटियों और बहनों के लिए समर्पित हैं। यही असली बदलाव है जो उनके नेतृत्व में राज्य में देखने को मिला है।”
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