प्रशांत किशोर ने बिहार उपचुनाव पर दी प्रतिक्रिया, जन सुराज के 10% वोट पर जताई संतुष्टि
जन सुराज पार्टी के संस्थापक प्रशांत किशोर ने बिहार विधानसभा उपचुनाव के नतीजों पर प्रतिक्रिया देते हुए विजयी उम्मीदवारों को बधाई दी। प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने कहा कि जनता ने मौजूदा सरकार पर विश्वास जताते हुए नीतीश कुमार और भाजपा को समर्थन दिया है। उन्होंने जन सुराज के प्रयासों को जारी रखने का संकल्प दोहराया।
जन सुराज की परिकल्पना पर सकारात्मक सोच
चारों सीटों पर हार के सवाल पर प्रशांत किशोर ने कहा कि जन सुराज और उसके अभियान को अलग दृष्टिकोण से देखा जाना चाहिए। उन्होंने बताया कि बिहार के घर-घर तक अभियान पहुंचाने में दो साल का समय लगा। शुरुआती दौर में इसे लेकर संशय था, लेकिन अब राज्य में जन सुराज और बदलाव की परिकल्पना पर सकारात्मक सोच बन रही है।
जन सुराज ने एक महीने में हासिल किया 10% वोट
उन्होंने बताया कि जन सुराज दल केवल एक महीने पुराना है और इस चुनाव में 10% वोट हासिल करना एक अच्छी शुरुआत है। हालांकि, यह बड़ा आंकड़ा नहीं है, लेकिन भाजपा, जो देश की सबसे बड़ी पार्टी है, ने बिहार में 21% वोट हासिल किए। पिछले विधानसभा चुनाव में भाजपा को 19.6% वोट मिले थे।
राजद को 20%, जदयू को 11%, और जन सुराज को 10% वोट मिले। उन्होंने स्वीकार किया कि प्रदर्शन बेहतर हो सकता था, लेकिन यह पार्टी के नए होने और संगठन के अभाव के कारण सीमित था। इसके बावजूद, उन्होंने बेहतर प्रदर्शन के लिए प्रतिबद्धता जताई।
उपचुनाव में महागठबंधन का सूपड़ा साफ
प्रशांत किशोर ने कहा कि चाहे इस प्रक्रिया में 10 साल लगें, वह अपने प्रयास से पीछे नहीं हटेंगे। फिलहाल, 10% जनता ने विश्वास दिखाया है और आने वाले समय में यह आंकड़ा 50% तक पहुंचेगा।
बिहार की चार विधानसभा सीटों – रामगढ़, तरारी, इमामगंज और बेलागंज में एनडीए ने महागठबंधन को हराकर जीत दर्ज की। इनमें बेलागंज से जदयू की मनोरमा देवी, तरारी से विशाल प्रशांत, इमामगंज से दीपा मांझी, और रामगढ़ से भाजपा के अशोक सिंह विजयी रहे।
राजीव कुमार, सारस न्यूज़।
प्रशांत किशोर ने बिहार उपचुनाव पर दी प्रतिक्रिया, जन सुराज के 10% वोट पर जताई संतुष्टि
जन सुराज पार्टी के संस्थापक प्रशांत किशोर ने बिहार विधानसभा उपचुनाव के नतीजों पर प्रतिक्रिया देते हुए विजयी उम्मीदवारों को बधाई दी। प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने कहा कि जनता ने मौजूदा सरकार पर विश्वास जताते हुए नीतीश कुमार और भाजपा को समर्थन दिया है। उन्होंने जन सुराज के प्रयासों को जारी रखने का संकल्प दोहराया।
जन सुराज की परिकल्पना पर सकारात्मक सोच
चारों सीटों पर हार के सवाल पर प्रशांत किशोर ने कहा कि जन सुराज और उसके अभियान को अलग दृष्टिकोण से देखा जाना चाहिए। उन्होंने बताया कि बिहार के घर-घर तक अभियान पहुंचाने में दो साल का समय लगा। शुरुआती दौर में इसे लेकर संशय था, लेकिन अब राज्य में जन सुराज और बदलाव की परिकल्पना पर सकारात्मक सोच बन रही है।
जन सुराज ने एक महीने में हासिल किया 10% वोट
उन्होंने बताया कि जन सुराज दल केवल एक महीने पुराना है और इस चुनाव में 10% वोट हासिल करना एक अच्छी शुरुआत है। हालांकि, यह बड़ा आंकड़ा नहीं है, लेकिन भाजपा, जो देश की सबसे बड़ी पार्टी है, ने बिहार में 21% वोट हासिल किए। पिछले विधानसभा चुनाव में भाजपा को 19.6% वोट मिले थे।
राजद को 20%, जदयू को 11%, और जन सुराज को 10% वोट मिले। उन्होंने स्वीकार किया कि प्रदर्शन बेहतर हो सकता था, लेकिन यह पार्टी के नए होने और संगठन के अभाव के कारण सीमित था। इसके बावजूद, उन्होंने बेहतर प्रदर्शन के लिए प्रतिबद्धता जताई।
उपचुनाव में महागठबंधन का सूपड़ा साफ
प्रशांत किशोर ने कहा कि चाहे इस प्रक्रिया में 10 साल लगें, वह अपने प्रयास से पीछे नहीं हटेंगे। फिलहाल, 10% जनता ने विश्वास दिखाया है और आने वाले समय में यह आंकड़ा 50% तक पहुंचेगा।
बिहार की चार विधानसभा सीटों – रामगढ़, तरारी, इमामगंज और बेलागंज में एनडीए ने महागठबंधन को हराकर जीत दर्ज की। इनमें बेलागंज से जदयू की मनोरमा देवी, तरारी से विशाल प्रशांत, इमामगंज से दीपा मांझी, और रामगढ़ से भाजपा के अशोक सिंह विजयी रहे।
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