बिहार की सियासत में एक बार फिर विवाद की आंच तेज़ हो गई है। मोकामा में जनता दल (यूनाइटेड) की ओर से निकाले गए रोड शो को लेकर केंद्रीय मंत्री ललन सिंह और राज्य के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। पुलिस ने दोनों नेताओं सहित कई कार्यकर्ताओं के खिलाफ अत्यधिक लंबा काफिला निकालने और आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन के आरोप में केस दर्ज किया है।
मामला मोकामा विधानसभा क्षेत्र का है, जहाँ जेडीयू ने अनंत सिंह को अपना उम्मीदवार बनाया है। उनके समर्थन में ललन सिंह और सम्राट चौधरी ने एक विशाल रोड शो निकाला था। बताया जा रहा है कि इस रैली में सैकड़ों गाड़ियाँ शामिल थीं, जिससे ट्रैफिक जाम जैसी स्थिति बन गई। प्रशासन के बार-बार मना करने के बावजूद रैली में वाहन संख्या को नियंत्रित नहीं किया गया।
स्थानीय प्रशासन के अनुसार, रैली में निर्वाचन आयोग की गाइडलाइन का उल्लंघन हुआ है। आचार संहिता के तहत किसी भी प्रत्याशी या दल को इतने बड़े काफिले की अनुमति नहीं होती। इसी आधार पर दोनों वरिष्ठ नेताओं और आयोजकों पर मामला दर्ज किया गया है।
वहीं, जेडीयू नेताओं ने इसे राजनीतिक साज़िश करार दिया है। पार्टी के प्रवक्ता का कहना है कि विपक्ष उनकी लोकप्रियता से घबरा गया है और प्रशासन दबाव में काम कर रहा है।
मोकामा का यह मामला अब बिहार की राजनीति में नया मोड़ ले सकता है, क्योंकि अनंत सिंह की उम्मीदवारी पहले से ही सुर्खियों में थी। अब उनके समर्थन में हुई इस रैली पर कानूनी कार्रवाई ने चुनावी माहौल को और गर्मा दिया है।
सारस न्यूज, वेब डेस्क।
बिहार की सियासत में एक बार फिर विवाद की आंच तेज़ हो गई है। मोकामा में जनता दल (यूनाइटेड) की ओर से निकाले गए रोड शो को लेकर केंद्रीय मंत्री ललन सिंह और राज्य के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। पुलिस ने दोनों नेताओं सहित कई कार्यकर्ताओं के खिलाफ अत्यधिक लंबा काफिला निकालने और आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन के आरोप में केस दर्ज किया है।
मामला मोकामा विधानसभा क्षेत्र का है, जहाँ जेडीयू ने अनंत सिंह को अपना उम्मीदवार बनाया है। उनके समर्थन में ललन सिंह और सम्राट चौधरी ने एक विशाल रोड शो निकाला था। बताया जा रहा है कि इस रैली में सैकड़ों गाड़ियाँ शामिल थीं, जिससे ट्रैफिक जाम जैसी स्थिति बन गई। प्रशासन के बार-बार मना करने के बावजूद रैली में वाहन संख्या को नियंत्रित नहीं किया गया।
स्थानीय प्रशासन के अनुसार, रैली में निर्वाचन आयोग की गाइडलाइन का उल्लंघन हुआ है। आचार संहिता के तहत किसी भी प्रत्याशी या दल को इतने बड़े काफिले की अनुमति नहीं होती। इसी आधार पर दोनों वरिष्ठ नेताओं और आयोजकों पर मामला दर्ज किया गया है।
वहीं, जेडीयू नेताओं ने इसे राजनीतिक साज़िश करार दिया है। पार्टी के प्रवक्ता का कहना है कि विपक्ष उनकी लोकप्रियता से घबरा गया है और प्रशासन दबाव में काम कर रहा है।
मोकामा का यह मामला अब बिहार की राजनीति में नया मोड़ ले सकता है, क्योंकि अनंत सिंह की उम्मीदवारी पहले से ही सुर्खियों में थी। अब उनके समर्थन में हुई इस रैली पर कानूनी कार्रवाई ने चुनावी माहौल को और गर्मा दिया है।
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