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सीज़फायर की आड़ में वार, पाकिस्तान फिर निकला विश्वासघाती।

सारस न्यूज़, वेब डेस्क।

“शांति की बात और पीछे से घात, पाकिस्तान की कायराना हरकत!”

भारत और पाकिस्तान के बीच शनिवार शाम को हुए ऐतिहासिक सीज़फायर समझौते की स्याही अभी सूखी भी नहीं थी कि पाकिस्तान ने एक बार फिर भरोसे को तार-तार कर दिया। जम्मू-कश्मीर, पंजाब और राजस्थान के सीमावर्ती इलाकों में शनिवार रात ड्रोन हमलों और धमाकों ने दहशत फैला दी।

श्रीनगर में जोरदार धमाकों की आवाज़ें सुनाई दीं, जबकि उधमपुर और जम्मू के कई इलाकों में हवाई हमले की चेतावनी के तौर पर सायरन बजा दिए गए। हालात को देखते हुए जम्मू-कश्मीर, पंजाब और राजस्थान के कई हिस्सों में एहतियातन बिजली बंद कर दी गई।

सीज़फायर के बाद फिर उकसावे की कार्रवाई

दिन में पाकिस्तान ने भारत को पूर्ण सीज़फायर का प्रस्ताव दिया था, जिसमें ज़मीन, हवा और समुद्री सीमाओं पर हर प्रकार की सैन्य कार्रवाई रोकने की बात कही गई थी। विदेश मंत्रालय ने इस बात की पुष्टि भी की थी। इस पहल को अमेरिका की मध्यस्थता से जोड़ा गया, जिसमें अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अपने Truth Social अकाउंट पर इस सीज़फायर की सराहना भी की थी।

लेकिन ठीक इसी समझौते के कुछ घंटों बाद पाकिस्तान की ओर से ड्रोन के ज़रिए हमला कर दिया गया, जिससे पूरे समझौते पर सवाल खड़े हो गए हैं। भारतीय वायु रक्षा प्रणाली ने अधिकांश ड्रोन हमलों को विफल कर दिया, लेकिन हमलों की निरंतरता ने चिंता बढ़ा दी है।

श्रीनगर में दहशत, सियासत में हलचल

शनिवार देर रात श्रीनगर में धमाकों के बाद स्थानीय लोग सहम गए। जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने सोशल मीडिया पर तीखी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने X (पूर्व ट्विटर) पर लिखा, “यह सीज़फायर नहीं हो सकता! शहर के बीचोंबीच वायु रक्षा इकाइयों ने कार्रवाई शुरू कर दी है।”

एक अन्य पोस्ट में उन्होंने सवाल किया, “सीज़फायर का क्या हुआ? श्रीनगर में हर तरफ धमाके सुनाई दे रहे हैं!” उनके द्वारा साझा किए गए वीडियो में विस्फोटों की झलक भी देखी जा सकती है।

सरकार की उच्च स्तरीय बैठक

इन घटनाओं के मद्देनज़र प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार देर शाम अपने निवास पर एक आपात बैठक बुलाई। बैठक में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, विदेश मंत्री एस. जयशंकर, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल, चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल अनिल चौहान, वायुसेना प्रमुख एपी सिंह, थलसेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी, नौसेना प्रमुख एडमिरल दिनेश के त्रिपाठी और विदेश सचिव विक्रम मिस्री सहित शीर्ष अधिकारी मौजूद थे।

आगे क्या?

हालांकि भारत-पाकिस्तान के बीच गोलीबारी रोकने की घोषणा हो चुकी है, लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और बयां कर रही है। ड्रोन हमलों की लगातार घटनाओं से यह स्पष्ट है कि पाकिस्तान की ओर से या तो सीज़फायर का पालन नहीं हो रहा या फिर उसके इरादे शुरू से ही संदेहास्पद थे।

भारत ने एक बार फिर दुनिया के सामने यह संदेश दिया है कि शांति की पहल उसका मूल स्वभाव है, लेकिन राष्ट्रीय सुरक्षा के साथ कोई समझौता नहीं किया जाएगा।


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