इंदौर में प्रशासन ने घी मिलावट का एक बड़ा मामला उजागर किया है। बुधवार को एक संयुक्त दल ने इधर कार्रवाई कर लगभग 3,400 लीटर मिलावटी घी जब्त कर एक फैक्ट्री को सील कर दिया है।
मुख्य जानकारी इस प्रकार है:
कार्रवाई में शामिल दल में जिला प्रशासन, Food and Drug Administration, Madhya Pradesh (खाद्य एवं औषधि विभाग) तथा Crime Branch Indore शामिल थे। उन्होंने जिले के Shri Ram Milk & Food Dairy नामक स्थापना (पालदा क्षेत्र) में छापा मारा।
प्रारम्भिक जांच में यहां पकड़े गए घी के नमूनों में गंभीर गड़बड़ियों के संकेत मिले। जांच में पाया गया कि फैक्ट्री में विभिन्न ब्रांड नामों से घी पैकिंग हो रही थी — जैसे “Mother’s Choice”, “Milk Cream” आदि।
निरीक्षण दल ने फैक्ट्री परिसर में सफेद रंग का एक चर्बी जैसा पदार्थ भी पाया, जिस पर प्रारम्भिक परीक्षण में दूध की चर्बी नहीं, बल्कि शंका के आधार पर शाक-चरबी पाया गया।
नकली घी का जखीरा हजारों लीटर नकली घी तैयार किया जा रहा है ,
हमारे और आपको घरों में कैंसर नकली घी के रूप में पहुंच रहा है।
लेकिन जब तक FSSAI के अधिकारी सोकर उठेंगे आधा भारत कैंसर युक्त हो चुका होगा !! pic.twitter.com/V3MXf3Cxvj
इस मिलावटखोरी के कारण फैक्ट्री को जिला प्रशासन के आदेश से तत्काल प्रभाव से बंद कर दिया गया।
जब्त की गई मिलावटी घी की मात्रा लगभग 3,400 लीटर थी, जिसकी अनुमानित कीमत लगभग ₹17 लाख है।
अलग-अलग पैक तथा खुले घी के ब्रांड-नामों जैसे “Kaivalya Fresh Super Desi Ghee”, “Sabho Delicious Desi Ghee”, “Dairy Power Ghee”, “SRMI Mother’s Choice Cow Ghee” आदि के कुल 10 नमूने लिए गए हैं, जिन्हें विस्तृत परीक्षण के लिए राज्य खाद्य प्रयोगशाला भोपाल भेजा जाएगा।
जिला कलेक्टर Shivam Verma ने कहा: “नागरिकों को शुद्ध व सुरक्षित खाद्य सामग्री मुहैया कराना हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है। इस तरह की मिलावट-क्रियाओं के खिलाफ सख्त कार्रवाई भविष्य में भी निरंतर जारी रहेगी।”
विश्लेषण एवं मत: यह मामला यह दर्शाता है कि खाद्य सुरक्षा व्यवस्था में अभी भी काफी चुनौतियाँ हैं — जहाँ लोकप्रिय उपभोक्ता वस्तु जैसे घी तक में मिलावट हो रही हो। प्रशासन की इस कार्रवाई से यह संदेश गया कि मिलावटखोरी पर कार्रवाई संभव है लेकिन साथ ही यह दो बातें भी उजागर करता है:
निरीक्षण तथा नमूना-परीक्षण तंत्र में सक्रियता की आवश्यकता है।
उपभोक्ताओं को सतर्क रहने की जरूरत है — भरोसेमंद ब्रांड, पैकिंग की जांच, प्रमाण-चिन्ह आदि देखने चाहिए।
सारस न्यूज़, वेब डेस्क।
इंदौर में प्रशासन ने घी मिलावट का एक बड़ा मामला उजागर किया है। बुधवार को एक संयुक्त दल ने इधर कार्रवाई कर लगभग 3,400 लीटर मिलावटी घी जब्त कर एक फैक्ट्री को सील कर दिया है।
मुख्य जानकारी इस प्रकार है:
कार्रवाई में शामिल दल में जिला प्रशासन, Food and Drug Administration, Madhya Pradesh (खाद्य एवं औषधि विभाग) तथा Crime Branch Indore शामिल थे। उन्होंने जिले के Shri Ram Milk & Food Dairy नामक स्थापना (पालदा क्षेत्र) में छापा मारा।
प्रारम्भिक जांच में यहां पकड़े गए घी के नमूनों में गंभीर गड़बड़ियों के संकेत मिले। जांच में पाया गया कि फैक्ट्री में विभिन्न ब्रांड नामों से घी पैकिंग हो रही थी — जैसे “Mother’s Choice”, “Milk Cream” आदि।
निरीक्षण दल ने फैक्ट्री परिसर में सफेद रंग का एक चर्बी जैसा पदार्थ भी पाया, जिस पर प्रारम्भिक परीक्षण में दूध की चर्बी नहीं, बल्कि शंका के आधार पर शाक-चरबी पाया गया।
नकली घी का जखीरा हजारों लीटर नकली घी तैयार किया जा रहा है ,
हमारे और आपको घरों में कैंसर नकली घी के रूप में पहुंच रहा है।
लेकिन जब तक FSSAI के अधिकारी सोकर उठेंगे आधा भारत कैंसर युक्त हो चुका होगा !! pic.twitter.com/V3MXf3Cxvj
इस मिलावटखोरी के कारण फैक्ट्री को जिला प्रशासन के आदेश से तत्काल प्रभाव से बंद कर दिया गया।
जब्त की गई मिलावटी घी की मात्रा लगभग 3,400 लीटर थी, जिसकी अनुमानित कीमत लगभग ₹17 लाख है।
अलग-अलग पैक तथा खुले घी के ब्रांड-नामों जैसे “Kaivalya Fresh Super Desi Ghee”, “Sabho Delicious Desi Ghee”, “Dairy Power Ghee”, “SRMI Mother’s Choice Cow Ghee” आदि के कुल 10 नमूने लिए गए हैं, जिन्हें विस्तृत परीक्षण के लिए राज्य खाद्य प्रयोगशाला भोपाल भेजा जाएगा।
जिला कलेक्टर Shivam Verma ने कहा: “नागरिकों को शुद्ध व सुरक्षित खाद्य सामग्री मुहैया कराना हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है। इस तरह की मिलावट-क्रियाओं के खिलाफ सख्त कार्रवाई भविष्य में भी निरंतर जारी रहेगी।”
विश्लेषण एवं मत: यह मामला यह दर्शाता है कि खाद्य सुरक्षा व्यवस्था में अभी भी काफी चुनौतियाँ हैं — जहाँ लोकप्रिय उपभोक्ता वस्तु जैसे घी तक में मिलावट हो रही हो। प्रशासन की इस कार्रवाई से यह संदेश गया कि मिलावटखोरी पर कार्रवाई संभव है लेकिन साथ ही यह दो बातें भी उजागर करता है:
निरीक्षण तथा नमूना-परीक्षण तंत्र में सक्रियता की आवश्यकता है।
उपभोक्ताओं को सतर्क रहने की जरूरत है — भरोसेमंद ब्रांड, पैकिंग की जांच, प्रमाण-चिन्ह आदि देखने चाहिए।
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