गुजरात के कच्छ जिले के कपुष्ठी इलाके से एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है। यहां गोडोदर पुलिस ने रापर तालुका के चितरोड क्षेत्र में स्थित एक फैक्ट्री पर छापा मारकर नकली कोलगेट टूथपेस्ट बनाने वाले गिरोह का पर्दाफाश किया है। पुलिस ने मौके से चार आरोपियों को गिरफ्तार किया और फैक्ट्री से लाखों रुपये मूल्य का नकली माल जब्त किया है।
सूत्रों के मुताबिक, पुलिस जब फैक्ट्री पहुंची तो वहां पर उत्पादन लाइन पूरी तरह सक्रिय थी। टूथपेस्ट की ट्यूब, पैकेट, बॉक्स और लेबल देखकर ऐसा लग रहा था जैसे असली Colgate का उत्पादन चल रहा हो। लेकिन जब सामग्री की जांच की गई, तो उसके रंग, गंध और गुणवत्ता ने फर्जीवाड़े की पोल खोल दी।
पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ कॉपीराइट उल्लंघन, धोखाधड़ी और उपभोक्ता स्वास्थ्य को खतरे में डालने की धाराओं में मामला दर्ज किया है। फिलहाल आरोपियों से पूछताछ जारी है ताकि यह पता लगाया जा सके कि नकली टूथपेस्ट की सप्लाई नेटवर्क राज्य के किन-किन इलाकों तक फैली हुई थी।
🔹 सोशल मीडिया पर मचा हंगामा
इस खुलासे के बाद सोशल मीडिया पर लोगों में आक्रोश और चिंता देखने को मिल रही है। Reddit प्लेटफॉर्म पर एक यूजर ने लिखा कि यह फैक्ट्री केवल कोलगेट ही नहीं, बल्कि Sensodyne और Close-Up जैसे नामी ब्रांड्स की नकली प्रोडक्ट्स भी बना रही थी। वहां की मशीनें, पैकिंग सामग्री और लेबल देखकर कोई भी भ्रमित हो सकता था।
एक अन्य यूजर ने लिखा, “यह जानकर डर लगता है कि हम हर दिन जिस चीज़ से ब्रश करते हैं, वही हमारी सेहत के लिए ज़हर साबित हो सकती है।”
🔹 उपभोक्ता सुरक्षा पर उठे सवाल
इस घटना ने उपभोक्ता सुरक्षा को लेकर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि इस तरह की घटनाएं यह साबित करती हैं कि रोजमर्रा की वस्तुओं की गुणवत्ता जांच प्रणाली को और अधिक सख्त करने की ज़रूरत है।
पुलिस का कहना है कि मामले की गहन जांच जारी है और उपभोक्ता मामलों की एजेंसियों को भी जांच में शामिल किया गया है। प्रशासन का दावा है कि दोषियों के खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाएगी ताकि भविष्य में कोई भी इस तरह की हरकत करने की हिम्मत न करे।
सारस न्यूज़, वेब डेस्क।
गुजरात के कच्छ जिले के कपुष्ठी इलाके से एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है। यहां गोडोदर पुलिस ने रापर तालुका के चितरोड क्षेत्र में स्थित एक फैक्ट्री पर छापा मारकर नकली कोलगेट टूथपेस्ट बनाने वाले गिरोह का पर्दाफाश किया है। पुलिस ने मौके से चार आरोपियों को गिरफ्तार किया और फैक्ट्री से लाखों रुपये मूल्य का नकली माल जब्त किया है।
सूत्रों के मुताबिक, पुलिस जब फैक्ट्री पहुंची तो वहां पर उत्पादन लाइन पूरी तरह सक्रिय थी। टूथपेस्ट की ट्यूब, पैकेट, बॉक्स और लेबल देखकर ऐसा लग रहा था जैसे असली Colgate का उत्पादन चल रहा हो। लेकिन जब सामग्री की जांच की गई, तो उसके रंग, गंध और गुणवत्ता ने फर्जीवाड़े की पोल खोल दी।
पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ कॉपीराइट उल्लंघन, धोखाधड़ी और उपभोक्ता स्वास्थ्य को खतरे में डालने की धाराओं में मामला दर्ज किया है। फिलहाल आरोपियों से पूछताछ जारी है ताकि यह पता लगाया जा सके कि नकली टूथपेस्ट की सप्लाई नेटवर्क राज्य के किन-किन इलाकों तक फैली हुई थी।
🔹 सोशल मीडिया पर मचा हंगामा
इस खुलासे के बाद सोशल मीडिया पर लोगों में आक्रोश और चिंता देखने को मिल रही है। Reddit प्लेटफॉर्म पर एक यूजर ने लिखा कि यह फैक्ट्री केवल कोलगेट ही नहीं, बल्कि Sensodyne और Close-Up जैसे नामी ब्रांड्स की नकली प्रोडक्ट्स भी बना रही थी। वहां की मशीनें, पैकिंग सामग्री और लेबल देखकर कोई भी भ्रमित हो सकता था।
एक अन्य यूजर ने लिखा, “यह जानकर डर लगता है कि हम हर दिन जिस चीज़ से ब्रश करते हैं, वही हमारी सेहत के लिए ज़हर साबित हो सकती है।”
🔹 उपभोक्ता सुरक्षा पर उठे सवाल
इस घटना ने उपभोक्ता सुरक्षा को लेकर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि इस तरह की घटनाएं यह साबित करती हैं कि रोजमर्रा की वस्तुओं की गुणवत्ता जांच प्रणाली को और अधिक सख्त करने की ज़रूरत है।
पुलिस का कहना है कि मामले की गहन जांच जारी है और उपभोक्ता मामलों की एजेंसियों को भी जांच में शामिल किया गया है। प्रशासन का दावा है कि दोषियों के खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाएगी ताकि भविष्य में कोई भी इस तरह की हरकत करने की हिम्मत न करे।
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