बुधवार को 09वें अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर अर्राबाड़ी स्थित मात्स्यिकी महाविद्यालय के राष्ट्रीय सेवा कोर इकाई के प्रभारी एवं एक्वाकल्चर विभाग के प्राध्यापक डॉ. नरेश राजकीर द्वारा योग जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस अवसर पर महाविद्यालय में उपस्थित सभी छात्र – छात्राएं, शैक्षणिक एवं गैर शैक्षणिक कर्मियों ने बढ़ चढ़ कर हिस्सा लिया। कार्यक्रम का उद्घाटन करते हुए मात्स्यिकी महाविद्यालय के अधिष्ठाता डॉ. वी. पी. सैनी ने छात्रों के बीच अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के बारे में बताया एवं महत्वपूर्ण योगासनों की जानकारी दी। योग की महत्ता बताते हुए उन्होंने आज के युवाओं से योग को दैनिक जीवन में अपनाने हेतु अपील की ताकि विशिष्ट योगासनों द्वारा वे दौड़ – भाग वाले रोजमर्रा के जीवन में भी स्वयं को मानसिक एवं शारीरिक रूप से तंदुरुस्त रख सके। आयोजन के मुख्य प्रशिक्षक एवं सचेतक के रूप में जलीय जीव स्वास्थ्य प्रबंधन विभाग के प्राध्यापक भारतेन्दु विमल की महती भूमिका रही एवं कार्यक्रम में सम्मिलित सभी शैक्षणिक, गैर शैक्षणिक कर्मी एवं छात्र-छात्राओं को कुछ महत्वपूर्ण योगाभ्यास करवाये। प्राध्यापक भारतेन्दु विमल ने बताया कि अगर आप रोजाना सुबह उठकर इसका अभ्यास करते हैं तो योग आपके लिए बहुत फायदेमंद है। यह मन और शरीर का एक संयुक्त वर्कआउट है जो आपके मस्तिष्क के कार्यों को बढ़ाता है। प्रात: योग करने से दिन भर के मानसिक तनाव से छुटकारा मिल जाता है एवं सभी कार्य आसानी एवं सरलता से हो जाते हैं। उन्होंने बताया कि योग वजन घटाने में अत्यधिक सहायक है। सूर्य नमस्कार, योग का ऐसा अंग है जो वजन कम करने में अत्यंत सहायक है। प्रतिदिन सूर्य नमस्कार करने से व्यक्ति का हर दिन 10 ग्राम तक वजन कम होता है। उन्होंने कहा कि डाईबिटीज एक ऐसी बीमारी है जो कभी ठीक नहीं होती। लेकिन ऐसा नहीं है, योग और प्राणायाम से इस बीमारी का इलाज भी संभव है। योग के नियमित अभ्यास से डाईबिटीज जैसी बीमारी से राहत पाई जा सकती है। योग से मष्तिष्क सक्रिय होता है और शारीरिक ऊर्जा में वृद्धि होती है, जिससे व्यवक्तिे का मन किसी भी कार्य में व्यवस्थित रूप से लगा रहता है एवं उसके सभी काम समय पर होने से उसका आत्मविश्वास भी बढ़ता है । योग की सावधानियां के बारे बताते हुए उन्होंने कहा कि योग सुबह या शाम के समय करना ज्या्दा बेहतर होता है। योग हमेशा खाली पेट करना चाहिए। योग अपने शरीर के हिसाब से करना चाहिए, जो आसन आप कर सकते हैं, वही आसन करें।
सारस न्यूज, किशनगंज।
बुधवार को 09वें अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर अर्राबाड़ी स्थित मात्स्यिकी महाविद्यालय के राष्ट्रीय सेवा कोर इकाई के प्रभारी एवं एक्वाकल्चर विभाग के प्राध्यापक डॉ. नरेश राजकीर द्वारा योग जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस अवसर पर महाविद्यालय में उपस्थित सभी छात्र – छात्राएं, शैक्षणिक एवं गैर शैक्षणिक कर्मियों ने बढ़ चढ़ कर हिस्सा लिया। कार्यक्रम का उद्घाटन करते हुए मात्स्यिकी महाविद्यालय के अधिष्ठाता डॉ. वी. पी. सैनी ने छात्रों के बीच अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के बारे में बताया एवं महत्वपूर्ण योगासनों की जानकारी दी। योग की महत्ता बताते हुए उन्होंने आज के युवाओं से योग को दैनिक जीवन में अपनाने हेतु अपील की ताकि विशिष्ट योगासनों द्वारा वे दौड़ – भाग वाले रोजमर्रा के जीवन में भी स्वयं को मानसिक एवं शारीरिक रूप से तंदुरुस्त रख सके। आयोजन के मुख्य प्रशिक्षक एवं सचेतक के रूप में जलीय जीव स्वास्थ्य प्रबंधन विभाग के प्राध्यापक भारतेन्दु विमल की महती भूमिका रही एवं कार्यक्रम में सम्मिलित सभी शैक्षणिक, गैर शैक्षणिक कर्मी एवं छात्र-छात्राओं को कुछ महत्वपूर्ण योगाभ्यास करवाये। प्राध्यापक भारतेन्दु विमल ने बताया कि अगर आप रोजाना सुबह उठकर इसका अभ्यास करते हैं तो योग आपके लिए बहुत फायदेमंद है। यह मन और शरीर का एक संयुक्त वर्कआउट है जो आपके मस्तिष्क के कार्यों को बढ़ाता है। प्रात: योग करने से दिन भर के मानसिक तनाव से छुटकारा मिल जाता है एवं सभी कार्य आसानी एवं सरलता से हो जाते हैं। उन्होंने बताया कि योग वजन घटाने में अत्यधिक सहायक है। सूर्य नमस्कार, योग का ऐसा अंग है जो वजन कम करने में अत्यंत सहायक है। प्रतिदिन सूर्य नमस्कार करने से व्यक्ति का हर दिन 10 ग्राम तक वजन कम होता है। उन्होंने कहा कि डाईबिटीज एक ऐसी बीमारी है जो कभी ठीक नहीं होती। लेकिन ऐसा नहीं है, योग और प्राणायाम से इस बीमारी का इलाज भी संभव है। योग के नियमित अभ्यास से डाईबिटीज जैसी बीमारी से राहत पाई जा सकती है। योग से मष्तिष्क सक्रिय होता है और शारीरिक ऊर्जा में वृद्धि होती है, जिससे व्यवक्तिे का मन किसी भी कार्य में व्यवस्थित रूप से लगा रहता है एवं उसके सभी काम समय पर होने से उसका आत्मविश्वास भी बढ़ता है । योग की सावधानियां के बारे बताते हुए उन्होंने कहा कि योग सुबह या शाम के समय करना ज्या्दा बेहतर होता है। योग हमेशा खाली पेट करना चाहिए। योग अपने शरीर के हिसाब से करना चाहिए, जो आसन आप कर सकते हैं, वही आसन करें।
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