हजरत मोहम्मद इमाम हुसैन की शहादत के याद में मनाए जाने वाले मुहर्रम के अवसर पर सोमवार को झुनकी मुसहरा पंचायत स्थित पवित्र मजार पर चादरपोशी की गई। प्रत्येक वर्ष की भांति इस वर्ष भी मुहर्रम की नौंवी पर पूरब व पश्चिम मुसहरा में पवित्र मजार पर हजारों की संख्या में मुस्लिम धर्मावलंबियों ने इमाम मेहंदी हसन शाह व इमाम चमरु हसन शाह के याद में मजार पर चादरपोशी की।
पवित्र मजार के पास ही करबला मैदान है जहां सैकड़ों की संख्या में लोग लाठी, भाला व ताजिया से लैस होकर करबला मैदान में पहुंचे। सभी लोग या अली या हुसैन के नारे लगा रहे थे। हजारों की संख्या में युवक, युवतियां, बूढ़े व बच्चे मेला में शरीक हुए। टेढ़ा गाछ प्रखंड में गंगा-जमुनी की तहजीब को लेकर आज लोग सतर्क हैं। सभी धर्मों के लोग एक-दूसरे के पर्व-त्योहार में शामिल हुए। मुहर्रम का त्योहार धर्म के प्रति समर्पण व त्याग की भावना को दर्शाता है।
धार्मिक ख्यालात के लोग मुहर्रम में खुशी मनाने के बदले गम मनाने पर जोर देते हैं। जगह-जगह में मेला का आयोजन किया जा रहा है। जिससे मुहर्रम पर्व की रौनक खत्म होती जा रही है। ताजिया जुलूस अब पूर्व की भांति नहीं निकल रहा है। करबला मैदान में सभी जगहों पर पुलिस बल की तैनाती की गई है। असामाजिक व शरारती तत्वों पर पुलिस की पैनी नजर है। जुलूस में नशा सेवन कर माहौल बिगाड़ने वालों पर नकेल कसने की तैयारी की गई है।
सारस न्यूज टीम, टेढ़ागाछ।
हजरत मोहम्मद इमाम हुसैन की शहादत के याद में मनाए जाने वाले मुहर्रम के अवसर पर सोमवार को झुनकी मुसहरा पंचायत स्थित पवित्र मजार पर चादरपोशी की गई। प्रत्येक वर्ष की भांति इस वर्ष भी मुहर्रम की नौंवी पर पूरब व पश्चिम मुसहरा में पवित्र मजार पर हजारों की संख्या में मुस्लिम धर्मावलंबियों ने इमाम मेहंदी हसन शाह व इमाम चमरु हसन शाह के याद में मजार पर चादरपोशी की।
पवित्र मजार के पास ही करबला मैदान है जहां सैकड़ों की संख्या में लोग लाठी, भाला व ताजिया से लैस होकर करबला मैदान में पहुंचे। सभी लोग या अली या हुसैन के नारे लगा रहे थे। हजारों की संख्या में युवक, युवतियां, बूढ़े व बच्चे मेला में शरीक हुए। टेढ़ा गाछ प्रखंड में गंगा-जमुनी की तहजीब को लेकर आज लोग सतर्क हैं। सभी धर्मों के लोग एक-दूसरे के पर्व-त्योहार में शामिल हुए। मुहर्रम का त्योहार धर्म के प्रति समर्पण व त्याग की भावना को दर्शाता है।
धार्मिक ख्यालात के लोग मुहर्रम में खुशी मनाने के बदले गम मनाने पर जोर देते हैं। जगह-जगह में मेला का आयोजन किया जा रहा है। जिससे मुहर्रम पर्व की रौनक खत्म होती जा रही है। ताजिया जुलूस अब पूर्व की भांति नहीं निकल रहा है। करबला मैदान में सभी जगहों पर पुलिस बल की तैनाती की गई है। असामाजिक व शरारती तत्वों पर पुलिस की पैनी नजर है। जुलूस में नशा सेवन कर माहौल बिगाड़ने वालों पर नकेल कसने की तैयारी की गई है।
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