एबीवीपी बहादुरगंज नगर इकाई द्वारा 74 वें स्थापना दिवस को उल्लास पूर्वक मनाया गया। प्रखण्ड के ब्रिलियंट पॉइन्ट समेश्वर् में ध्वजारोहण के पश्चात क्वीज प्रतियोगिता का किया गया आयोजन।
74 वें स्थापना दिवस के अवसर पर अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के बहादुरगंज के नगर मंत्री धीरज सिन्हा ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद की स्थापना राष्ट्र के पुनर्निर्माण के व्यापक संदर्भ की लक्ष्य रखते हुए की गई थी। आज विद्यार्थी परिषद माँ भारती की जयकार की यात्रा के 74 वर्ष पूर्ण होने एवं 75 वें वर्ष में स्थापना के अमृत महोत्सव एवं गौरवपूर्ण वर्ष में प्रवेश किया है। विद्यार्थी परिषद स्थापना काल से ही की संघर्ष, सेवा, समर्पण और राष्ट्रभक्ति की यात्रा सतत् में है एवं यह कार्य सदेव जारी रहेगी। आजादी के बाद एक मजबूत राष्ट्र के निर्माण और अपनी संस्कृति को बचाए और बनाए रखने के लिए पूरे देश ने एक विकसित और मॉडर्न देश का सपना देखा। इसमें विश्वविद्यालयों में पढ़ने वाले युवाओं की समुचित भागीदारी के लिए 9 जुलाई 1949 को अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद की स्थापना की गई थी। हालांकि कहा जाता है कि अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद की स्थापना 1948 में हुई थी। इसके पीछे आरएसएस एक्टिविस्ट बलराज मधोक का दिमाग था। लेकिन इसका औपचारिक रजिस्ट्रेशन 9 जुलाई 1949 को हुआ।
मौके पर विद्यार्थी परिषद के नगर सह मंत्री काबुल सिन्हा ने इस संगठन का मकसद देश के विश्वविद्यालयों में पनप रही वामपंथी विचारधारा की काट तैयार करना था। बॉम्बे यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर यशवंतराव केलकर 1958 में इसके मुख्य ऑर्गेनाइजर बने। केलकर को ही इस संगठन को खड़ा करने के पीछे का मुख्य चेहरा बताया जाता है। एवं क्वीज प्रतियोगिता में रोसनी,राजा, अरमान तीनों को परिषद द्वारा पुरस्कृत किया गया।
मौके पर ब्रिलियंट पॉइन्ट समेश्वर के शिक्षक गौतम कुमार,सहरोज, सूरज सिन्हा, विशाल सिन्हा, पिंकू सिन्हा, कन्हैया सिन्हा, विपुल दास, मानव आदि कार्यकर्ता एवं छात्र उपस्थित थे।
देवाशीष चटर्जी, सारस न्यूज़, बहादुरगंज।
74 वें स्थापना दिवस के अवसर पर अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के बहादुरगंज के नगर मंत्री धीरज सिन्हा ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद की स्थापना राष्ट्र के पुनर्निर्माण के व्यापक संदर्भ की लक्ष्य रखते हुए की गई थी। आज विद्यार्थी परिषद माँ भारती की जयकार की यात्रा के 74 वर्ष पूर्ण होने एवं 75 वें वर्ष में स्थापना के अमृत महोत्सव एवं गौरवपूर्ण वर्ष में प्रवेश किया है। विद्यार्थी परिषद स्थापना काल से ही की संघर्ष, सेवा, समर्पण और राष्ट्रभक्ति की यात्रा सतत् में है एवं यह कार्य सदेव जारी रहेगी। आजादी के बाद एक मजबूत राष्ट्र के निर्माण और अपनी संस्कृति को बचाए और बनाए रखने के लिए पूरे देश ने एक विकसित और मॉडर्न देश का सपना देखा। इसमें विश्वविद्यालयों में पढ़ने वाले युवाओं की समुचित भागीदारी के लिए 9 जुलाई 1949 को अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद की स्थापना की गई थी। हालांकि कहा जाता है कि अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद की स्थापना 1948 में हुई थी। इसके पीछे आरएसएस एक्टिविस्ट बलराज मधोक का दिमाग था। लेकिन इसका औपचारिक रजिस्ट्रेशन 9 जुलाई 1949 को हुआ।
मौके पर विद्यार्थी परिषद के नगर सह मंत्री काबुल सिन्हा ने इस संगठन का मकसद देश के विश्वविद्यालयों में पनप रही वामपंथी विचारधारा की काट तैयार करना था। बॉम्बे यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर यशवंतराव केलकर 1958 में इसके मुख्य ऑर्गेनाइजर बने। केलकर को ही इस संगठन को खड़ा करने के पीछे का मुख्य चेहरा बताया जाता है। एवं क्वीज प्रतियोगिता में रोसनी,राजा, अरमान तीनों को परिषद द्वारा पुरस्कृत किया गया।
मौके पर ब्रिलियंट पॉइन्ट समेश्वर के शिक्षक गौतम कुमार,सहरोज, सूरज सिन्हा, विशाल सिन्हा, पिंकू सिन्हा, कन्हैया सिन्हा, विपुल दास, मानव आदि कार्यकर्ता एवं छात्र उपस्थित थे।
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