बिहार राज्य इम्पलाइज यूनियन पटना के आह्वान पर किशनगंज जिले के कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय में पदस्थापित शिक्षक व कर्मचारियों ने समाहरणालय के समक्ष 10 सूत्री मांगों को लेकर धरना दिया। प्रदर्शनकारियों ने बताया कि जिले में संचालित कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय में पदस्थापित शिक्षक व कर्मी को जो सुविधा बिहार शिक्षा परियोजना के कर्मियों को मिलता है, उससे हमलोगों को वंचित रखा जाता है। कर्मियों को 24 घंटा काम कराया जाता है। छुट्टी के नाम पर मात्र 16 आकस्मिक अवकाश है। स्थानांतरण का भी प्रावधान नहीं है।
इनलोगों ने कहा कि 24 घंटे कार्य के बावजूद कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय कर्मियों को बहुत ही न्यूनतम वेतन का भुगतान किया जाता है। बताया कि 10 सूत्री मांगों में पहली मांग आवासीय विद्यालय के शिक्षक एवं शिक्षकेत्तर कर्मियों के समान वेतन, भत्ता व अन्य सुविधा, निर्धारित वेतन का भुगतान अप्रैल 2021 के प्रभाव से लागू किया जाए, वेतन बढ़ोत्तरी का प्रस्ताव समग्र शिक्षा कार्यक्रम के वार्षिक कार्ययोजना एवं बजट 2022 में रखते हुए किया जाए, कर्मियों की सेवा 65 वर्ष की आयु तक 2016 के प्रभाव से विस्तारित की जाए, आश्रितों को अनुकंपा के आधार पर नौकरी एवं 4 लाख रूपये का अनुदान राशि दी जाए तथा सभी कर्मियों को सेवा पुस्तिका संधारित की जाए। सभी प्रकार अवकाश व आकस्मिक एवं मातृत्व अवकाश दी जाए। दैनिक भोगी कर्मी जो 2008 से आज तक कार्यरत हैं, उन्हें स्थाई करायी जाए व्यवसायिक प्रशिक्षण अनुदेशिका जो 2007 से आज तक कार्यरत हैं स्थाई कर्मी नहीं माना जाता है। उन्हें स्थाई किया जाए एवं कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय के कर्मियों को प्रतिनियुक्त की प्रक्रिया तैयार कराई जाए। इस मौके पर कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय शिक्षक व कर्मी उपस्थित थे।
सारस न्यूज, किशनगंज।
बिहार राज्य इम्पलाइज यूनियन पटना के आह्वान पर किशनगंज जिले के कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय में पदस्थापित शिक्षक व कर्मचारियों ने समाहरणालय के समक्ष 10 सूत्री मांगों को लेकर धरना दिया। प्रदर्शनकारियों ने बताया कि जिले में संचालित कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय में पदस्थापित शिक्षक व कर्मी को जो सुविधा बिहार शिक्षा परियोजना के कर्मियों को मिलता है, उससे हमलोगों को वंचित रखा जाता है। कर्मियों को 24 घंटा काम कराया जाता है। छुट्टी के नाम पर मात्र 16 आकस्मिक अवकाश है। स्थानांतरण का भी प्रावधान नहीं है।
इनलोगों ने कहा कि 24 घंटे कार्य के बावजूद कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय कर्मियों को बहुत ही न्यूनतम वेतन का भुगतान किया जाता है। बताया कि 10 सूत्री मांगों में पहली मांग आवासीय विद्यालय के शिक्षक एवं शिक्षकेत्तर कर्मियों के समान वेतन, भत्ता व अन्य सुविधा, निर्धारित वेतन का भुगतान अप्रैल 2021 के प्रभाव से लागू किया जाए, वेतन बढ़ोत्तरी का प्रस्ताव समग्र शिक्षा कार्यक्रम के वार्षिक कार्ययोजना एवं बजट 2022 में रखते हुए किया जाए, कर्मियों की सेवा 65 वर्ष की आयु तक 2016 के प्रभाव से विस्तारित की जाए, आश्रितों को अनुकंपा के आधार पर नौकरी एवं 4 लाख रूपये का अनुदान राशि दी जाए तथा सभी कर्मियों को सेवा पुस्तिका संधारित की जाए। सभी प्रकार अवकाश व आकस्मिक एवं मातृत्व अवकाश दी जाए। दैनिक भोगी कर्मी जो 2008 से आज तक कार्यरत हैं, उन्हें स्थाई करायी जाए व्यवसायिक प्रशिक्षण अनुदेशिका जो 2007 से आज तक कार्यरत हैं स्थाई कर्मी नहीं माना जाता है। उन्हें स्थाई किया जाए एवं कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय के कर्मियों को प्रतिनियुक्त की प्रक्रिया तैयार कराई जाए। इस मौके पर कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय शिक्षक व कर्मी उपस्थित थे।
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